शामली, 24 सितंबर . उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों और वाहनों पर जाति के उल्लेख पर प्रतिबंध लगाए जाने से सियासत तेज हो गई है. कैराना से Samajwadi Party की सांसद इकरा हसन ने इस फैसले पर प्रदेश Government की आलोचना की. उन्होंने विरोध जताते हुए इस फैसले को तानाशाही आदेश करार दिया.
Samajwadi Party की सांसद इकरा हसन ने से खास बातचीत के दौरान कहा कि यह एक तानाशाही आदेश है जो उत्तर प्रदेश Government लोगों पर थोप रही है. यह स्पष्ट रूप से उनकी घबराहट को दर्शाता है, क्योंकि इस समय कोई भी समुदाय या समूह Government से खुश नहीं है. ये नियम हमारे देश की संस्कृति और सुंदरता के खिलाफ हैं. India ‘विविधता में एकता’ के लिए जाना जाता है, और इस देश में ऐसे आदेश जारी करने से कई लोगों की भावनाएं आहत होंगी, जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि पीडीए उत्तर प्रदेश में इतनी तेजी से बढ़ रहा है, जिसका परिणाम हमने 2024 के आम चुनाव में देखा. इनको सबक सिखाने के लिए हर वर्ग, हर पीड़ित पीडीए के साथ जुड़ता जा रहा है. उसी की बौखलाहट में यह फरमान जारी किया गया है.
इकरा हसन ने कहा कि दुनिया में India का स्तर गिरता जा रहा है. अमेरिका हमारे देश पर कई तरह की पाबंदियां लगा रहा है.
‘आई लव मुहम्मद’ नारे पर सपा की सांसद इकरा हसन कहती हैं कि उत्तर प्रदेश में मौजूदा Government संविधान और देश के नागरिकों के अधिकारों से अनजान लगती है. हम समझ नहीं पा रहे हैं कि यहां किस तरह की कानून व्यवस्था चल रही है. आलोचना तो समझ में आती है, लेकिन अगर कोई किसी त्यौहार के दौरान अपने धर्म के बारे में कुछ अच्छा कहें, पैगम्बर की तारीफ करें, तो ऐसी चीजों का विरोध करना अस्वीकार्य है. पैगम्बर मुहम्मद ने हमेशा शांति और भाईचारे को बढ़ावा दिया.
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एएसएच/एएस
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