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कलौंजी का तेल: स्वास्थ्य के लिए एक चमत्कारी उपाय

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क्या आप जानते हैं कलौंजी का तेल?

क्या आपको पता है कि आप अपनी बीमारियों का इलाज घर पर ही कर सकते हैं? यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। हम आपको एक ऐसे तेल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो गंभीर बीमारियों से लड़ने की अद्भुत क्षमता रखता है।


कलौंजी का तेल: एक प्राचीन औषधि

कलौंजी का तेल एक पुरानी औषधि है, जिसका उपयोग सदियों से मसालों और दवाओं के रूप में किया जाता रहा है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसे हर बीमारी का इलाज माना जाता है, सिवाय मृत्यु के।


पोषक तत्वों से भरपूर

कलौंजी में 100 से अधिक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा, जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं।


सेवन के तरीके

आप कलौंजी के बीजों का सीधा सेवन कर सकते हैं। एक चम्मच कलौंजी को शहद में मिलाकर लें, या पानी में उबालकर उसका सेवन करें। दूध में उबालकर ठंडा होने पर भी इसका सेवन किया जा सकता है।


बीमारियों से लड़ने की क्षमता

कलौंजी का तेल कैंसर, डायबिटीज, सर्दी-जुकाम, पीलिया, बवासीर, मोतियाबिंद, कान का दर्द, सफेद दाग, लकवा, माइग्रेन, खांसी, बुखार और गंजेपन जैसी बीमारियों से लड़ने में सहायक है।


कैंसर के खिलाफ

यह तेल कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकता है और उन्हें नष्ट करता है। कैंसर से पीड़ित व्यक्तियों को इसे अंगूर के रस में मिलाकर लेना चाहिए।


एचआईवी पर प्रभाव

एक शोध में एचआईवी पीड़ितों को कलौंजी, लहसुन और शहद का कैप्सूल दिया गया, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि हुई।


अन्य बीमारियों के लिए उपाय

खांसी और दमा के लिए, कलौंजी के तेल की मालिश करें और इसे पानी में डालकर भाप लें। डायबिटीज के मरीजों को विशेष चूर्ण का सेवन करना चाहिए। किडनी स्टोन के लिए, पिसी हुई कलौंजी को शहद में मिलाकर लेना फायदेमंद है।


हृदय रोग और ब्लड प्रेशर

गर्म पेय में कलौंजी का तेल मिलाने से हृदय रोग और ब्लड प्रेशर में आराम मिलता है।


दर्द और सिरदर्द के लिए

कमर दर्द और गठिया के लिए, इसे हल्का गर्म करके मालिश करें। सिरदर्द के लिए, माथे पर कलौंजी का तेल लगाएं।


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