पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव आरजेडी से इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने कहा है कि वे पार्टी में वापसी की जगह मौत चुनेंगे। तेज प्रताप यादव को लालू यादव ने कुछ महीने पहले आरजेडी और परिवार से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) नाम की अपनी पार्टी बना ली है।
बिहार के पूर्व मंत्री और लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को कहा कि वे राष्ट्रीय जनता दल में लौटने से बेहतर मौत को चुनेंगे। तेज प्रताप ने नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ बनाई है और वे इसी पार्टी से महुआ विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यह वही सीट है जहां से उन्होंने सन 2015 में पहला चुनाव लड़ा था।
सत्ता की भूख नहीं, आत्मसम्मान सर्वोपरितेज प्रताप ने अपने छोटे भाई और महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी की कि ‘‘सत्ता उसी को मिलती है जिसे जनता का आशीर्वाद हासिल हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आरजेडी में लौटने से बेहतर मौत को चुनूंगा। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। मेरे लिए सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि है।’’
तेज प्रताप ने दावा किया कि, ‘‘मेरे लिए सबसे बड़ी बात जनता की सेवा करना है। मैं ईमानदारी से ऐसा करता हूं और लोग मुझसे प्यार व भरोसा करते हैं।’’ महुआ क्षेत्र से अपने पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए तेज प्रताप ने कहा, ‘‘मैं राजनीति में आने से बहुत पहले से इस क्षेत्र से जुड़ा रहा हूं। लोग कहते हैं कि जब मैं विधायक था तब वे खुश थे क्योंकि उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया जाता था। अब वे कहते हैं कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।’’
तेज प्रताप ने कहा कि वे महुआ के मौजूदा आरजेडी विधायक मुकेश रौशन को किसी बड़ी चुनौती के रूप में नहीं देखते। मुकेश को तेजस्वी का करीबी माना जाता है।
माता-पिता का आशीर्वाद साथ
तेज प्रताप अपना नामांकन पत्र दाखिल करते समय अपनी दिवंगत दादी मरिचिया देवी की तस्वीर साथ लिए थे। इस पर उन्होंने कहा, ‘‘बिलकुल, उन्हीं के आशीर्वाद से मेरे पिता राजनीति में आगे बढ़े थे।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने माता-पिता से भी आशीर्वाद लिया है, तो उन्होंने कहा, ‘‘काफी समय से हमारी बात नहीं हुई है, लेकिन मैं जानता हूं कि उनका आशीर्वाद मेरे साथ है।’’
अपने भाई तेजस्वी के साथ पुराने रिश्ते को याद करते हुए तेज प्रताप ने कहा, ‘‘वह मेरा छोटा भाई है। उस पर मेरा आशीर्वाद हमेशा रहेगा। मैं उस पर सुदर्शन चक्र नहीं चला सकता।’’ तेजस्वी को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में तरह-तरह की घोषणाएं होती रहती हैं, लेकिन सत्ता वही पाता है जिसे जनता का आशीर्वाद मिलता है।’’
महुआ सीट पर चुनाव लड़ रहे तेज प्रताप हालांकि तकेज प्रताप ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को भी आड़े हाथों लिया और कहा, ‘‘लोग अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की नापाक साजिशों में नहीं आने वाले हैं।’’
अपनी नई पार्टी जेजेडी के चुनाव चिन्ह का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कुछ भी अलग नहीं है। महुआ की जनता मेरा परिवार है। मैं अब अपनी पार्टी के तहत चुनाव लड़ रहा हूं, जिसका चुनाव चिन्ह ‘ब्लैकबोर्ड’ है।’’ उन्होंने अपने साथ मौजूद एक बुजुर्ग व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘यह स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी को अपनी आंखों से देखा है। इससे बड़ी प्रेरणा मुझे क्या चाहिए?’’
जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर पर उन्होंने टिप्पणी की, ‘‘वह मूल रूप से व्यापारी हैं। वे संसाधन जुटाकर पार्टियों का प्रचार अभियान चलाते हैं। वही काम वे अब भी कर रहे हैं।’’
बिहार के पूर्व मंत्री और लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को कहा कि वे राष्ट्रीय जनता दल में लौटने से बेहतर मौत को चुनेंगे। तेज प्रताप ने नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ बनाई है और वे इसी पार्टी से महुआ विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यह वही सीट है जहां से उन्होंने सन 2015 में पहला चुनाव लड़ा था।
सत्ता की भूख नहीं, आत्मसम्मान सर्वोपरितेज प्रताप ने अपने छोटे भाई और महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी की कि ‘‘सत्ता उसी को मिलती है जिसे जनता का आशीर्वाद हासिल हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आरजेडी में लौटने से बेहतर मौत को चुनूंगा। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। मेरे लिए सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि है।’’
VIDEO | Bihar Polls 2025: When asked if he will join the INDIA alliance, Janshakti Janata Dal chief and candidate from Mahua Assembly constituency, Tej Pratap Yadav, said, "No, I would rather die than go back to that party. We have our own party, Janshakti Janata Dal, and we… pic.twitter.com/ikbOp03fni
— Press Trust of India (@PTI_News) October 24, 2025
तेज प्रताप ने दावा किया कि, ‘‘मेरे लिए सबसे बड़ी बात जनता की सेवा करना है। मैं ईमानदारी से ऐसा करता हूं और लोग मुझसे प्यार व भरोसा करते हैं।’’ महुआ क्षेत्र से अपने पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए तेज प्रताप ने कहा, ‘‘मैं राजनीति में आने से बहुत पहले से इस क्षेत्र से जुड़ा रहा हूं। लोग कहते हैं कि जब मैं विधायक था तब वे खुश थे क्योंकि उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया जाता था। अब वे कहते हैं कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।’’
तेज प्रताप ने कहा कि वे महुआ के मौजूदा आरजेडी विधायक मुकेश रौशन को किसी बड़ी चुनौती के रूप में नहीं देखते। मुकेश को तेजस्वी का करीबी माना जाता है।
माता-पिता का आशीर्वाद साथ
तेज प्रताप अपना नामांकन पत्र दाखिल करते समय अपनी दिवंगत दादी मरिचिया देवी की तस्वीर साथ लिए थे। इस पर उन्होंने कहा, ‘‘बिलकुल, उन्हीं के आशीर्वाद से मेरे पिता राजनीति में आगे बढ़े थे।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने माता-पिता से भी आशीर्वाद लिया है, तो उन्होंने कहा, ‘‘काफी समय से हमारी बात नहीं हुई है, लेकिन मैं जानता हूं कि उनका आशीर्वाद मेरे साथ है।’’
अपने भाई तेजस्वी के साथ पुराने रिश्ते को याद करते हुए तेज प्रताप ने कहा, ‘‘वह मेरा छोटा भाई है। उस पर मेरा आशीर्वाद हमेशा रहेगा। मैं उस पर सुदर्शन चक्र नहीं चला सकता।’’ तेजस्वी को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में तरह-तरह की घोषणाएं होती रहती हैं, लेकिन सत्ता वही पाता है जिसे जनता का आशीर्वाद मिलता है।’’
महुआ सीट पर चुनाव लड़ रहे तेज प्रताप हालांकि तकेज प्रताप ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को भी आड़े हाथों लिया और कहा, ‘‘लोग अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की नापाक साजिशों में नहीं आने वाले हैं।’’
अपनी नई पार्टी जेजेडी के चुनाव चिन्ह का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कुछ भी अलग नहीं है। महुआ की जनता मेरा परिवार है। मैं अब अपनी पार्टी के तहत चुनाव लड़ रहा हूं, जिसका चुनाव चिन्ह ‘ब्लैकबोर्ड’ है।’’ उन्होंने अपने साथ मौजूद एक बुजुर्ग व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘यह स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी को अपनी आंखों से देखा है। इससे बड़ी प्रेरणा मुझे क्या चाहिए?’’
जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर पर उन्होंने टिप्पणी की, ‘‘वह मूल रूप से व्यापारी हैं। वे संसाधन जुटाकर पार्टियों का प्रचार अभियान चलाते हैं। वही काम वे अब भी कर रहे हैं।’’
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