मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की पुलिस ने एक ऐसे मामले का पर्दाफाश किया है जिसमें बिना मेडिकल डिग्री वाली सलमा नासिर ने प्रेशर पंप की सहायता से गर्भ से बच्चे को निकालने की कोशिश की। इसके परिणामस्वरूप नवजात बच्चे की मौत हो गई। शहर में चल रहे एक अवैध हेल्थ केयर सेंटर की संचालिका सलमा नासिर को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं, इस मामले में शामिल मेडविन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के दो डॉक्टर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं और उनके खिलाफ जांच जारी है।
यह मामला कटघर थाना क्षेत्र के गांव मछरिया का रहने वाला शिवकुमार द्वारा दायर याचिका से सामने आया। शिवकुमार की पत्नी सोनी ठाकुर गर्भवती थीं, जिनकी डिलीवरी कराने का भरोसा उन्हें जयंतीपुर क्षेत्र की अर्चना सिंह ने दिया। इसके बाद सोनी ठाकुर को सलमा नासिर के नाम से चलने वाले अवैध हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। 17 नवंबर 2024 को प्रसव पीड़ा के दौरान सलमा ने बताया कि नवजात को प्रेशर पंप से खींचा गया था, जिससे बच्चे के सिर में गंभीर चोट आई।
बच्चे को तुरंत मेडविन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार ठीक ढंग से नहीं हो पाया। बाद में नवजात को मानसरोवर स्थित चाइल्ड केयर सेंटर ले जाया गया, जहां 19 नवंबर 2024 को उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद मझोला पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सलमा नासिर, अर्चना सिंह, और दूसरे दो डॉक्टरों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था।
कटघर थाना प्रभारी रवींद्र कुमार ने बताया कि सलमा नासिर जिस हेल्थ केयर सेंटर में काम कर रही थी, वह न तो हॉस्पिटल विभाग में पंजीकृत था और न ही सलमा के पास कोई मेडिकल डिग्री थी। इसके अलावा, सीएमओ की टीम ने तीन बार इस सेंटर को सील किया था, लेकिन सलमा ने हर बार अवैध रूप से इसे फिर से चालू कर दिया।
जानकारी में यह भी सामने आया कि सलमा ने प्रेशर पंप से डिलीवरी का आइडिया मशहूर फिल्म 'थ्री इडियट्स' देखकर लिया था। उन्होंने पूछताछ में यह स्वीकार किया कि फिल्म देखकर ऐसा तरीका अपनाने की सोची थी, जो उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई।
अब पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दो डॉक्टरों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम गठित की गई है। प्रशासन भी अवैध चिकित्सा प्रथाओं पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है ताकि इस तरह दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सके।
यह मामला कटघर थाना क्षेत्र के गांव मछरिया का रहने वाला शिवकुमार द्वारा दायर याचिका से सामने आया। शिवकुमार की पत्नी सोनी ठाकुर गर्भवती थीं, जिनकी डिलीवरी कराने का भरोसा उन्हें जयंतीपुर क्षेत्र की अर्चना सिंह ने दिया। इसके बाद सोनी ठाकुर को सलमा नासिर के नाम से चलने वाले अवैध हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। 17 नवंबर 2024 को प्रसव पीड़ा के दौरान सलमा ने बताया कि नवजात को प्रेशर पंप से खींचा गया था, जिससे बच्चे के सिर में गंभीर चोट आई।
बच्चे को तुरंत मेडविन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार ठीक ढंग से नहीं हो पाया। बाद में नवजात को मानसरोवर स्थित चाइल्ड केयर सेंटर ले जाया गया, जहां 19 नवंबर 2024 को उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद मझोला पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सलमा नासिर, अर्चना सिंह, और दूसरे दो डॉक्टरों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था।
कटघर थाना प्रभारी रवींद्र कुमार ने बताया कि सलमा नासिर जिस हेल्थ केयर सेंटर में काम कर रही थी, वह न तो हॉस्पिटल विभाग में पंजीकृत था और न ही सलमा के पास कोई मेडिकल डिग्री थी। इसके अलावा, सीएमओ की टीम ने तीन बार इस सेंटर को सील किया था, लेकिन सलमा ने हर बार अवैध रूप से इसे फिर से चालू कर दिया।
जानकारी में यह भी सामने आया कि सलमा ने प्रेशर पंप से डिलीवरी का आइडिया मशहूर फिल्म 'थ्री इडियट्स' देखकर लिया था। उन्होंने पूछताछ में यह स्वीकार किया कि फिल्म देखकर ऐसा तरीका अपनाने की सोची थी, जो उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई।
अब पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दो डॉक्टरों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम गठित की गई है। प्रशासन भी अवैध चिकित्सा प्रथाओं पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है ताकि इस तरह दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सके।
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