केला और शमी का पौधा लगाने के लिए वास्तु के नियम
वास्तु टिप्स: वास्तु शास्त्र में पेड़-पौधों का विशेष स्थान है। माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति अपने निवास में पौधे लगाते समय वास्तु के नियमों का पालन करता है, तो इससे परिवार में सुख और शांति बनी रहती है। यदि पौधे लगाने के दौरान इन नियमों की अनदेखी की जाती है, तो इसके नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ सकते हैं। इसलिए, पौधे लगाते समय वास्तु के नियमों का पालन करना आवश्यक है।
विशेष रूप से, शमी और केले के पौधे लगाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं इन पौधों के बारे में।
केले का पौधाशास्त्रों के अनुसार, केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। लेकिन इसे लगाते समय स्थान का ध्यान रखना आवश्यक है। वास्तु के अनुसार, केले का पौधा मुख्य द्वार के सामने नहीं लगाना चाहिए और इसे छत पर भी नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं और पारिवारिक कलह बढ़ सकती हैं। केले का पौधा घर के पीछे और उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है।
शमी का पौधाशमी का पौधा धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है। यह शनि देव को प्रिय है और इसकी पूजा से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं। वास्तु के अनुसार, यदि शमी का पौधा सही दिशा में लगाया जाए, तो यह घर में धन और सौभाग्य लाता है। इसे बेडरूम में नहीं रखना चाहिए और उत्तर दिशा में लगाना वर्जित है। ऐसा करने से आर्थिक परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। शमी का पौधा दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए और इसे शनिवार को सूर्यास्त के बाद लगाना चाहिए। पौधा लगाने से पहले "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करना चाहिए।
ये भी पढ़ें: दिवाली 2025: दिवाली से पहले घर लाएं ये पौधे, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न!
(अस्वीकृति:इसखबरमें दी गई जानकारी वास्तु शास्त्र के नियमों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहींकरताहै.)
You may also like
गोविंद राम मेघवाल के काफिले की मामूली ओवरटेक विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर झूठा प्रचार
'महाराज' 'राजकुमारी' जैसे शाही शब्द हटाओ, वरना... राजस्थान हाई कोर्ट ने दी राजघराने को चेतावनी
दो बच्चों की विधवा मां चुपके-चुपके कर रही` थी बॉयफ्रेंड संग रोमांस, बेटे ने देख लिया तो… हो गया खूनी खेल
एशेज की उलटी गिनती शुरू! पैट कमिंस पहले टेस्ट से पहले फिट होने की रेस में आगे
ब्लैक मनी एक्ट में बदलाव की तैयारी, नई समिति का गठन