आरजेडी के राष्ट्रीय नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए चुनावी माहौल पर तेज़ सवाल उठाए। उन्होंने केंद्र और राज्य की सरकार पर आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान जनहित व सामाजिक योजनाओं के माध्यम से लक्षित लाभार्थियों के खातों में रकमे ट्रांजैक्ट कर वोट प्रभावित किए जा रहे हैं। तेजस्वी ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी तीखी चिंता जताई और पूछा कि “चुनाव आयोग की नैतिकता कहां गई?”#WATCH पटना, बिहार: महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "...इस बार बिहार की जनता इनको सबक सिखाने का काम करेगी...बिहार को बिहार का लाल ही चलाएगा, कोई बाहरी आकर नहीं चलाएगा...हमें बिहार को आगे लेकर जाना है…आज भी सरकार द्वारा 10 लाख महिलाओं के खाते… pic.twitter.com/oqS4I1a8kf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 30, 2025
चुनाव मिलावट और ‘खातों में धन‘ पर आरोप
तेजस्वी ने कहा कि सरकार लगातार लाखों महिलाओं के खातों में रकम ट्रांन्सफर कर रही है और 24 तारीख को भी ऐसा हुआ। उन्होंने इसे “चुनावी रिश्वत” करार देते हुए कहा कि चुनाव के बीच में 10-10 हज़ार रुपये सीधे खातों में डाले जा रहे हैं। उनका तर्क रहा कि यह कदम चुनावी निष्पक्षता को चोट पहुंचाता है और चुनाव आयोग चुप बैठा है। तेजस्वी ने आगे कहा कि यदि यह उधार है तो बाद में ब्याज़ समेत राशि वसूलने का सिलसिला भी शुरू होगा — जो देश के सामने एक नैतिक सवाल कायम करता है।
“चुनाव के बीच 10-10 हज़ार रुपये खाते में डालकर खुलेआम रिश्वत दी जा रही है — चुनाव आयोग की नैतिकता को पूरा देश देख रहा है,” उन्होंने कहा।
क्या आ गई कोई नई 'इमरजेंसी'?
तेजस्वी ने कड़वी भाषा में कहा कि ऐसी कार्रवाईयों का तर्क समझ से परे है और उन्होंने प्रश्न उठाया कि किस प्रकार की आपात स्थिति ने चुनावी नियमों और नैतिकता को दरकिनार कर दिया है। उनका कहना था कि बीते 20 वर्षों में जो कुछ भी नहीं किया गया, वही सब चुनाव के दौरान अचानक हो रहा है — और यह लोकतंत्र के लिए चिंताजनक संकेत है।
‘बिहार को बिहार का लाल ही चलाएगा’ — बाहरी हस्तक्षेप पर चेतावनी
एक अन्य सवाल के जवाब में तेजस्वी ने केंद्र नेतृत्व और अमित शाह के कथित बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार को विकास के नाम पर केवल वोट बैंक के रूप में न देखा जाए। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं का मानना है कि बिहार में उद्योग-धंधा नहीं लग सकते और फैक्ट्री लगाने की जगह सिर्फ वोट लेना ही उद्देश्य बना हुआ है। तेजस्वी ने इसे अपमानजनक और खतरनाक बताया और कहा:
“बिहार को बिहार का लाल ही चलाएगा — कोई बाहरी नहीं आएगा और इसे संचालित नहीं कर पाएगा। बिहार की जनता उन्हें सबक सिखाएगी।”
उन्होने चेतावनी दी कि यदि विपक्षी वोट बिखरे और वही लोग फिर से सत्ता में आ गए, तो राज्य का विकास रुक सकता है। इसलिए मतदाताओं से अपील की कि वे सोच-समझ कर निर्णय दें।
ओवैसी के बयान पर तेजस्वी का रुख: 'हमारा लक्ष्य बिहार है'
पत्रकारों ने तिरंगे राजनीतिक बयानबाजी के बीच ओवैसी द्वारा मुसलमानों को मतदान न करने की अपील पर भी सवाल किया। तेजस्वी ने कहा कि वे व्यक्तिगत बयान पर ध्यान नहीं दे रहे और उनका मुख्य फोकस बिहार को आगे बढ़ाने पर है। उन्होंने सभी समुदायों से हाथ जोड़कर आपसे अपील की कि वे इस मौके को बिहार बदलने के लिए न गंवाएँ। तेजस्वी ने निष्कर्षतः कहा:
“हमारा कोई एजेंडा विभाजन नहीं है — हम बिहार को आगे ले जाना चाहते हैं। अगर ये (एनडीए) फिर आ गए तो बिहार पीछे चला जाएगा।”
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