नई दिल्ली: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड फोलियो खोलने और पहला निवेश करने के लिए एक यूनिफॉर्म प्रोसेस बनाने की बात कही गई है। इस संबंध में सेबी ने गुरुवार को एक कंसलटेशन पेपर जारी किया है। SEBI का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी निवेश की इजाजत मिलने से पहले सभी नए फोलियो असेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) और KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी (KRA), दोनों स्तरों पर पूरी तरह से KYC नियमों का पालन करें।
इस प्रस्ताव के तहत, निवेशक अपना पहला निवेश तभी कर पाएंगे जब KRA की ओर से KYC वेरिफिकेशन पूरा हो जाएगा और फोलियो को नियमों के मुताबिक सही मार्क कर दिया जाएगा। SEBI ने यह भी सुझाव दिया है कि निवेशकों को हर स्टेज पर उनके KYC स्टेटस की जानकारी उनके रजिस्टर्ड ईमेल और मोबाइल नंबर पर दी जाए।
मौजूदा प्रक्रिया में दिक्कतें?
कंसलटेशन पेपर में बताया गया है कि नए फोलियो खोलने से पहले KYC वेरिफिकेशन अनिवार्य होने के मौजूदा नियम के बावजूद अलग-अलग प्रक्रियाओं की वजह से नियमों का पालन न होने के मामले सामने आए हैं। आमतौर पर, AMC पहले अपनी तरफ से जांच करती हैं और फिर डॉक्यूमेंट्स को आखिरी वेरिफिकेशन के लिए KRA के पास भेजती हैं।
लेकिन, अगर KRA को कोई गड़बड़ी मिलती है, तो फोलियो को 'नॉन-कंप्लायंट' (नियमों के खिलाफ ) मार्क कर दिया जाता है। जब तक इन दिक्कतों को सुधारा नहीं जाता, तब तक वह वैसा ही रहता है। इस वजह से कई तरह की दिक्कतें आती हैं जैसे- ट्रांजैक्शन में देरी, निवेशकों तक सही जानकारी न पहुंचना और अनक्लेम्ड डिविडेंड या रिडेम्पशन के मामले बढ़ना।
क्या है समाधान?
इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए SEBI ने म्यूचुअल फंड फोलियो खोलने और पहला निवेश करने की प्रक्रिया नाम से एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है। इसमें AMC KRA और दूसरे बिचौलियों के लिए एक स्टैंडर्ड तरीका बताया गया है। नियामक ने निर्देश दिया है। कि नया नियम लागू होने के बाद वे अपने सिस्टम को अपडेट करें।
इस प्रस्ताव के तहत, निवेशक अपना पहला निवेश तभी कर पाएंगे जब KRA की ओर से KYC वेरिफिकेशन पूरा हो जाएगा और फोलियो को नियमों के मुताबिक सही मार्क कर दिया जाएगा। SEBI ने यह भी सुझाव दिया है कि निवेशकों को हर स्टेज पर उनके KYC स्टेटस की जानकारी उनके रजिस्टर्ड ईमेल और मोबाइल नंबर पर दी जाए।
मौजूदा प्रक्रिया में दिक्कतें?
कंसलटेशन पेपर में बताया गया है कि नए फोलियो खोलने से पहले KYC वेरिफिकेशन अनिवार्य होने के मौजूदा नियम के बावजूद अलग-अलग प्रक्रियाओं की वजह से नियमों का पालन न होने के मामले सामने आए हैं। आमतौर पर, AMC पहले अपनी तरफ से जांच करती हैं और फिर डॉक्यूमेंट्स को आखिरी वेरिफिकेशन के लिए KRA के पास भेजती हैं।
लेकिन, अगर KRA को कोई गड़बड़ी मिलती है, तो फोलियो को 'नॉन-कंप्लायंट' (नियमों के खिलाफ ) मार्क कर दिया जाता है। जब तक इन दिक्कतों को सुधारा नहीं जाता, तब तक वह वैसा ही रहता है। इस वजह से कई तरह की दिक्कतें आती हैं जैसे- ट्रांजैक्शन में देरी, निवेशकों तक सही जानकारी न पहुंचना और अनक्लेम्ड डिविडेंड या रिडेम्पशन के मामले बढ़ना।
क्या है समाधान?
इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए SEBI ने म्यूचुअल फंड फोलियो खोलने और पहला निवेश करने की प्रक्रिया नाम से एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है। इसमें AMC KRA और दूसरे बिचौलियों के लिए एक स्टैंडर्ड तरीका बताया गया है। नियामक ने निर्देश दिया है। कि नया नियम लागू होने के बाद वे अपने सिस्टम को अपडेट करें।
You may also like

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल ट्रायल में पास, अक्टूबर नहीं अब इस महीने में होगा उद्घाटन, जानिए नए अपडेट

'मेरा बेटा अमृतधारी सिख, कभी ड्रग्स नहीं लिया', ट्रक चालक के परिवार ने उसे अमेरिका भेजने के लिए खर्च किए 40 लाख रुपये

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति Pervez Musharraf को लेकर हुआ ये चौंकाने वाला खुलासा, भारत के खिलाफ करते थे ऐसा

YouTube और व्लॉग्स से कितनी कमाई कर रही अर्चना पूरन सिंह की फैमिली, पति परमीत सेठी ने बताया सब

जब महिला करे ये इशारे तो समझिये आपसे करने लगी है` प्यार कहना चाहती है दिल की बात




