मुंबई, 1 जून . शिवसेना नेता कृष्ण हेगड़े ने रविवार को चिराग पासवान के बिहार चुनाव लड़ने को उनका विशेषाधिकार बताया. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान बिहार के एक प्रमुख नेता हैं और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री भी हैं. वह अपनी पार्टी के अध्यक्ष हैं. यह उनका विशेषाधिकार है कि वह कौन-सा चुनाव लड़ें, और किसके साथ लड़ें. यदि वह भाजपा, जेडीयू और एनडीए के साथ चुनाव लड़ते हैं, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा. इससे बिहार में एनडीए को एक सशक्त नेतृत्व और मजबूती मिलेगी.
तेजस्वी प्रताप यादव के सोशल मीडिया पोस्ट पर समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव पूर्व मंत्री रह चुके हैं और लालू प्रसाद यादव के पुत्र हैं. यह मामला उनके पारिवारिक दायरे का है और इसमें शिवसेना हस्तक्षेप नहीं करना चाहती. हम बस यही कामना करते हैं कि परिवार के भीतर सुलह हो और सब ठीक हो जाए.”
पश्चिम बंगाल और ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोलते हुए कृष्ण हेगड़े ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में ममता दीदी के नेतृत्व में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. वहां सैकड़ों हत्याएं हुई हैं और कई भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हुए हैं. बंगाल की तरक्की, उन्नति और विकास कई वर्षों से रुकी हुई है. अब वहां के लोग बदलाव चाहते हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी. सबसे पहले देश, उसके बाद पार्टी और आखिर में व्यक्ति विशेष होता है. तृणमूल में इसके विपरीत होता है. सबसे पहले ममता बनर्जी आती हैं, उसके बाद पार्टी और आखिर में देश आता है, यह गलत है. बंगाल की जनता बदलाव चाहती है, ऐसे में भाजपा का जीतना पक्का है.
‘इंडिया’ ब्लॉक पर उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में तालमेल नहीं है, बल्कि खुद कांग्रेस के भीतर भी समन्वय नहीं है. गठबंधन की दूसरी पार्टियों का कांग्रेस से कोई मेल नहीं है. ऐसे में इन दलों के बीच सुलह की कोई संभावना नहीं है. इमरान प्रतापगढ़ी और इमरान मसूद जैसे नेता बार-बार देशविरोधी बयान देते हैं, जिन पर न्यायालय ने भी टिप्पणी की है.”
कांग्रेस नेता अरविंद नेताम के आरएसएस के कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरएसएस एक देशभक्त संगठन है, जो हर संकट में देशवासियों के साथ खड़ा होता है. इसकी विचारधारा स्पष्ट और राष्ट्रहित में है. अगर अरविंद नेताम को आरएसएस ने आमंत्रित किया है तो यह एक सराहनीय कदम है. इससे पहले भी प्रणब मुखर्जी जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं, भले ही कांग्रेस ने इसका विरोध किया हो. मुझे लगता है कि जो भी सच्चा देशभक्त है, वह आरएसएस के मंच पर जरूर जाएगा.”
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एएसएच/एकेजे
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