दिल्ली, 29 मई . भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट में कर दी है. इन नियुक्तियों के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 34 हो गई है.
मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. अंजारिया, गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई और बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए.एस. चंदुरकर की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में की है. तीनों न्यायाधीशों की उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति के बाद न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 हो गई है, जो सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल स्वीकृत संख्या के बराबर है.
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर न्यायाधीशों की नियुक्ति की जानकारी देते हुए लिखा कि संविधान से मिली शक्तियों और मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति ने तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट में की है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 26 मई को न्यायाधीशों की पदोन्नति की सिफारिश की थी.
न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया ने अगस्त 1988 में वरिष्ठ अधिवक्ता एस.एन. शेलाट के अधीन गुजरात उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की थी. उन्होंने संवैधानिक, दीवानी, श्रम और सेवा मामलों में विभिन्न राज्य निकायों के लिए स्थायी वकील के रूप में कार्य किया. उन्हें 21 नवंबर 2011 को गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 6 सितंबर 2013 को वह स्थायी न्यायाधीश बने. उन्होंने 25 फरवरी 2024 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी.
न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई ने 8 जुलाई 1989 को अधिवक्ता के रूप में अपना नामांकन कराया था. राजस्थान उच्च न्यायालय और जोधपुर में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में उन्होंने प्रैक्टिस की. उन्होंने सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, सेवा और चुनाव के मामले देखे. इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार के स्थायी वकील (2000-2004) के रूप में कार्य किया और राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों का प्रतिनिधित्व किया. उन्हें 8 जनवरी 2013 को राजस्थान उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 7 जनवरी 2015 को वह स्थायी न्यायाधीश बन गए. वह 5 फरवरी 2024 को गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने थे.
न्यायमूर्ति चंदुरकर ने 21 जुलाई 1988 को वकील के रूप में नामांकन कराया और मुंबई में वरिष्ठ अधिवक्ता बी.एन. नाइक के चैंबर में अपने कानूनी करियर की शुरुआत की. साल 1992 में उन्होंने नागपुर में प्रैक्टिस शुरू की और 21 जून 2013 को बॉम्बे उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
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पीएके/एकेजे
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