कोलेस्ट्रॉल एक धीमी प्रक्रिया में बढ़ता है, जिसका मुख्य कारण हमारा आहार होता है। इसके बढ़ने के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन यह दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) से बचना इस समस्या को नियंत्रित करने का एक सरल तरीका है। इस लेख में, हम कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण, कारण और इसे कम करने के प्रभावी उपायों पर चर्चा करेंगे। कृपया इसे अंत तक पढ़ें और यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगे, तो अपने दोस्तों के साथ साझा करें।
कोलेस्ट्रॉल की भूमिका
Cholesterol | कोलेस्ट्रॉल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक लुब्रीकेंट है, जो हार्मोन के निर्माण और कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है। जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, तो रक्त का गाढ़ा होना, आर्टरी ब्लॉकेज, स्ट्रोक, हार्ट अटैक और अन्य दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इसलिए, शरीर में कोलेस्ट्रॉल का सही स्तर बनाए रखना आवश्यक है। हालांकि, कोलेस्ट्रॉल की मात्रा की जांच के लिए टेस्ट करवाना पड़ता है, लेकिन कुछ लक्षणों के माध्यम से भी आप जान सकते हैं कि आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है।
कोलेस्ट्रॉल की सामान्य मात्रा कोलेस्ट्रॉल की सामान्य मात्रा क्या होनी चाहिए?
शरीर में सामान्य कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 mg/dL या इससे कम होना चाहिए। 200 से 239 mg/dL के बीच इसे बॉर्डरलाइन माना जाता है, जबकि 240 mg/dL से अधिक को उच्च कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। अच्छा कोलेस्ट्रॉल कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के लक्षण कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के संकेत
सांस फूलना या थकावट: थोड़ी सी गतिविधि करने पर भी सांस फूलना या थकावट महसूस होना कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है।
अधिक पसीना आना: गर्मी में पसीना आना सामान्य है, लेकिन अत्यधिक पसीना गंभीर संकेत हो सकता है।
पैरों में दर्द: बिना कारण के पैरों में दर्द होना भी उच्च कोलेस्ट्रॉल का लक्षण हो सकता है।
तेज सिरदर्द: लगातार सिरदर्द होना भी कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का संकेत है।
अचानक वजन बढ़ना: अचानक वजन बढ़ना भी कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का संकेत हो सकता है।
स्किन टैग या बॉईल: आंखों के नीचे या गर्दन पर छोटे बॉईल निकलना भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत है।
ब्लड प्रेशर बढ़ना: अचानक ब्लड प्रेशर का बढ़ना भी कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का संकेत हो सकता है।
जोड़ों में दर्द: पीठ, घुटनों या कमर में अचानक दर्द होना भी कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाने का संकेत है।
सीने में दर्द: बिना कारण सीने में दर्द होना भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है।
दिल की धड़कन तेज होना: दिल की धड़कन तेज होना भी कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का संकेत है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण
अत्यधिक सैचुरेटेड और ट्रांस फैट का सेवन उच्च कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है। ये आमतौर पर मांस, दूध, अंडे, मक्खन और तले हुए खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं।
अधिक वजन और शारीरिक गतिविधि की कमी भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है।
20 वर्ष की आयु के बाद, शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर स्वाभाविक रूप से बढ़ने लगता है।
कुछ बीमारियाँ जैसे हाइपोथायरायडिज्म और किडनी रोग भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय कोलेस्ट्रॉल कम करने के प्रभावी उपाय
कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए: 2 बड़े चम्मच शहद, 3 चम्मच दालचीनी पाउडर और 400 मिलीलीटर गर्म पानी मिलाकर पिएं। इससे 2 घंटे में कोलेस्ट्रॉल 10 प्रतिशत कम हो जाएगा।
हार्ट अटैक से बचने के लिए: शहद और दालचीनी को मिलाकर नाश्ते में लगाकर खाएं। इससे धमनियों का कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए आहार क्या खाएं?
अपने आहार में मौसमी फल और सब्जियाँ शामिल करें। संतरे का जूस विशेष रूप से फायदेमंद है।
ज़ीरो कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ जैसे ताजे फल और सब्जियाँ अपने भोजन में शामिल करें।
सुबह के नाश्ते में कॉर्नफ्लैक्स जैसे खाद्य पदार्थ फायदेमंद होते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए क्या न खाएं क्या न खाएं?
रेड मीट और उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ जैसे दूध, मक्खन, और क्रीम से बचें।
मावा से बनी मिठाइयाँ और धूम्रपान से दूर रहें।
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