कोई भी गुनाह हो जाने पर पुलिस द्वारा अपराधी को जेल में डाल दिया जाता हैं। इसी के चलते जितना बडा जुर्म होता हैं उसी के आधार पर सजा निर्धारित होती हैं। लेकिन आपको बता दें कि एक ऐसा भी देश हैं जहां पर किताबें पढने से अपराधी की सजा कम कर दी जाती हैं, आइए जानते हैं इसके बारे में…
जब कोई व्यक्ति क्राइम करता है और पकड़ा जाता है तो कोर्ट उसे सजा सुनाता है. फिर आरोपी को उतने सालों तक जेल में सजा काटनी पड़ती है. क्या आपको पता है कि किसी देश में किताब पढ़ कर सजा कम कराई जा सकती है.
-वेस्ट सेंट्रल साउथ अमेरिका में स्थित देश बोलीविया की जेलों में कैदियों को किताबें पढ़ने पर सज़ा कम हो जाती है.
-इस कार्यक्रम को बुक्स बिहाइंड बार्स का नाम दिया गया है. इस कार्यक्रम की थीम है कि किताबें पढ़िए, सज़ा कम कराइए और फिर मुस्कुराते हुए बाहर जाइए.
-इस कार्यक्रम का एक और उद्देश्य साक्षरता बढ़ाना भी है. बोलीविया की जेलों में कैदियों के लिए मौत की सज़ा या उम्रकैद की सज़ा नहीं है.
-यहां जो कैदी ज़्यादा किताबें पढ़ते हैं, उन्हें सज़ा पूरी करने से पहले ही रिहा कर दिया जाता है. हालांकि, आम तौर पर यहां की जेलों में बंद कैदियों में ज़्यादातर बहुत पढ़े-लिखे नहीं हैं. इसलिए उनके लिए किताबें पढ़ना थोड़ा समय लेने वाला काम है.
-यह कार्यक्रम ब्राज़ील में चलाए गए ऐसे ही एक कार्यक्रम से प्रभावित है. काफी संख्या में कैदी इस कार्यक्रम का फायदा भी उठा चुके हैं.
You may also like
'अब घर में भी सुरक्षित नहीं हूं', 20 साल पुराने घर में हुई चोरी से डरीं संगीता बिजलानी
ओडिशा सीएम मोहन माझी ने पीएम की कृषि योजनाओं की सराहना की, कहा- किसानों को मिलेगा आत्मनिर्भरता का मार्ग
बिहार में जेपी नारायण के पैतृक घर पहुंचे उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, लोकनायक को दी श्रद्धांजलि
कौन हैं 28 साल के जीनियस Alexandr Wang? जिसे Meta ने 1.16 लाख करोड़ देकर किया हायर
तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मुत्तक़ी क्यों गए देवबंद, क्या है दारुल उलूम से कनेक्शन