सोल, 5 नवंबर . दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री आह्न ग्यू-बैक ने Wednesday को कहा कि देश की अपनी जहाज निर्माण तकनीक और औद्योगिक क्षमता इतनी उन्नत है कि वह स्वयं अपनी पहली परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बना सकता है. उन्होंने राय दी कि इसके लिए यूएस फैसिलिटी की बजाय निर्माण दक्षिण कोरिया के स्थानीय शिपयार्डों में ही किया जाना चाहिए.
योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक यह बयान ऐसे समय में आया है जब सोल अपनी पहली परमाणु चालित पनडुब्बी के निर्माण की दिशा में सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहा है. पिछले हफ्ते President ली जे म्युंग ने अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप से शिखर सम्मेलन के दौरान अनुरोध किया था कि दक्षिण कोरिया को ऐसी पनडुब्बियों के लिए परमाणु ईंधन प्राप्त करने की अनुमति दी जाए.
ट्रंप ने इसके एक दिन बाद घोषणा की थी कि उन्होंने सोल को “पुरानी और कम दक्ष” डीजल पनडुब्बियों की बजाय परमाणु ऊर्जा संचालित आधुनिक पनडुब्बी बनाने की मंजूरी दे दी है. उन्होंने यह भी कहा था कि निर्माण कार्य हनह्वा ओशन कंपनी के स्वामित्व वाले यूएस शिपयार्ड में किया जाएगा.
लेकिन रक्षा मंत्री आह्न का मानना है कि यह परियोजना देश के भीतर पूरी की जानी चाहिए. उन्होंने संसदीय रक्षा समिति की बैठक में कहा, “पिछले लगभग 30 वर्षों में हमने इस क्षेत्र में पर्याप्त तकनीकी अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है. ऐसे में यह स्वाभाविक है कि हम इसे अपने ही शिपयार्ड में पूरा करें.”
मुख्य विपक्षी दल ‘पीपल पावर पार्टी’ के प्रतिनिधि ‘यू योंग-वियन’ ने सवाल किया कि क्या यह पनडुब्बी देश में ही बनाई जानी चाहिए. इस पर आह्न ने कहा कि “तकनीक, सुविधाओं और मानव संसाधन” के मामले में दक्षिण कोरिया अब पूरी तरह सक्षम है.
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यूएस बेस्ड शिपयार्डों की क्षमताओं को लेकर कुछ संरचनात्मक और तकनीकी सीमाएं हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि पनडुब्बी का निर्माण कहां किया जाएगा, इस पर कोई औपचारिक निर्णय या वार्ता नहीं हुई है.
आह्न से जब यह पूछा गया कि क्या सोल और वाशिंगटन के बीच हुई वार्षिक सुरक्षा परामर्श बैठक (एससीएम) में युद्धकालीन परिचालन नियंत्रण (ओपीसीओएन) के हस्तांतरण पर चर्चा हुई, तो उन्होंने बताया कि इस दिशा में “महत्वपूर्ण प्रगति” हुई है. उनके अनुसार, बातचीत के दौरान ‘दक्षिण कोरियाई सेना की नेतृत्व क्षमताओं’ को मान्यता दी गई.
दोनों देशों के बीच यह हस्तांतरण “शर्त-आधारित प्रक्रिया” के तहत होगा, जिसमें दक्षिण कोरिया की सैन्य तत्परता, वायु रक्षा क्षमताएं और क्षेत्रीय सुरक्षा वातावरण जैसी परिस्थितियों को देखा जाएगा.
रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि हाल में सोल और वाशिंगटन के बीच टैरिफ और रक्षा खरीद समझौते पर संयुक्त दस्तावेज जारी किया जाएगा. इस समझौते में अगले पांच वर्षों में दक्षिण कोरिया द्वारा लगभग 25 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियारों (अमेरिकी) की खरीद का उल्लेख होने की उम्मीद है.
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केआर/
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