अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के कोतमा नगर में जम्मू कश्मीर के पहलगाम बेसरान घाटी में हुए आतंकी हमले के दौरान चिरमिरी छत्तीसगढ़ के 11 पार्यटकों की जान बचाने वाले नजाकत अली का शनिवार की रात कोतमा नगर आगमन पर नपा अध्यक्ष ने सम्मान किया। कोतमा के चूड़ी व्यापारी मंसूर अहमद ने बताया कि वह दिल्ली से कोतमा लौट रहे थे, इसी ट्रेन में नजाकत भी चिरमिरी जाने के लिए यात्रा कर रहे थे। नजाकत अहमद शाह ने बताया कि उनका परिवार वर्षों से गर्म कपड़े बेचने आता रहा है। चिरमिरी में भी वह कपड़े का व्यापार करने के लिए जाया करते हैं। चिरमिरी हमारा दूसरा घर हैं, जिससे कई परिवारों से परिवारिक संबंध बन गये हैं। जिसकी वजह से वह जब यहां के लोग जम्मू कश्मीर घूमने के लिए कुलदीप स्थापक ,अरविंद अग्रवाल, हैप्पी बधावान और शिवांश जैन के परिवार के 11 सदस्य जम्मू कश्मीर घूमने गये, जिन्हें बेसरन घाटी घुमाने लेकर गया था। इसी दौरान घाटी में अचानक आतंकियों ने गोलियां बरसाना शुरू कर दीं। नजाकत ने बताया कि, वक्त सेकेंडों का था, गोलियां चल रही थीं, बच्चे और महिलाएं डर में थे। वहां मैं ही उनका जानकार और सहारा था। इसलिए बिना देर किए सभी को नीचे चट्टानों की ओट देकर सुरक्षित रास्ते से होटल तक ले आया। इस हमले में नजाकत के ममेरे भाई की भी मृत्यु हो गई थी, फिर भी उसने हिम्मत नहीं छोड़ी और साथ आए लोगों को सुरक्षित बचाया। आतंकियों ने नज़ाकत के ममेरे भाई को भी मार डाला गया था।
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