नई दिल्ली: दिल्ली में ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’ की एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां दिवंगत आईएएस की बुजुर्ग पत्नी को शिकार बनाया गया है। बुजुर्ग महिला फ्रीलांस जर्नलिस्ट हैं और घर में पूरी तरह से दिव्यांग बेटी की देखभाल में लगी रहती हैं। उन्हें एक विडियो कॉल आया। कॉल करने वाले खुद को सीबीआई अफसर बताया। इतना ही नहीं कॉल करने वाले ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी का डर दिखाकर लाख दो लाख नहीं, बल्कि बुजुर्ग महिला के जीवन भर की जमा पूंजी (2 करोड़ 36 लाख) रुपए हड़प लिए। महिला की शिकायत पर स्पेशल सेल की एफएसओ यूनिट ने केस दर्ज किया है।आईएफएसओ सूत्रों के मुताबिक, डिजिटल स्कैम का शिकार हुई लेडी फ्रीलांसर जर्नलिस्ट हैं। वह अरबिंदो मार्ग, हौजखास इलाके में रहती हैं। उनके पति आईएएस थे। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि वह अपनी एक दिव्यांग बेटी के साथ करीब 25 साल से रह रही हैं। लगभग दो महीने पहले एक अनजान नंबर से इनके पास फोन आया। इसके बाद तीन अलग-अलग नंबरों से कॉल आए, जिसमें कॉल करने वालों ने खुद को सीबीआई से बताया और बातचीत करते हुए धमकी दी कि आप पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है। यह सुनकर पीड़िता बुरी तरह हैरान रह गईं। उनका कहना था कि उन्होंने जीवन में कभी भी कुछ गलत नहीं किया। कॉल करने वालों ने भारत सरकार के नाम से सीबीआई का वॉरंट भेजा। इसके बाद उन्होंने अगला एक्शन गिरफ्तार करने की कार्रवाई का बताया। वीडियो कॉल पर सीनियर से भी कराई बातपीड़िता अचानक हुए घटनाक्रम से कुछ समझ ही नहीं पा रही थीं। घर में दिव्यांग बेटी है, उनकी देखभाल में भी उनका समय निकलता है। पीड़िता के अनुरोध पर कथित सीबीआई वालों ने विडियो कॉल पर अपने सीनियर से बात कराई। उन्होंने पीड़िता की पारिवारिक मुश्किल को समझते हुए मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और एफआईआर के केस से बाहर निकालने में पूरी मदद करेंगे। तीन अकाउंट नंबरों में भेज दी रकमइसके बाद उन्होंने कहा कि वह अपना सारा पैसा, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग का माना जा रहा है, उसे सरकारी खाते में जमा कर दें। उन्होंने भरोसा दिया कि मामला सुलझ जाने के बाद वे पैसा वापस कर देंगे। महिला ने अपनी सारी रकम कथित सीबीआई वालों की तरफ से दिए गए तीन अकाउंट नंबरों में भेज दी। महिला ने अपनी सभी एफडी समय से पहले तुड़वा लीं और उन्हें आरटीजीएस के माध्यम से पैसा भेज दिया। महिला ने 2 करोड़ 36 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके कई दिनों बाद महिला को जानकारों से पता चला कि वह डिजिटल अरेस्ट स्कैम का शिकार हुई हैं।
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