पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के सवाल उठाने पर केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी राम विलास (एलजेपी-आर) के प्रमुख चिराग पासवान ने पलटवार किया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि, "मुख्यमंत्री पर कई बार महागठबंधन के नेताओं द्वारा टिप्पणी की गई है। इसके बावजूद इन लोगों को सीखने की जरूरत है लेकिन ये लोग टिप्पणी कर रहे हैं। ये लोग एसी कमरे से बाहर नहीं निकल रहे हैं और मुख्यमंत्री जी दिन रात प्रचार करने में लगे हुए हैं। तो ऐसे में किसका स्वास्थ्य बेहतर है, मुख्यमंत्री का या इन लोगों का?''
चिराग पासवान ने कहा कि, ''महागठबंधन के लोग एसी कमरों का मोह छोड़ नहीं पा रहे हैं। और मोह छोड़ेंगे भी कैसे, जो मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य पर उंगली उठा रहे हैं। महागठबंधन का स्वास्थ्य पूरे तरीके से खत्म हो गया है। महागठबंधन पूरे तरीके से ढह गया है तो जो लोग सीएम पर उंगली उठा रहे हैं उन्हें सीखना चाहिए कि कितनी चिंता के साथ वे दिन रात बिहार के लिए कार्य कर रहे हैं।'
तेजस्वी ने उठाए थे नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवालआरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को नीतीश कुमार के एक वायरल वीडियो पर तंज कसते हुए उनके स्वास्थ्य पर सवाल उठाए थे। यह वीडियो मुजफ्फरपुर की एक जनसभा का है जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक महिला को माला पहनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। तेजस्वी यादव ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया है और मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य पर चिंता जताई थी। वीडियो में 74 साल के जनता दल यूनाईटेड के प्रमुख एनडीए की एक सभा के दौरान मंच पर एक महिला को माला पहनाते हुए नजर आ रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री के ही शब्दों का इस्तेमाल कैप्शन के तौर पर किया था। उन्होंने लिखा था, "ई गजब आदमी है भाई! मुख्यमंत्री जी अगर स्वस्थ हैं तो लिखा हुआ भाषण पढ़ ऐसी हरकतें क्यों कर रहे हैं?"
मुख्यमंत्री सही मानसिक स्थिति में नहींतेजस्वी यादव नीतीश कुमार को उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार निशाना बना रहे हैं। तेजस्वी यादव ने पूछा, "क्या मुख्यमंत्री की इस मानसिक स्थिति के लिए उनके करीबी सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जो गठबंधन में सहयोगी बीजेपी के इशारे पर उनके भोजन में कुछ मिला रहे हों?" तेजस्वी ने कहा, "काफी समय से मुख्यमंत्री ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जिससे लगता है कि वे सही मानसिक स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने मेरी पूर्व मुख्यमंत्री मां राबड़ी देवी और महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणी की है। एक बार उन्हें राष्ट्रीय गान बजने के दौरान इधर-उधर करते हुए कैमरे में कैद किया गया था। स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री में अब अपनी सरकार चलाने की क्षमता नहीं है। एक सिंडिकेट सब कुछ चला रहा है और जल्द ही इसका पर्दाफाश होगा।"
चिराग पासवान ने बिहार चुनाव पर कहा, "मैं जहां पर भी जा रहा हूं तो एक बात तय है कि एनडीए की सरकार बनने जा रही है। राजद जैसी पार्टी, पिछले बार वे जीते इसलिए थे क्योंकि एनडीए विभाजित था और अगर उस समय हम लोग एक होते तो ये लोग कई जगह पर अपना खाता भी नहीं खोल पाते। इस बार तो हम पांचों दल एक साथ हैं और महागठबंधन विभाजित है। पूरी परिस्थिति पलट चुकी है। इस बार हम मजबूती से सरकार बनाने जा रहे हैं। हम जहां-जहां पर जा रहे हैं लोगों का उत्साह दिख रहा है।"
महागठबंधन पूरी तरह तबाहचिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के सरकारी कर्मचारियों और जीविका दीदियों को नियमित करने के चुनावी वादों को 'मुंगेरी लाल के हसीन सपने' कहकर मज़ाक उड़ाया। उन्होंने कहा, "पहले तो उन्हें सरकार बनानी चाहिए, फिर वह इसके बारे में सोचें। महागठबंधन के नेता आपस में ही लड़ने में व्यस्त हैं। महाठबंधन पूरी तरह से तबाह हो चुका है। इसके बावजूद अगर तेजस्वी यादव सोचते हैं कि वे सत्ता में आएंगे, तो वे दिवास्वप्न देख रहे हैं।"
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "कई दिनों बाद वे अब संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस चुनाव प्रभारी अशोक गहलोत महागठबंधन के ढहने के बाद ही पटना आए हैं। राहुल गांधी कहां हैं, जो पहले घूम रहे थे और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) पर लोगों को गुमराह कर रहे थे? क्या राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के लिए यह नैतिक जिम्मेदारी नहीं है कि वे बैठकर परिपक्वता से सीट-बंटवारे के मुद्दे को सुलझाएं?"
