कोलंबो, 11 अगस्त . श्रीलंका के सांसद और जाने-माने अर्थशास्त्री हर्षा डी सिल्वा ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर भारत के रुख का खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने भारत के साहसिक रुख का समर्थन करते हुए कहा कि भारत की हिम्मत पूरे एशिया को प्रेरित करती है.
उन्होंने अपने देशवासियों से अपील की कि वे भारत के प्रति सम्मानजनक रुख अपनाएं, खासकर मौजूदा अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच.
संसद में बोलते हुए सिल्वा ने याद दिलाया कि श्रीलंका के अभूतपूर्व आर्थिक संकट के समय भारत ही वह देश था, जिसने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया था. उन्होंने कहा, “जब हम मुश्किल में थे, भारत हमारे साथ खड़ा था. इसलिए जब वे कठिन दौर से गुजर रहे हैं तो उनका मजाक मत उड़ाइए. भारत को उम्मीद थी कि टैरिफ 15 प्रतिशत पर आ जाएगा, हमें भी यही उम्मीद थी.”
सिल्वा का यह बयान ट्रंप द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद आया है. ट्रंप ने इस फैसले का कारण भारत के रूसी तेल की लगातार खरीद को बताया, जबकि भारत ने इसे “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक” करार दिया है.
श्रीलंकाई सांसद ने अपने संसदीय भाषण का एक वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए लिखा, “श्रीलंकाई संसद में सरकार को चेताया कि भारत के साहसिक रुख का मजाक उड़ाना गलत है. भारत, हमारा सच्चा सहयोगी, मुश्किल समय में हमारे साथ खड़ा रहा. हमें उनके संघर्ष का सम्मान करना चाहिए, हंसी नहीं उड़ानी चाहिए.”
भारत-श्रीलंका संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और जन-जन के जुड़ाव पर आधारित हैं. आधुनिक समय में यह रिश्ता एक मजबूत आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी साझेदारी में बदल चुका है. श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का अभिन्न हिस्सा है और दोनों देशों के बीच का विश्वास और सद्भाव समय की कसौटी पर खरा उतरा है.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस साल की शुरुआत में कहा था, “भारत ने हमेशा कठिन समय में श्रीलंका की मदद की है. आर्थिक स्थिरीकरण और पुनरुद्धार में भारत ने अहम भूमिका निभाई, यह साबित करते हुए कि वह क्षेत्र में किसी भी संकट का पहला जवाब देने वाला भरोसेमंद पड़ोसी है.”
श्रीलंकाई विदेश मंत्री विजिता हेराथ ने भी भारत को “विश्वसनीय साझेदार” बताते हुए कहा था कि 2022 में भारत ने लगभग 4 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता दी और सबसे पहले आईएमएफ को वित्तीय आश्वासन दिया, जिससे श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम को बल मिला. इस मदद के बिना देश की आर्थिक सुधार प्रक्रिया इतनी तेज नहीं होती.
–
डीएससी/एबीएम
You may also like
तंत्र क्रियाओं में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती हैˈ इस पौधे की जड़ जानिए क्यों है तांत्रिकों की फेवरेट
60KG सब्जी45KG चावल25KG दाल40 मुर्गे सब एक दिनˈ में चट कर जाता है दुनिया का सबसे बड़ा परिवार
आज का सिंह राशिफल, 12 अगस्त 2025 : कार्यक्षेत्र में आएंगी चुनौतियां, करीबी लोगों से लेनी पड़ सकती है मदद
एक ऐसी डिग्री, जिसके बाद Meta से Google तक खुद देगी नौकरी, पैकेज जान चकरा सकता है दिमाग!
अगर आपने 30 दिन तक नहीं पी चायˈ तो शरीर खुद बोलेगा “थैंक यू” – जानिए क्या होंगे असर