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न्यायपालिका पर हमारी आस्था है, जस्टिस वर्मा मामले ने हैरान किया : अधीर रंजन चौधरी

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मुर्शिदाबाद, 28 मई . कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में जो जांच रिपोर्ट आई है, वो हैरान करने वाली है. उन पर महाभियोग लाया जा सकता है.

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “हमलोगों की न्यायपालिका पर आस्था है. जस्टिस वर्मा के घर नोटों के अंबार मिलने और जांच रिपोर्ट में घटना के सही पाए जाने पर आश्चर्य हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने तत्परता के साथ इस मामले पर कार्रवाई की थी. जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग सदन में लाया जा सकता है. यह कानून के मुताबिक ही होगा.”

जस्टिस वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज हैं. 14 मार्च को उनके आवास पर आग लगी थी. जांच में पता चला कि वहां बड़ी मात्रा में नकद राशि मिली थी. सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जांच रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी थी और जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की थी. जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देने के लिए भी कहा गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. इसके बाद उनका तबादला 20 मार्च को कर दिया गया. 5 अप्रैल को इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज के रूप में उन्होंने शपथ ली लेकिन, उन्हें अभी तक कोई काम नहीं सौंपा गया है.

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य सीजेआई की सिफारिश राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष को भेज दी है. मॉनसून सत्र में सदन में जस्टिस वर्मा पर महाभियोग लाया जा सकता है. सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष का समर्थन भी ले रही है.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत के पाकिस्तान वाले बयान पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “बीजेपी बहुमखी पार्टी बन गई है. पहले नरेंद्र मोदी जो बोलते थे, सारे नेता वही कहते थे. लेकिन, अब ऐसा नहीं है. अब भाजपा नेता अलग-अलग बयान देने लगे हैं. नरेंद्र मोदी को पार्टी मीटिंग में तय करना चाहिए कि नेता पार्टी के स्टैंड के मुताबिक बोलें. ऐसा लग रहा है कि पार्टी में नरेंद्र मोदी की बात की अहमियत अन्य नेताओं की बीच कम होती जा रही है.”

कोविड पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “कोविड मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. विशेषज्ञों ने कहा है कि पहले की तरह देश में कोविड का खतरा नहीं है. फिर हमें सावधानी बरतनी चाहिए और केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी कोशिश करनी चाहिए की स्थिति नियंत्रण में रहे.”

पीएके/जीकेटी

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