राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्गों पर हो रहे सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सबसे गंभीर हालात जोधपुर-फलोदी भारतमाला एक्सप्रेस-वे पर देखने को मिल रहे हैं, जो अब लोगों के बीच ‘मौत का एक्सप्रेस-वे’ कहलाने लगा है। पिछले 19 महीनों में इस मार्ग पर 28 भीषण सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें 25 से अधिक लोगों की जान चली गई है।
स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इन हादसों में ज्यादातर मामलों में ओवरस्पीडिंग, गलत दिशा में वाहन चलाना, और सड़क निर्माण की तकनीकी खामियां प्रमुख कारण रहे हैं। ट्रकों और कंटेनरों से जुड़े हादसे सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं।
तेज रफ्तार और चेतावनी संकेतों की कमी बनी बड़ी वजहस्थानीय लोगों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर स्पीड लिमिट बोर्ड, डिवाइडर मार्किंग और चेतावनी संकेतों की कमी के कारण दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है। कई स्थानों पर सड़क किनारे लाइटिंग नहीं होने से रात के समय दृश्यता बेहद कम हो जाती है। इसके चलते वाहन चालक अक्सर नियंत्रण खो बैठते हैं, और हादसे हो जाते हैं।
फलोदी निवासी रामेश्वर सिंह बताते हैं, “यह एक्सप्रेस-वे कभी-कभी तो मौत का जाल लगने लगता है। हर कुछ दिनों में किसी न किसी की दुर्घटना की खबर आती है। सड़क चौड़ी जरूर है, लेकिन सुरक्षा इंतजाम बेहद कमजोर हैं।”
पुलिस और प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवालस्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने पुलिस और एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की लापरवाही पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हादसों के बावजूद न तो पर्याप्त पेट्रोलिंग टीम लगाई गई है और न ही एम्बुलेंस रिस्पॉन्स सिस्टम को मजबूत किया गया है। कई बार घायलों को अस्पताल पहुंचाने में देर होने से उनकी जान चली जाती है।
मरम्मत और सुरक्षा सुधार की मांगक्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार तत्काल इस एक्सप्रेस-वे की सुरक्षा समीक्षा कराए। सड़क पर रंबल स्ट्रिप्स, साइन बोर्ड, स्पीड कैमरे और स्ट्रीट लाइट्स लगाने की जरूरत बताई गई है। साथ ही, कई जगहों पर बने अर्धनिर्मित कट और सर्विस लेन हादसों का कारण बन रहे हैं, जिन्हें तुरंत बंद करने की मांग उठी है।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेशजोधपुर जिले के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि बढ़ते हादसों को देखते हुए संबंधित विभागों को नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा, “हमने एनएचएआई और पुलिस विभाग से रिपोर्ट मांगी है। जहां भी तकनीकी या संरचनात्मक कमी मिलेगी, उसे जल्द सुधारने की कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय लोगों में भय और नाराजगीलगातार हो रही दुर्घटनाओं से आमजन में भय का माहौल है। कई लोगों ने वैकल्पिक मार्ग अपनाना शुरू कर दिया है। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग “सेफ्टी फॉर भारतमाला एक्सप्रेस-वे” अभियान चला रहे हैं और सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील कर रहे हैं।
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