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ट्रंप ने मीटिंग से पहले ही जेलेंस्की को दिखा दिया ठेंगा, तो क्या इस बार भी होगी दोनों की बहस?!

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Trump-Zelensky meet: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात से पहले एक बहुत बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में शांति नहीं चाहते, बल्कि वो यूक्रेन के समर्पण की मांग कर रहे हैं. दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन में शांति चाहते हैं. यह बयान मैक्रों ने ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की व्हाइट हाउस में होने वाली अहम मुलाकात से ठीक एक दिन पहले दिया गया है.

मैक्रों का बड़ा खुलासा
WION में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्रों ने 17 अगस्त 2025 को कहा कि पुतिन का मकसद यूक्रेन को पूरी तरह झुकाना है, न कि शांति स्थापित करना. उन्होंने साफ किया कि ट्रंप यूक्रेन में शांति चाहते हैं, लेकिन पुतिन की मांग है कि यूक्रेन डोनबास जैसे अहम क्षेत्रों को छोड़ दे. मैक्रों ने चेतावनी दी कि अगर रूस के सामने कमजोरी दिखाई गई, तो यह भविष्य में और बड़े टकराव को जन्म दे सकता है. उन्होंने कहा, “अगर हम आज कमजोर पड़े, तो कल हमें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.”

ट्रंप की कोशिशें और पुतिन की जिद
ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए कई कदम उठाए हैं. हाल ही में अलास्का में पुतिन के साथ उनकी मुलाकात हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. ट्रंप ने पुतिन को 8 अगस्त तक शांति स्थापित करने की डेडलाइन दी थी, साथ ही कड़े प्रतिबंधों की धमकी भी दी. लेकिन पुतिन ने साफ कर दिया कि वह डोनेट्स्क, लुगांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया जैसे क्षेत्रों पर कब्जा चाहते हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इन मांगों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि वह अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेंगे.

यूरोप का सख्त रुख
यूरोपीय देश भी इस मसले पर एकजुट हैं. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यूक्रेन की सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं होगा. यूरोप ने साफ किया कि वह रूस के दबाव में नहीं झुकेगा और यूक्रेन को मजबूत सुरक्षा गारंटी देगा. ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड जैसे देशों ने भी कहा कि यूक्रेन की जमीन की अदला-बदली का सवाल ही नहीं उठता.

जेलेंस्की की पांच शर्तें
जेलेंस्की ने शांति वार्ता के लिए पांच शर्तें रखी हैं:

रूस को यूक्रेन की एक इंच जमीन नहीं दी जाएगी.
यूक्रेन को मजबूत सुरक्षा गारंटी मिलनी चाहिए.
बातचीत में यूक्रेन को शामिल करना जरूरी है.
कोई भी समझौता यूक्रेन के लोगों को ध्यान में रखकर हो.
रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका और यूरोप को और सख्ती करनी होगी.

अब क्या है रास्ता?
ट्रंप की कोशिशों के बावजूद पुतिन अपनी शर्तों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. अलास्का की बैठक बेनतीजा रही, और अब व्हाइट हाउस में जेलेंस्की-ट्रंप की मुलाकात पर सबकी नजरें हैं. मैक्रों ने कहा कि इस मुलाकात का मकसद यूक्रेन, यूरोप और अमेरिका को एकजुट करना है. लेकिन पुतिन की जिद और रूस की आक्रामकता के बीच शांति की राह मुश्किल दिख रही है.

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