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पेट्रोल से इलेक्ट्रिक कारों तक : गुजरात बन रहा भारत का ऑटोमोटिव हब

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गांधीनगर, 20 अगस्त . 7.5 लाख कार यूनिट प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता वाले सुजुकी मोटर्स के गुजरात प्लांट के साथ, उत्तर गुजरात भारत के प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माण केंद्रों में से एक बन चुका है. ऑटोमोबाइल निर्माण के लिए यहां मौजूद मजबूत व अनुकूल बुनियादी ढांचा, निवेश-अनुकूल नीतियां और रणनीतिक भौगोलिक स्थिति ने इस क्षेत्र को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए आकर्षक केंद्र बना दिया है.

इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सुजुकी मोटर्स ने 3,200 करोड़ रुपए का निवेश करके अपनी चौथी प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने की योजना की घोषणा की है. इससे न केवल उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि गुजरात में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति भी सुनिश्चित होगी.

2012 से 2015 के बीच गुजरात में अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल कंपनियों के निवेश की एक लहर देखने को मिली. 2014 में सुजुकी द्वारा राज्य में मेगा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर करना इस निवेश यात्रा का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था. गुजरात उनके इस भरोसे पर पूरी तरह से खरा उतरा और इसके बाद से कंपनी ने राज्य में लगातार निवेश किया, जिससे रोजगार के व्यापक अवसर उत्पन्न हुए. आज, सुजुकी मोटर्स का गुजरात प्लांट भारत के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल निर्माण प्रतिष्ठानों में शामिल है और इसने मेहसाणा क्षेत्र में ऑटो कम्पोनेंट उद्योग में बड़े पैमाने पर निवेश को भी गति दी है.

इसके अलावा, गुजरात की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और यहां मौजूद मजबूत पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी राज्य को वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्यात के लिए एक रणनीतिक केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है. 2024 में राज्य ने लगभग 3,459 करोड़ रुपए के ऑटो निर्यात में योगदान दिया है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, जापान, यूएई और चिली प्रमुख निर्यात गंतव्य रहे.

साथ ही, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में गुजरात में वित्त वर्ष 2022-23 में निवेश 29,700 करोड़ रुपए तक पहुंचा, जो पिछले पांच वर्षों में 16.4% की मजबूत सीएजीआर का संकेत देता है. राज्य का मांडल-बेचराजी स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (एसआईआर) अब प्रमुख ऑटो-औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरा है.

हाल ही में सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने दो प्रमुख घोषणाएं भी की हैं:-

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी प्लांट (7,300 करोड़ रुपए) की स्थापना.

ईवी निर्माण सुविधा (3,100 करोड़ रुपए) की स्थापना.

गुजरात को वैश्विक विनिर्माण हब बनाने के संकल्प के साथ State government की दूरदर्शी नीतियों और आकर्षक प्रोत्साहनों ने अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल कंपनियों का भरोसा लगातार मजबूत किया है और इसी दिशा में ये पहलें न केवल गुजरात की औद्योगिक क्षमता को नई ऊर्जा देती हैं, बल्कि स्पष्ट रूप से इसे एक वैश्विक ऑटोमोबाइल पावरहाउस के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर करती हैं.

वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) के मंच पर, राज्य न केवल ऑटोमोबाइल और संबद्ध क्षेत्रों में निवेश के नए अवसरों को विश्व के सामने रखेगा, बल्कि अपनी गतिशील औद्योगिक विकास यात्रा को एक नए शिखर तक पहुंचाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा.

एसके/एबीएम

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