लोग कैसे विश्वास करें कि महागठबंधन एकजुटपासवान ने दावा किया कि महागठबंधन पूरी तरह खत्म हो गया है। उन्होंने सीटों को लेकर आंतरिक कलह की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, "उन्होंने 10 से 12 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं। मान लीजिए कि एक जिले में छह विधानसभा क्षेत्र हैं, और वे एक पर लड़ रहे हैं तो बाकी पांच में लोग कैसे विश्वास करेंगे कि वे एकजुट हैं? वे गठबंधन बनाना, प्रबंधित करना या बनाए रखना नहीं जानते।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार की जनता समझ गई है कि महागठबंधन पर शासन करने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता। पासवान ने कहा, "जिस तरह से हमने हरियाणा में जीत हासिल की है, वही परिणाम बिहार में दोहराया जाएगा। कांग्रेस वहां हार गई, और महागठबंधन को यहां हार का सामना करना पड़ेगा।"
महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा?
विपक्ष में नेतृत्व के संकट पर सवाल उठाते हुए चिराग ने टिप्पणी की, "राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच इस बात को लेकर खींचतान है कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा। इस बीच, सभी एनडीए सहयोगियों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का सर्वसम्मति से फैसला किया है। हमारे गठबंधन में किसी ने भी उनके नाम पर आपत्ति नहीं जताई है। हमने सीट बंटवारा तय कर लिया है, उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, नामांकन दाखिल कर दिए हैं, और अब हम ज़मीनी स्तर पर प्रचार कर रहे हैं।"
बीजेपी के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने भी नीतीश कुमार पर विपक्ष की टिप्पणी पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, "महागठबंधन बेतुकी बातें कर रहा है जिसके कारण उनके गठबंधन की गांठ भी बढ़ती जा रही हैं। नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक हैं। महागठबंधन के लोगों ने अपने राज में बिहार को बर्बाद कर दिया था। अब 14 नवंबर को फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे।''
चिराग पासवान ने कहा कि, ''महागठबंधन के लोग एसी कमरों का मोह छोड़ नहीं पा रहे हैं। और मोह छोड़ेंगे भी कैसे, जो मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य पर उंगली उठा रहे हैं। महागठबंधन का स्वास्थ्य पूरे तरीके से खत्म हो गया है। महागठबंधन पूरे तरीके से ढह गया है तो जो लोग सीएम पर उंगली उठा रहे हैं उन्हें सीखना चाहिए कि कितनी चिंता के साथ वे दिन रात बिहार के लिए कार्य कर रहे हैं।'
तेजस्वी ने उठाए थे नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवालआरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को नीतीश कुमार के एक वायरल वीडियो पर तंज कसते हुए उनके स्वास्थ्य पर सवाल उठाए थे। यह वीडियो मुजफ्फरपुर की एक जनसभा का है जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक महिला को माला पहनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। तेजस्वी यादव ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया है और मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य पर चिंता जताई थी। वीडियो में 74 साल के जनता दल यूनाईटेड के प्रमुख एनडीए की एक सभा के दौरान मंच पर एक महिला को माला पहनाते हुए नजर आ रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री के ही शब्दों का इस्तेमाल कैप्शन के तौर पर किया था। उन्होंने लिखा था, "ई गजब आदमी है भाई! मुख्यमंत्री जी अगर स्वस्थ हैं तो लिखा हुआ भाषण पढ़ ऐसी हरकतें क्यों कर रहे हैं?"
