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झारखंड में मॉक ड्रिल, सायरन से लेकर ब्लैकआउट तक का परीक्षण

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रांची, 7 मई . केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को झारखंड के छह शहरों में आपातकालीन सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की गई. राजधानी रांची के अलावा जमशेदपुर, बोकारो, गोड्डा, साहिबगंज और गोमिया में सायरन की आवाज के साथ शुरू हुई मॉक ड्रिल का समापन ब्लैक आउट प्रैक्टिस के साथ हुआ.

इस दौरान पीएसयू, औद्योगिक क्षेत्र, विस्फोटक फैक्ट्री, स्कूल, कार्यालय और नागरिक आबादी वाले इलाकों में लोग किसी भी तरह के हमले, आग, विस्फोट और आपात स्थिति से सुरक्षा और बचाव के तौर-तरीकों से वास्तविक रूप से अवगत हुए. पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मॉक ड्रिल का हिस्सा बने.

रांची में शाम चार बजे इस ड्रिल की शुरुआत डोरंडा इलाके के मेकॉन लिमिटेड के भवन में हमले की सूचना के प्रसारण के साथ हुई. मुख्य भवन से अधिकारियों-कर्मचारियों को सुरक्षित निकालने के साथ-साथ हताहत लोगों को अस्पताल पहुंचाने में एनडीआरएफ के जवानों के साथ-साथ एनसीसी कैडेट्स की सक्रिय भागीदारी का अभ्यास किया गया.

आग बुझाने में अग्निशमन दस्ते की तत्परता और आबादी वाले इलाके से एम्बुलेंस के आवागमन का भी परीक्षण किया गया. शाम सात बजे पूरे इलाके में एक-एक इमारत की बत्ती गुल करते हुए ब्लैक आउट की कृत्रिम स्थिति बनाई गई और लोगों से खुद को सुरक्षित रखने का अभ्यास कराया गया. तीन घंटे की इस ड्रिल की मॉनिटरिंग रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और एसएसपी सह डीआईजी चंदन कुमार सिन्हा ने की.

बोकारो में बीएसएल (बोकारो स्टील लि.), नगर प्रशासन भवन और गोमिया स्थित आईईएल (इंडियन एक्सप्लोसिव लि.) प्लांट क्षेत्र में मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक आयोजित की गई. बोकारो के एमजीएम हायर सेकेंडरी स्कूल में सायरन बजते ही बच्चों को अपने बचाव की ट्रेनिंग दी गई. सायरन बजने के बाद पटाखे के धमाके के साथ आपातकालीन स्थिति का संकेत दिया गया.

अधिकारियों ने तुरंत फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को सूचित किया. डिफेंस टीम ने घायल व्यक्ति को एंबुलेंस में पहुंचाया. फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया. गोड्डा स्थित अदाणी पावर प्लांट परिसर में हुई मॉक ड्रिल में प्लांट के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया.

पहले चरण में सायरन बजाकर कर्मचारियों को सतर्क किया गया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. दूसरे चरण में आग लगने की काल्पनिक घटना के जरिए आग पर काबू पाने का प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही धमाकों में घायल हुए कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार के लिए चिकित्सा केन्द्र तक पहुंचाया गया और आग पर पूरी तरह नियंत्रण पाने का अभ्यास किया गया. तीसरे और अंतिम चरण में गंभीर रूप से घायल लोगों को एम्बुलेंस की सहायता से नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया.

मॉक ड्रिल के दौरान सिक्योरिटी हेड सुब्रत देवनाथ और सेफ्टी हेड रणधीर कुमार ने कर्मचारियों को आपातकालीन स्थिति में अपनाई जाने वाली सावधानियों और सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. अदाणी पावर के स्टेशन हेड प्रसून चक्रवर्ती ने अपने संबोधन में बताया कि इस प्रकार की ड्रिल न केवल कर्मचारियों को सतर्क करती है, बल्कि किसी भी आकस्मिक स्थिति में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करती है. जमशेदपुर और साहिबगंज में भी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की निगरानी में इसी तरह की मॉक ड्रिल करायी गई.

एसएनसी/डीएससी

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