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राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में टिनशेड और लोहे का गेट बिना नीलामी के बेचा, कीमत करीब डेढ़ लाख रुपए

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कस्बे के पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रशासनिक अनुशासनहीनता का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, स्कूल में लगे टिनशेड और लोहे के गेट को बिना नीलामी के बेच दिया गया।

स्कूल में रखी गई यह सामग्री—टिनशेड, एंगल, पोल और गेट—सभी उपयोगी और काम आने वाली वस्तुएं थीं। इनके बेचे जाने की कीमत करीब डेढ़ लाख रुपए बताई जा रही है। लेकिन प्रशासन ने किसी भी सरकारी नियमों या नीलामी प्रक्रिया का पालन किए बिना इन्हें बेच दिया।

मामले का खुलासा

स्थानीय लोगों और स्कूल कर्मचारियों ने बताया कि टिनशेड, गेट और अन्य लोहे की सामग्री को बेचने का निर्णय अचानक लिया गया। किसी भी प्रकार की सूचना या निविदा/नीलामी प्रक्रिया आयोजित नहीं की गई।

एक कर्मचारी ने कहा, “यह सामग्री पूरी तरह से उपयोगी थी। इसे बेचने का निर्णय बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया के लिया गया, जिससे स्कूल के संसाधनों की अनावश्यक हानि हुई।”

सरकारी नियमों का उल्लंघन

सरकारी स्कूलों में पुरानी या बेकार हो चुकी संपत्ति को बेचने के लिए नियमों के अनुसार नीलामी या टेंडर प्रक्रिया अपनाना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी संपत्ति का मूल्यांकन उचित तरीके से हो और सरकारी खजाने को नुकसान न पहुंचे। इस मामले में यह प्रक्रिया पूरी तरह से नजरअंदाज की गई।

स्थानीय प्रतिक्रिया और शिकायतें

स्कूल के अभिभावक और शिक्षक इस घटना पर नाराज हैं। उनका कहना है कि प्रशासन का यह कदम अनुचित और गैर-जिम्मेदाराना है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि मामले की तत्काल जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

प्रशासन की ओर से स्थिति

स्कूल प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, इस निर्णय के पीछे संभवत: तत्काल नकदी प्राप्त करने का तर्क रखा गया था।

निष्कर्ष

कस्बे के पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में टिनशेड और लोहे के गेट को बिना नीलामी के बेचने का मामला सार्वजनिक और प्रशासनिक ध्यान आकर्षित कर रहा है। यह घटना सरकारी संपत्ति के अनुचित उपयोग और नियमों की अनदेखी को उजागर करती है। उच्च अधिकारियों की जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि स्कूल प्रशासन ने यह निर्णय किस आधार पर लिया और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

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