ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में 21 अगस्त की शाम हुई घटना ने सभी को हिला दिया है। निक्की भाटी की मौत आग में जलकर हुई, लेकिन यह आत्महत्या थी या हत्या—इस पर अब भी संशय बरकरार है। पुलिस लगातार जांच कर रही है, वहीं अलग-अलग पक्ष अपने-अपने तर्क पेश कर रहे हैं। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के चर्चित वकील एपी सिंह ने निक्की की बहन कंचन की भूमिका को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
एपी सिंह, जो निर्भया केस और सीमा हैदर प्रकरण जैसे मामलों में अपनी दलीलों से चर्चा में रहे हैं, का कहना है कि यह मामला दहेज हत्या का प्रतीत नहीं होता। उन्होंने स्पष्ट किया कि निक्की की शादी को करीब 9-10 साल हो चुके थे, जबकि कानून के अनुसार दहेज हत्या के आरोप अधिकतम सात साल तक ही मान्य होते हैं।
“निक्की ने खुद कही थी सिलेंडर फटने की बात”
वरिष्ठ वकील ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों के सामने निक्की ने खुद कहा था कि सिलेंडर में ब्लास्ट होने से आग लगी। लेकिन इसके विपरीत उसकी बहन कंचन का बयान अलग दिशा में जाता है। एक वायरल वीडियो में कंचन निक्की से कहती है—“तूने यह क्या किया?”। एपी सिंह का तर्क है कि यह शब्द इस ओर इशारा करते हैं कि घटना आत्महत्या की हो सकती है। कई बार लोग केवल परिवार या पति-पत्नी के विवाद में दबाव बनाने के लिए आत्महत्या का दिखावा करते हैं, लेकिन हादसा अनजाने में बड़ा रूप ले लेता है।
बचाने की बजाय वीडियो क्यों?
वकील एपी सिंह ने कंचन के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा—“जब अपनी ही बहन आग में घिरी हो, तो पहला कदम उसे बचाने का होना चाहिए। कंबल या रजाई डालकर आग बुझाने की कोशिश करनी चाहिए थी। लेकिन यहां कंचन वीडियो बनाती रही। यहां तक कि वह कह भी रही है—‘बहन तूने यह क्या किया’। यह बेहद असामान्य है। यहां तक कि पत्रकार भी हादसे में सबसे पहले मदद करने का प्रयास करते हैं।”
गहनों और सामान पर नजर का आरोप
एपी सिंह ने यह भी दावा किया कि निक्की की मौत के बाद कंचन सीधे ससुराल पहुंच गई और वहां से ताले तोड़कर बड़ी मात्रा में सामान ले आई। उन्होंने कहा—“तेरहवीं का इंतजार तक नहीं किया गया। घर की अलमारियों और तिजोरियों से गहने, सोना-चांदी, महंगे कपड़े, नकदी और अन्य कीमती सामान बड़े-बड़े सूटकेस में भरकर लाए गए। यह मानसिकता बताती है कि शायद पहले से ही इन चीजों पर नज़र रखी जा रही थी।”
पति पर शक को किया खारिज
निक्की के पति विपिन पर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर भी वकील ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जब घटना हुई, तो विपिन अपनी दुकान पर था और आग की जानकारी मिलते ही घर की ओर दौड़ा। इसका मतलब यह हुआ कि वह घटना के वक्त वहां मौजूद नहीं था। “वह जलाने वाला नहीं, बल्कि बचाने के लिए भागा था।” एपी सिंह ने आगे कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही से यह बात आसानी से साबित हो सकती है।
पारिवारिक विवाद सामान्य बात
अंत में वकील ने कहा कि पुराने वीडियो दिखाकर यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि परिवार में हिंसा होती थी। लेकिन उनका कहना है कि हर परिवार में मतभेद और झगड़े होते हैं—जहां रिश्तों में प्यार होता है, वहां तकरार भी स्वाभाविक है। इससे सीधे तौर पर हत्या का सबूत नहीं माना जा सकता।
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