वाशिंगटन, 19 अप्रैल . व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक कोविड-19 वेबसाइट लॉन्च की, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस की उत्पत्ति के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है. साइट के मुताबिक वुहान के एक लैब से ये वायरस लीक किया गया.
पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन, अमेरिका के पूर्व शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी एंथनी फाउसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी कोरोना वायरस की उत्पत्ति को दबाने की भी आलोचना की गई है.
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर अब कोविड-19 लैब-लीक थ्योरी को समर्पित एक पूरा पेज है.
यह घटना सीआईए द्वारा एक रिपोर्ट जारी करने के कुछ सप्ताह बाद आई है जिसमें कहा गया था कि प्रयोगशाला से लीक की आशंका है.
एजेंसी ने पहले कहा था कि उसके पास कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है.
नया वेबपेज उस साइट पर है, जो कोविड-19 टीकाकरण प्रयासों के लिए संसाधन के रूप में कार्य करती थी. अब इसमें एक बैनर है जिसमें लिखा है: “लैब लीक, द ट्रू ओरिजिन्स ऑफ कोविड-19 ( यानि कोविड उत्पत्ति की सच्चाई).”
बैनर में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी दिखाया गया है. इसमें पूर्व मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. फाउसी और बाइडेन पर कोरोना वायरस की उत्पत्ति को छुपाने का भी आरोप लगाया गया है.
इसमें कहा गया है कि पिछली सरकार ने सच्चाई को छुपाने के लिए विलंब, भ्रम और गैर-जवाबदेही का बहु-वर्षीय अभियान चलाया.
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि यह वेबसाइट कोविड-19 की उत्पत्ति को दर्शाती है और दिखाती है कि कैसे डेमोक्रेट्स और मीडिया ने वैकल्पिक स्वास्थ्य उपचारों और लैब-लीक थ्योरी को बदनाम किया .
इसके अलावा, वेबसाइट में पांच प्रमुख बिंदुओं को सूचीबद्ध किया गया है, जो यह सुझाव देते हैं कि कोविड-19 की उत्पत्ति प्राकृतिक नहीं थी.
वायरस में एक जैविक विशेषता है जो प्रकृति में नहीं पाई जाती.
डेटा के अनुसार, कोविड-19 के सभी मामले मनुष्यों में एकल प्रवेश से उत्पन्न हुए हैं, जो पिछली महामारियों के विपरीत है, जहां कई स्पिलओवर घटनाएं हुई थीं.
वुहान में चीन का प्रमुख सार्स अनुसंधान लैब है, जिसका पर्याप्त जैवसुरक्षा के बिना गेन-ऑफ-फंक्शन अनुसंधान (जीन परिवर्तन और जीवों को सुपरचार्ज करने) का इतिहास रहा है.
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ता 2019 की शरद ऋतु में कोविड जैसे लक्षणों के साथ बीमार थे, जो कि वेट मार्केट में कोविड-19 की खोज से महीनों पहले था.
विज्ञान के लगभग सभी मापदंडों के अनुसार, यदि कोरोना वायरस की प्राकृतिक उत्पत्ति का कोई सबूत होता, तो वह अब तक सामने आ चुका होता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
–
पीएसके/केआर
The post first appeared on .
You may also like
IMD Weather Alert: Heatwave Warning for UP, MP, Rajasthan, and More as Temperatures Soar by Up to 6°C
शरीर के इन 5 अंगों में कहीं भी है तिल तो भाग्यशाली हैं आप, जरुर जानिए ∘∘
इन लोगों के गलती से भी मत छूना पैर, बन जाएंगे पाप के भागी, हो जाएंगे बर्बाद ∘∘
महिला नागा साधु बनना कठिन क्यों है? लगातार कई सालों तक देनी पड़ती है कड़ी परीक्षाएं. फिर मिलता है नया जन्म ∘∘
MP Board Class 10th and 12th Result 2025: Expected by April 30 – Direct Link and How to Check