उत्तर भारत के कई राज्यों में हाल ही में हुई भारी बर्फबारी और ठंडी हवाओं ने मौसम को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) के कारण जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊँचे इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे इन राज्यों के जनजीवन पर भी असर पड़ा है।
मौसम विभाग के अनुसार, इन राज्यों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में कई किलोमीटर लंबे मार्ग बर्फबारी के कारण बंद हो गए हैं। वहीं, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में भी कई गांव और सड़क मार्ग बर्फ से ढक गए हैं। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी से यातायात प्रभावित हुआ है और प्रशासन ने लोगों को अनावश्यक यात्रा न करने की चेतावनी जारी की है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर केवल पहाड़ी इलाकों तक ही सीमित नहीं रहा। इसके कारण मैदानी राज्यों में भी सर्दी ने अपने पैर पसारे हैं। राजस्थान में तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान के कई शहरों में तापमान दो दिनों के अंदर 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। विशेष रूप से बीकानेर, जोधपुर और जयपुर जैसे शहरों में सुबह के समय कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण ठंडी हवाओं ने मैदानी इलाकों तक अपना असर दिखाया है। हवा की गति और आर्द्रता के कारण आम लोगों को अधिक ठंड का अनुभव हो रहा है। मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में ठंड और बढ़ सकती है और लोगों को सर्दी से बचाव के लिए सावधान रहने की जरूरत है।
सर्दी के बढ़ते असर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को सलाह दी है कि वे शीत से बचाव के उपाय अपनाएं। बुजुर्गों और बच्चों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि ठंड के चलते श्वसन रोग और जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, घरों में पर्याप्त गर्मी का इंतजाम करना और बाहर जाते समय गर्म कपड़े पहनना आवश्यक है।
यातायात और बिजली-पानी की सुविधाओं पर भी बर्फबारी का असर पड़ा है। पहाड़ी क्षेत्रों में कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले मौसम और सड़क की स्थिति की जानकारी जरूर लें। साथ ही, लोगों से सलाह दी जा रही है कि वे बर्फबारी और ठंडी हवाओं के दौरान सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।
इस प्रकार, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता ने उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों दोनों में मौसम को प्रभावित किया है। जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी ने स्की पर्यटन और पहाड़ी जीवन को प्रभावित किया है, वहीं मैदानी राज्यों में ठंड की मार ने लोगों को घरों में सीमित कर दिया है। आगामी दिनों में मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ठंड और बर्फबारी का सिलसिला जारी रह सकता है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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