नई दिल्ली: एक डेढ़ साल की बच्ची, जो 15 मिनट तक वाशिंग मशीन के साबुन वाले पानी में रही, को बचा लिया गया है। इसे एक चमत्कार माना जा रहा है। बच्ची को सात दिन तक कोमा में रखा गया और वेंटिलेटर पर रखा गया। अब उसकी स्थिति सामान्य है और वह चलने में सक्षम है। फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज के चिकित्सकों ने उसका उपचार किया। जब बच्ची को अस्पताल लाया गया, तब वह बेहोश थी और कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी। उसकी सांस लेने में भी कठिनाई हो रही थी।
डॉ. राहुल नागपाल ने बताया कि बच्ची का शरीर नीला पड़ गया था और उसकी हार्ट बीट कमजोर हो गई थी। उसकी मां ने बताया कि वाशिंग मशीन का ढक्कन खुला था और बच्ची संभवतः कुर्सी से गिर गई थी। डॉ. नागपाल ने कहा कि बच्ची का वाशिंग मशीन में रहना 15 मिनट से कम समय का था, अन्यथा वह जीवित नहीं बच पाती।
डॉ. हिमांशी जोशी ने कहा कि जब बच्ची को लाया गया, तब उसकी स्थिति गंभीर थी। साबुन के पानी के कारण उसके कई अंग ठीक से काम नहीं कर रहे थे और उसे केमिकल न्यूमोनाइटिस हो गया था। यह तब होता है जब शरीर में खतरनाक पदार्थ प्रवेश करता है।
बच्ची को कई प्रकार के केमिकल के कारण बैक्टीरियल निमोनिया और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन हो गया था। डॉ. जोशी ने बताया कि उसे तुरंत आवश्यक एंटीबायोटिक्स और IV फ्लूड सपोर्ट दिया गया। इसके बाद उसकी स्थिति में सुधार हुआ और उसने धीरे-धीरे अपनी मां को पहचानना शुरू किया। उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया और वह सात दिन ICU में रही। बाद में उसे वार्ड में स्थानांतरित किया गया, जहां वह 12 दिन तक रही। डॉक्टरों ने यह सुनिश्चित करने के लिए सीटी स्कैन किया कि कोई न्यूरोलॉजिकल समस्या नहीं हुई।
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