हरदोई/शाहजहांपुर/हापुड़, 27 अप्रैल . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे का भ्रमण किया और यूपीडा व निर्माण में जुटी एजेंसियों को उच्च गुणवत्ता के साथ समय सीमा में एक्सप्रेसवे को तैयार करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेसवे पर ग्रुप-1 और ग्रुप-2 के तहत हो रहे निर्माण कार्य की प्रगति पर संतोष जताया, जबकि ग्रुप-3 और ग्रुप-4 के तहत चल रहे निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वयं एक्सप्रेसवे पर कार से यात्रा (राइड) की और क्वालिटी पर खुशी जताई. वहीं उन्होंने पहली बार एक्सप्रेसवे में उपयोग में लाई जा रही जर्मन तकनीक को भी विस्तार से समझा. यही नहीं, मुख्यमंत्री ने कार्य कर रहे श्रमिकों से भी मुलाकात की और उनके साथ फोटो शूट भी कराया.
सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी देश के विकसित होने की आधारभूत शर्त होती है. आज जनपद हरदोई, शाहजहांपुर एवं हापुड़ में गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से कार्य को पूर्ण करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले दस वर्षों में देश ने प्रत्येक क्षेत्र में बेहतरीन प्रगति की है. उसी क्रम में, गंगा एक्सप्रेस-वे भी प्रधानमंत्री जी की संकल्पना ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश’ को नए आयाम प्रदान करते हुए प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर और सुगम आवागमन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ ही आर्थिक सशक्तिकरण के मार्ग को प्रशस्त करेगा. पूर्ण विश्वास है, यह आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उत्तर प्रदेश को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक सिद्ध होगा.”
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने तीन जनपदों में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति को देखा. सबसे पहले वह हरदोई के बिलग्राम तहसील स्थित ग्रुप-3 के 347+000 चैनेज पर गए, जबकि यहां से वह शाहजहांपुर के जलालाबाद स्थित बदायूं-हरदोई ग्रुप-2 पर 242 +650 चैनेज का भी भ्रमण किया. अंत में वह हापुड के गढ़मुक्तेश्वर तहसील के तहत मेरठ-बदायूं ग्रुप-1 पर स्थित 62+200 चैनेज पहुंचे और प्रगति का जायजा लिया.
सीएम योगी सबसे पहले हरदोई जनपद के मल्लावां व माधोगंज विकासखंड में गंगा एक्सप्रेस वे का निरीक्षण करने पहुंचे. मुख्यमंत्री ने हसनपुर गोपाल के पास एक्सप्रेसवे के हेलीपैड पर उतरने के बाद कुछ दूर पैदल चलकर एक्सप्रेसवे को देखा. उन्होंने कार से करीब 5 किलोमीटर की दूरी भी तय की. वहीं, उन्हें रोड क्वालिटी और रोड कम्फर्ट के लिए ज्यूरिख यूनिवर्सिटी द्वारा उन्नत टेक्नोलॉजी से भी अवगत कराया गया, जिस पर उन्होंने खुशी जताई. इस दौरान उन्होंने यूपीडा के अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक्सप्रेसवे के इस ग्रुप को समय सीमा के अंतर्गत गुणवत्ता के साथ पूरा कराएं.
इसके बाद मुख्यमंत्री जलालाबाद, शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को देखने पहुंचे. यहां उन्होंने हवाई सर्वे के माध्यम से कार्यों की प्रगति का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने 3.5 किमी. लंबी एयरस्ट्रिप का एरियल सर्वे भी किया. इस एयर स्ट्रिप पर 2 और 3 मई को एयर शो का आयोजन किया जाना है. अभी तक किसी भी एयरस्ट्रिप पर नाइटलैंडिंग नहीं की गई है. गंगा एक्सप्रेसवे पर पहली बार मुख्यमंत्री की मौजूदगी में नाइट लैंडिंग कराए जाने की योजना है.
इसके बाद मुख्यमंत्री हापुड़ में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति देखने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने हापुड़ में गंगा पर बने ब्रिज को भी देखा, इस ब्रिज पर उन्होंने चहलकदमी भी की. मजदूरों के साथ फोटो सेशन कराया. उनका हाल जाना और 18 महीने में पुल बनाने के लिए उनकी और आईआरबी के स्टाफ की प्रशंसा की. यहां उन्हें परियोजना निदेशक ने गंगा एक्सप्रेसवे के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कार्य की भरपूर प्रशंसा की और समय सीमा के अंतर्गत निर्माण पूर्ण कराने के लिए निर्देशित दिया. इस अवसर पर तीनों स्थानों पर मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से भी संवाद किया और उन्हें गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यों पर ब्रीफ करते हुए निगरानी के निर्देश दिए.
यूपीडा के एसीईओ श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे 4 ग्रुप्स में बन रहा है. तीन ग्रुप (2,3,4) को अदाणी समूह बना रहा है और एक ग्रुप को आईआरबी कंपनी द्वारा पीपीपी मॉडल पर बनाया जा रहा है. रायबरेली-प्रयागराज की ओर बने ग्रुप-4 को छोड़कर मुख्यमंत्री ने बाकी तीनों ग्रुप्स का भ्रमण किया और प्रगति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को आपस में जोड़ते हुए मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 594 किलोमीटर लंबा है. एक्सप्रेसवे का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में किया था. इसकी शुरुआत मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (एनएच-334) पर मेरठ के बिजौली ग्राम से होगी और समापन प्रयागराज बाईपास (एनएच-19) पर जुडापुर दांदू गांव पर होगी.
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एसके/
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