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राजस्थान के जल संकट में बड़ी राहत! ईसरदा डैम प्रोजेक्ट से इन शहरों तक पहुंचेगा पानी, जानिए पूरी योजना

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जयपुर की जीवन रेखा बीसलपुर बांध का पानी इस साल से चंबल नदी में व्यर्थ नहीं बहेगा। बीसलपुर बांध जब ओवरफ्लो होगा तो लगभग बनकर तैयार हो चुके ईसरदा बांध को लबालब भर देगा। जल संसाधन विभाग की ओर से बीसलपुर बांध की डाउनस्ट्रीम से लिंक डायवर्जन का काम तेजी से चल रहा है। इस साल से बनास नदी का पानी ईसरदा बांध में पहुंचने पर दौसा और सवाई माधोपुर के 1200 से ज्यादा गांवों को भरपूर पेयजल मिलेगा।

बांध का 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण
राजस्थान में पेयजल संकट के समाधान के लिए युद्ध स्तर पर चल रहा ईसरदा बांध परियोजना का लंबित कार्य अब अंतिम चरण में है। संभवत: इस वर्ष मानसून के दौरान बीसलपुर बांध से चंबल नदी में छोड़ा गया पानी अब ईसरदा बांध में संग्रहित किया जाएगा। जिससे दौसा व सवाई माधोपुर शहर सहित जिले के 1200 से अधिक गांवों को पेयजल संकट से बड़ी राहत मिलने जा रही है।

इस मानसून में शुरू होगा जल संग्रहण
ईसरदा बांध का 92 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और इस मानसून में बांध में वर्षा जल का संग्रहण शुरू हो जाएगा। फिलहाल बांध के सभी 28 पियर, 28 रेडियल गेट, 84 गार्डर व 56 हाइड्रोलिक सिलेंडर पूरी तरह स्थापित हो चुके हैं। स्पिलवे और बांध का काम 15 जून तक पूरा करने का लक्ष्य है।

दो चरणों में हो रहा है निर्माण
यह बांध बीसलपुर बांध के डाउनस्ट्रीम में टोंक जिले के बनेठा गांव के पास बनास नदी पर बनाया जा रहा है। पहले चरण में इसका पूर्ण भराव स्तर 262 आरएल मीटर और भराव क्षमता 10.77 टीएमसी होगी। वर्तमान में 256 आरएल मीटर तक 3.24 टीएमसी पानी संग्रहित करने की क्षमता तैयार है। दूसरे चरण में पूरी क्षमता तक भंडारण हो सकेगा। बीसलपुर बांध के डाउनस्ट्रीम से छोड़ा जाने वाला पानी ईसरदा बांध में संग्रहित किया जाएगा।

1,256 गांवों और 6 शहरों को मिलेगा बनास का पानी
इस परियोजना से दौसा के 1,079 गांवों और 5 शहरों तथा सवाई माधोपुर के 1 शहर और 177 गांवों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। साथ ही इससे बीसलपुर बांध के अधिशेष पानी और बनास नदी के वर्षा जल का कुशल प्रबंधन भी सुनिश्चित होगा। इससे रामजल सेतु लिंक योजना (पीकेसी-ईआरसीपी) को भी मजबूती मिलेगी।

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