By Jitendra Jangid- दोस्तो देश के कई सरकारी और प्राइवेट डिपार्टमेंटों में तेज़-तर्रार कामकाजी माहौल में, बेहतर कार्य-जीवन संतुलन और कर्मचारी उत्पादकता बढ़ाने के लिए पाँच-दिवसीय कार्य सप्ताह को तेज़ी से अपनाया जा रहा है। अब, पाँच-दिवसीय कार्य संस्कृति की माँग बैंकिंग क्षेत्र तक भी पहुँच गई है। ऐसे में कई रिपोर्ट्स भी आई हैं कि बैंक 5 दिन ही खुलेंगे, लेकिन क्या हैं सच आइए जानते हैं-

वर्तमान बैंक अवकाश व्यवस्था
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक वर्तमान में दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं।
बैंक पहले, तीसरे और पाँचवें शनिवार को खुले रहते हैं।
सभी रविवार बैंकों के लिए गैर-कार्य दिवस होते हैं।
नए प्रस्ताव में क्या है?
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (AIBOC) और भारतीय बैंक संघ (IBA) ने संयुक्त रूप से केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव सौंपा है।
मांग: सभी शनिवारों की छुट्टी, जिससे कार्य सप्ताह प्रभावी रूप से सोमवार से शुक्रवार तक हो जाएगा।
तर्क: पाँच-दिवसीय सप्ताह कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ाएगा, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करेगा और बेहतर कार्य वातावरण को बढ़ावा देगा।
प्रस्ताव में सुझाव दिया गया है कि डिजिटल बैंकिंग चैनल सप्ताहांत में भी ग्राहकों की सेवा जारी रख सकते हैं, जिससे कोई बड़ी बाधा न आए।
संसद में उठाया गया मुद्दा
सांसद केसी वेणुगोपाल ने हाल ही में संसद में यह मुद्दा उठाया।
उन्होंने वित्त मंत्रालय से सरकार के रुख और कार्यान्वयन की समय-सीमा के बारे में सवाल किया।
वित्त मंत्रालय ने पुष्टि की कि प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

ऐतिहासिक संदर्भ: 2015 का सुधार
2015 में, 10वें द्विपक्षीय समझौते के तहत, सरकार ने बैंकों को दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रखने का नियम लागू किया था।
वर्तमान प्रस्ताव के भी इसी तरह की प्रक्रिया से गुजरने की उम्मीद है, जिसके लिए सरकार और बैंक यूनियनों के बीच आपसी सहमति की आवश्यकता होगी।
बैंकों में कर्मचारियों की उपलब्धता
31 मार्च 2025 तक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 96% पद भरे जा चुके हैं।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, कर्मचारियों की मामूली कमी सेवानिवृत्ति या अचानक इस्तीफ़ों के कारण है।
सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए बैंक नियमित रूप से अपने संबंधित बोर्ड के माध्यम से भर्ती करते हैं।
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