बलिया। जिले के भरौली में मंगलवार को गणित विषय के शिक्षक मनीष कुमार सिंह के ऊपर 10 हजार वोल्ट का हाइटेंशन तार गिर गया। शरीर में आग लगने से उनकी मौत हो गई। वह बक्सर (बिहार) के सेमरी क्षेत्र अंतर्गत महरौली के रहने वाले थे।
प्रतिदिन की तरह पुल पार कर वह भरौली के माईटेक कान्वेंट स्कूल में पढ़ाने आए थे। स्कूल से छुट्टी होने के बाद वह घर जाने के लिए निकले थे तभी हादसा हो गया। इसमें विद्युत विभाग की साफ लापरवाही नजर आ रही है।
पिता रघुवंश सिंह के मुताबिक मनीष पहले बक्सर में ही निजी स्कूलों में पढ़ाया करते थे। एक माह पहले ही उन्होंने भरौली स्थित स्कूल में ज्वाइन किया था। स्कूल से गांव की दूरी अधिक होने पर वह बक्सर के मारुति कालोनी स्थित दूसरे घर में बड़े भाई के साथ रहते थे।
रोज की तरह दोपहर में छुट्टी होने के बाद वह अपनी बाइक से घर लौटने लगे। इस बीच स्कूल के सामने से गुजर रह हाईटेंशन तार उनके ऊपर गिर गया। शरीर में आग लगने से शिक्षक गंभीर रूप से झुलस गए। गनीमत रही कि स्कूली बच्चे पहले ही वहां से निकल चुके थे। घटना के बाद अन्य शिक्षकों ने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने अपने वाहन से शिक्षक को तत्काल नरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले आई। हालांकि गंभीर स्थिति देख जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सीएचसी पर एंबुलेंस नहीं मिलने पर पुलिस अपने वाहन से ही जिला अस्पताल लेकर आई लेकिन डाक्टरों ने देखते ही मनीष को मृत घोषित कर दिया। मनीष तीन भाइयों में सबसे छोटे थे।
बड़े भाई संजय सिंह मारुति कालोनी में जनरल स्टोर की दुकान चलाते हैं, जबकि मझले भाई गांव में रहते हैं। मनीष को एक छह वर्ष का बेटा अर्पित व 10 वर्ष की बेटी आव्या है। पत्नी ब्यूटी देवी समेत स्वजन का रोकर बुरा हाल है। मनीष के माता सुमित्रा देवी की मौत तीन-चार माह पहले ही हुई है। जिला अस्पताल पहुंचे स्वजन ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया।
पिछले एक साल में बेअसर हुई स्कूल की मौखिक शिकायतें
नरहीं क्षेत्र के भरौली स्थित स्कूल के सामने से गुजर रहा हाईटेंशन तार अगर सिर्फ बीस मिनट पहले गिरता तो 650 मासूम जिंदगियां काल के गाल में समा जाती। यह दावा स्कूल के प्रिंसिपल विनोद राय का है। बिजली के तार को हटाने के लिए स्कूल ने विरोध तो किया लेकिन मौखिक शिकायतों का विभाग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। लेकिन विभाग की लापरवाही से एक परिवार ने अपने घर के सदस्य खो दिया।
इंटरमीडिएट तक संचालित माईटेक कान्वेंट स्कूल में करीब 650 बच्चे अध्ययनरत है। स्कूल की छुट्टी रोजाना देा बजे होती है। छुट्टी की घंटी बजते ही स्कूल से बाहर निकलने वाले छात्रों की गेट पर ही भीड़ लगी रहती है। जबकि स्कूल वाहन भी बच्चों को ले जाने के लिए गेट ही खड़े होते है। ऐसे में अगर हाइटेंशन तार गिरने की घटना छुट्टी के समय होती तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल के सामने से गुजर रहे तार का एक साल पूर्व विरोध किया गया था। जिसके बाद बिजली विभाग ने एक महीने तक काम भी बंद रखा। लेकिन मामला ठंडा पड़ते ही विभाग ने स्कूल के पास से ही तार खींच दिए। प्रिंसिपल ने बताया कि बिजली के जर्जर हाईटेंशन तार स्कूल के बच्चों पर भी मौत बनकर नाच रहे है।
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