प्रयागराज, 12 अप्रैल . संगम नगरी प्रयागराज स्थित लेटे हुए श्री बड़े हनुमान जी के मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर शनिवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. सुबह होते ही मंदिर के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं और पूरा वातावरण ‘जय श्रीराम’ और ‘बजरंगबली की जय’ के नारों से गूंज उठा.
चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर विशेष महाभिषेक का आयोजन किया गया. यह अभिषेक 108 लीटर दूध, दही, घी, शहद, गन्ने के रस और पंचामृत से किया गया. पूजन और अभिषेक का नेतृत्व बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरी जी महाराज ने विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया. महंत ने बताया कि यह आयोजन हर वर्ष की तरह भक्तों की भावनाओं से जुड़ा है और भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है.
इस दौरान, मंदिर परिसर को फूल, झालर और दीपक से सजाया गया. जगह-जगह भजन-कीर्तन के आयोजन हुए और भंडारे में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. दूर-दराज के राज्यों से आए भक्तों ने आस्था के साथ दर्शन किए और भगवान हनुमान से अपने परिवार और देश की सुख-शांति की कामना की.
इस मौके पर एक महिला श्रद्धालु ने कहा, “मैं हर साल हनुमान जन्मोत्सव पर यहां आती हूं. इस बार का आयोजन बहुत भव्य था. जब हमने प्रभु के दर्शन किए तो मन ही प्रसन्न हो गया. ऐसा लग रहा था मानो स्वयं हनुमान जी अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रहे हों.”
बता दें कि हनुमान जयंती के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे. पुलिस बल मंदिर परिसर और आसपास तैनात रहा, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो. प्रयागराज की पावन धरती पर हुआ यह आध्यात्मिक आयोजन एक बार फिर भक्तों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन गया.
–
डीएससी/पीएसके
The post first appeared on .
You may also like
पति पत्नी का तलाक करवा देती है ये बातें, आचार्य चाणक्य से सीखे शादीशुदा रिश्ते को बचाने के जरुरी टिप्स ∘∘
चाणक्य के अनुसार अच्छी चरित्र वाली महिलाओं में होती है ये 3 गुण. देखते ही करें पहचान ∘∘
आचार्य चाणक्य की सलाह: पत्नी को न बताएं ये चार बातें
चाणक्य की नीतियाँ: शादीशुदा महिलाओं के लिए 6 महत्वपूर्ण सलाह
आचार्य चाणक्य की नीतियाँ: पत्नी को खुश रखने के 5 गुण