रीवा: हरे और लाल अमरूद तो सभी ने देखे हैं, लेकिन क्या आपने कभी काले अमरूद का अनुभव किया है? यह विशेष फल मध्य प्रदेश के रीवा जिले के कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में पाया जाता है। इसके अलावा, जिले के कई किसान अपने बागों में इस काले अमरूद को उगाते हैं। यह फल न केवल देखने में आकर्षक है, बल्कि इसका स्वाद भी अद्वितीय है।
कृषि वैज्ञानिक टी के सिंह ने बताया कि काले अमरूद का रंग गहरा होता है और यह देखने में अनार के समान लगता है। आमतौर पर अमरूद का गूदा सफेद होता है, जबकि काले अमरूद का गूदा गुलाबी रंग का होता है। उत्पादन के मामले में भी यह फल विशेष है।
काले अमरूद की विशेषताएँ
मध्य और उत्तर भारत की जलवायु में, यह पौधा 10 वर्ष की आयु में प्रति पौधा 40 किलो फल देता है। हालांकि उत्पादन कम है, लेकिन इसका स्वाद लाजवाब है। इसे कई लोग 'काला बादशाह' भी कहते हैं। 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच इसका स्वाद सबसे अच्छा होता है। इसका टी एस एस 12.5 है और इसे 7 से 8 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है। चूंकि यह पौधा रंगीन है, इसलिए इसे कीटों से बचाना आवश्यक है।
घर की सजावट में योगदान
टीके सिंह ने बताया कि काले अमरूद की विशेषता यह है कि यह अन्य अमरूदों से अलग दिखता है। यदि आप सैकड़ों प्रकार के अमरूद रखें, तो भी यह फल अपनी विशेषता बनाए रखता है। हमने 70 प्रकार के अमरूद का परीक्षण किया, जिसमें काले अमरूद को सबसे अधिक पसंद किया गया। किसान इसे अपने बागों की सुंदरता बढ़ाने के लिए लगाना पसंद करते हैं।
You may also like
साल भर होते हैं चुनाव, विकास हो जाता है ठप : शिवराज सिंह चौहान
कांग्रेस का रवैया महापुरुषों के प्रति गैर-जिम्मेदाराना, जनता सिखाएगी सबक: मोहसिन रजा
फॉर्म भले खराब हो, रिकॉर्ड मोहम्मद शमी के नाम! पारी की पहली गेंद पर बनाया अनोखा रिकॉर्ड
छात्रों ने परीक्षा में पास होने के लिए चिपकाए 500 रुपये के नोट, एक साल का बैन
बाराबंकी में पति ने पत्नी के मायके से लौटने पर की आत्महत्या