मुख्यमंत्री सही मानसिक स्थिति में नहींतेजस्वी यादव नीतीश कुमार को उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार निशाना बना रहे हैं। तेजस्वी यादव ने पूछा, "क्या मुख्यमंत्री की इस मानसिक स्थिति के लिए उनके करीबी सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जो गठबंधन में सहयोगी बीजेपी के इशारे पर उनके भोजन में कुछ मिला रहे हों?" तेजस्वी ने कहा, "काफी समय से मुख्यमंत्री ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जिससे लगता है कि वे सही मानसिक स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने मेरी पूर्व मुख्यमंत्री मां राबड़ी देवी और महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणी की है। एक बार उन्हें राष्ट्रीय गान बजने के दौरान इधर-उधर करते हुए कैमरे में कैद किया गया था। स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री में अब अपनी सरकार चलाने की क्षमता नहीं है। एक सिंडिकेट सब कुछ चला रहा है और जल्द ही इसका पर्दाफाश होगा।"
चिराग पासवान ने बिहार चुनाव पर कहा, "मैं जहां पर भी जा रहा हूं तो एक बात तय है कि एनडीए की सरकार बनने जा रही है। राजद जैसी पार्टी, पिछले बार वे जीते इसलिए थे क्योंकि एनडीए विभाजित था और अगर उस समय हम लोग एक होते तो ये लोग कई जगह पर अपना खाता भी नहीं खोल पाते। इस बार तो हम पांचों दल एक साथ हैं और महागठबंधन विभाजित है। पूरी परिस्थिति पलट चुकी है। इस बार हम मजबूती से सरकार बनाने जा रहे हैं। हम जहां-जहां पर जा रहे हैं लोगों का उत्साह दिख रहा है।"
महागठबंधन पूरी तरह तबाहचिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के सरकारी कर्मचारियों और जीविका दीदियों को नियमित करने के चुनावी वादों को 'मुंगेरी लाल के हसीन सपने' कहकर मज़ाक उड़ाया। उन्होंने कहा, "पहले तो उन्हें सरकार बनानी चाहिए, फिर वह इसके बारे में सोचें। महागठबंधन के नेता आपस में ही लड़ने में व्यस्त हैं। महाठबंधन पूरी तरह से तबाह हो चुका है। इसके बावजूद अगर तेजस्वी यादव सोचते हैं कि वे सत्ता में आएंगे, तो वे दिवास्वप्न देख रहे हैं।"
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "कई दिनों बाद वे अब संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस चुनाव प्रभारी अशोक गहलोत महागठबंधन के ढहने के बाद ही पटना आए हैं। राहुल गांधी कहां हैं, जो पहले घूम रहे थे और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) पर लोगों को गुमराह कर रहे थे? क्या राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के लिए यह नैतिक जिम्मेदारी नहीं है कि वे बैठकर परिपक्वता से सीट-बंटवारे के मुद्दे को सुलझाएं?"
लोग कैसे विश्वास करें कि महागठबंधन एकजुटपासवान ने दावा किया कि महागठबंधन पूरी तरह खत्म हो गया है। उन्होंने सीटों को लेकर आंतरिक कलह की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, "उन्होंने 10 से 12 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं। मान लीजिए कि एक जिले में छह विधानसभा क्षेत्र हैं, और वे एक पर लड़ रहे हैं तो बाकी पांच में लोग कैसे विश्वास करेंगे कि वे एकजुट हैं? वे गठबंधन बनाना, प्रबंधित करना या बनाए रखना नहीं जानते।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार की जनता समझ गई है कि महागठबंधन पर शासन करने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता। पासवान ने कहा, "जिस तरह से हमने हरियाणा में जीत हासिल की है, वही परिणाम बिहार में दोहराया जाएगा। कांग्रेस वहां हार गई, और महागठबंधन को यहां हार का सामना करना पड़ेगा।"
महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा?
विपक्ष में नेतृत्व के संकट पर सवाल उठाते हुए चिराग ने टिप्पणी की, "राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच इस बात को लेकर खींचतान है कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा। इस बीच, सभी एनडीए सहयोगियों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का सर्वसम्मति से फैसला किया है। हमारे गठबंधन में किसी ने भी उनके नाम पर आपत्ति नहीं जताई है। हमने सीट बंटवारा तय कर लिया है, उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, नामांकन दाखिल कर दिए हैं, और अब हम ज़मीनी स्तर पर प्रचार कर रहे हैं।"
बीजेपी के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने भी नीतीश कुमार पर विपक्ष की टिप्पणी पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, "महागठबंधन बेतुकी बातें कर रहा है जिसके कारण उनके गठबंधन की गांठ भी बढ़ती जा रही हैं। नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक हैं। महागठबंधन के लोगों ने अपने राज में बिहार को बर्बाद कर दिया था। अब 14 नवंबर को फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे।''
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