भारतीय सेना के बैटल एक्स डिवीजन ने जैसलमेर जिले के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में वार्षिक फील्ड फायरिंग अभ्यास के दौरान अपनी दुर्जेय सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया। सेना के जांबाजों ने पैदल सेना के हथियारों के साथ एकाग्रता, दृढ़ता और मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। अभ्यास के दौरान, भारतीय सेना ने नई पीढ़ी के हथियारों और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके सर्वोच्च युद्ध प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास ने सेना की उत्कृष्ट तैयारी को प्रदर्शित किया।
आधुनिक हथियारों के साथ प्रदर्शन
सेना ने फील्ड फायरिंग रेंज में अपने आधुनिक हथियारों के साथ अभ्यास किया। इस अभ्यास के दौरान, सेना के बहादुर जवानों ने असॉल्ट राइफलों/पैदल सेना राइफलों, हल्की मशीन गन (एलएमजी), भारी मशीन गन, स्नाइपर राइफलों/उच्च-सटीक राइफलों, अंडर-बैरल/ग्रेनेड लॉन्चरों, मोर्टारों (छोटी/मध्यवर्ती), टैंक-रोधी/रॉकेट प्रणालियों, व्यक्तिगत रक्षा हथियारों (पिस्तौल/साइडआर्म्स), रात्रि-दृष्टि और थर्मल दृष्टि उपकरणों, ड्रोन/यूएवी और निगरानी उपकरणों, और संचार एवं नेविगेशन उपकरणों (रेडियो, जीपीएस, कमांड यूनिट) के साथ अपनी क्षमताओं का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
बैटल एक्स डिवीजन ने अभ्यास का संचालन किया
पोखरण का युद्धक्षेत्र भारतीय हथियारों की गर्जना से गूंज उठा। यह फील्ड फायरिंग अभ्यास शक्ति, उत्साह और अनुशासन का प्रतीक बन गया। सेना के इस प्रदर्शन ने एक बार फिर भारतीय सेना की अपनी सीमाओं की रक्षा के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता को सिद्ध किया। सेना ने स्पष्ट किया कि सीमा पर शांति बनाए रखना उसकी प्राथमिकता है, लेकिन उसकी सबसे बड़ी ताकत किसी भी स्थिति के लिए आक्रामक रूप से तैयार रहना है।
इन संभावित हथियारों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया
असॉल्ट राइफल/इन्फैंट्री राइफल: एके-शैली की राइफलें, इंसास, एके-203 आदि, व्यक्तिगत मुठभेड़ों और नजदीकी युद्ध के लिए प्राथमिक हथियार हैं।
लाइट मशीन गन (एलएमजी)/सहायक हथियार: एलएमजी/मानक बारह-बैरल मशीन गन (जैसे 5.56/7.62-ग्रेड एलएमजी), यूनिट स्तर पर निरंतर फायरिंग/दबाव बनाए रखने के लिए।
सामान्य प्रयोजन/भारी मशीन गन (जीपीएमजी/एचएमजी): 7.62 मिमी/12.7 मिमी-ग्रेड मशीन गन (फायर सपोर्ट), क्षेत्र कवरेज और दुश्मन की गतिविधियों को रोकने के लिए।
स्नाइपर राइफल/उच्च-परिशुद्धता राइफल: लंबी दूरी की मुठभेड़ों के लिए; उच्च सटीकता रखती है।
अंडर-बैरल/ग्रेनेड लॉन्चर: 40 मिमी ग्रेनेड लॉन्चर (राइफल के साथ या उससे अलग), क्षेत्र में अधिक क्षति पहुँचाने और दुश्मन के लक्ष्यों/आवरण को नष्ट करने के लिए।
मोर्टार (छोटा/मध्यम): कम दूरी की अप्रत्यक्ष गोलाबारी; सहायक गोलाबारी मिशन।
टैंक-रोधी/रॉकेट प्रणालियाँ (एटीजीएम/रॉकेट लॉन्चर): बख्तरबंद वाहनों/कठोर लक्ष्यों के लिए व्यक्तिगत रॉकेट/ट्यूब-लॉन्च प्रणालियाँ (एटीजीएम)।
व्यक्तिगत रक्षा हथियार (पिस्तौल/साइडआर्म्स): अधिकारियों/कमांडरों या विशेष कार्य बलों के लिए निकट-रक्षा।
रात्रि-दृष्टि और तापीय दृष्टि उपकरण: रात/कम दृश्यता में लक्ष्य की पहचान और मुठभेड़ के लिए, अक्सर राइफलों पर लगाए जाते हैं।
ड्रोन/यूएवी और निगरानी उपकरण: लक्ष्यीकरण, अग्रिम निगरानी और लाइव फ़ीड के लिए।
संचार और नेविगेशन उपकरण (रेडियो, जीपीएस, कमांड यूनिट): यूनिट समन्वय, अग्नि-नियंत्रण और कमांड-एंड-कंट्रोल के लिए।
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