मिस्र की सरकार, जो आर्थिक संकट का सामना कर रही है, को अपने प्रमुख शहरों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस क्रम में, राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने अपने प्रसिद्ध शहर 'रास अल हिकमा' को बेचने का निर्णय लिया है। यह शहर, जिसे धरती पर स्वर्ग कहा जाता है, अब यूएई के स्वामित्व में है, जिसने इसे 35 अरब डॉलर में खरीदा है।
'रास अल हिकमा' एक खूबसूरत शहर है, जो समुद्र के किनारे स्थित है और पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। हालांकि, आर्थिक मजबूरियों के चलते मिस्र को इसे बेचना पड़ा।
रिपोर्टों के अनुसार, यूएई इस शहर में कई विकास परियोजनाओं पर काम शुरू करने की योजना बना रहा है, जिसमें लगभग 150 अरब डॉलर का निवेश शामिल है। इस मेगा प्रोजेक्ट में मिस्र की 35 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह मिस्र के इतिहास में सबसे बड़ा विदेशी निवेश होगा।
मिस्र की वर्तमान आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, जिसके कारण उसे अपने शहरों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है। सरकार को अन्य देशों से भी कर्ज नहीं मिल रहा है। हाल ही में, मिस्र ने सऊदी अरब और यूएई से वित्तीय सहायता मांगी थी, लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी।