नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-31 स्थित प्रेसीडियम स्कूल में छठी कक्षा की छात्रा तनिष्का शर्मा की मौत ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। शिक्षक दिवस के दिन हुए इस हादसे पर परिवार को अब तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों की अलग-अलग बातों ने रहस्य और गहरा कर दिया है। अब उसकी मां ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर मामले में जानकारी दिए जाने की मांग की है। इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स तनिष्का की मां के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि एक मां को यह जानने का पूरा हक है कि उसकी बेटी की मौत स्कूल में आखिर कैसे हुई़ लोग इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मां ने की मांगतनिष्का की मां का वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें वे कह रही हैं कि मेरा नाम तृप्ता शर्मा है। मेरी फूल जैसी बेटी प्रेसीडियम स्कूल, सेक्टर-31 में छठी कक्षा सेक्शन बी में पढ़ती थी। चार सितंबर की सुबह मैंने अपनी बेटी को स्कूल पहुंचाया था। सुबह करीब 11:30 बजे मुझे टीचर का कॉल आया कि तनिष्का बेहोश हो गई है। हमलोग उसे अस्पताल ले जा रहे हैं। वहीं आइए। इसमें बाद मैं कैलाश हॉस्पिटल पहुंची। वहां डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मेरी बेटी की मौत हो चुकी है।
तृप्ता कहती हैं कि मैंने अपनी फूल जैसी बेटी को नाजों से पाला था। उसके शव का मैंने अंतिम संस्कार किया। मैंने जो दर्द महसूस किया है, उसे शब्दों में बता पाना संभव नहीं है। इस घटना के 15 दिन से अधिक हो गए हैं। मैंने उसे स्कूल छोड़ा था। स्कूल बच्चों के लिए सेकेंड होम की तरह होता है। जहां पर अभिभावक बच्चों को छोड़ने के बाद सुरक्षित महसूस करते हैं। उसी स्कूल में उसकी मौत हो गई।
तनिष्का मां भावुक होते हुए आगे कहती हैं कि मुझे मेरी बेटी के आखिरी मोमेंट का सच जानना है। मुझे पता है कि अब मेरी बेटी वापस नहीं आ सकती है। लेकिन, ये उसका हक बनता है कि उसके आखिरी आखिरी कुछ मिनटों में उसके साथ क्या हुआ, यह सच सबके सामने आए। मैं केवल न्याय पाना चाहती हूं। मुझे केवल सच जानना है।
क्या है पूरी घटना?जानकारी के अनुसार, सेक्टर-52 की रहने वाली तनिष्का 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर स्कूल गई थी। वह अपने शिक्षकों के लिए घर से तोहफे भी लेकर गई थी। लेकिन सुबह करीब 11:30 बजे परिवार को स्कूल से फोन आया कि तनिष्का अचानक बेहोश हो गई है और उसे अस्पताल ले जाया गया है। परिजन तुरंत कैलाश अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बताया कि जब छात्रा को लाया गया था तब उसकी पल्स पहले ही रुक चुकी थी। काफी कोशिशों के बावजूद तनिष्का को बचाया नहीं जा सका।
चाचा ने कहा, विरोधाभासी बयानतनिष्का के चाचा वैभव शर्मा ने बताया था कि स्कूल के अलग-अलग लोग बच्ची की मौत को लेकर अलग-अलग कहानियां बता रहे हैं। कुछ शिक्षक कह रहे थे कि वह कैंटीन में खाना खाते समय बेहोश हुई। कुछ का कहना था कि वह मंच पर जाते समय सीढ़ियों पर गिर पड़ी। वहीं, कुछ बच्चों ने बताया कि तनिष्का लुकाछुपी खेल रही थी और दूसरी मंजिल पर छुपते समय उसकी चीख सुनाई दी। इसके बाद टीचर बच्चों के साथ उसे नीचे लेकर आए। इन विरोधाभासी बयानों से परिवार और ज्यादा परेशान हो गया है।
परिवार की नाराजगीपरिजनों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की और मौत का कारण यह बताकर पल्ला झाड़ लिया कि फूड पाइप (आहार नली) में भोजन फंसने से दम घुट गया। लेकिन परिवार इस वजह से संतुष्ट नहीं है। तनिष्का की मां और परिजन लगातार यह मांग कर रहे हैं कि उन्हें बेटी की मौत का सच्चा कारण बताया जाए और स्कूल प्रशासन को पारदर्शिता बरतनी चाहिए।
तनिष्का के परिजनों ने सेक्टर-20 थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, लेकिन उसमें भी स्पष्ट कारण सामने नहीं आया। अब विसरा सुरक्षित कर जांच के लिए भेजा गया है। परिवार ने यह भी सवाल उठाया है कि स्कूल में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे, जिसकी वजह से घटना के असली हालात सामने नहीं आ पा रहे हैं।
मां ने की मांगतनिष्का की मां का वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें वे कह रही हैं कि मेरा नाम तृप्ता शर्मा है। मेरी फूल जैसी बेटी प्रेसीडियम स्कूल, सेक्टर-31 में छठी कक्षा सेक्शन बी में पढ़ती थी। चार सितंबर की सुबह मैंने अपनी बेटी को स्कूल पहुंचाया था। सुबह करीब 11:30 बजे मुझे टीचर का कॉल आया कि तनिष्का बेहोश हो गई है। हमलोग उसे अस्पताल ले जा रहे हैं। वहीं आइए। इसमें बाद मैं कैलाश हॉस्पिटल पहुंची। वहां डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मेरी बेटी की मौत हो चुकी है।
तृप्ता कहती हैं कि मैंने अपनी फूल जैसी बेटी को नाजों से पाला था। उसके शव का मैंने अंतिम संस्कार किया। मैंने जो दर्द महसूस किया है, उसे शब्दों में बता पाना संभव नहीं है। इस घटना के 15 दिन से अधिक हो गए हैं। मैंने उसे स्कूल छोड़ा था। स्कूल बच्चों के लिए सेकेंड होम की तरह होता है। जहां पर अभिभावक बच्चों को छोड़ने के बाद सुरक्षित महसूस करते हैं। उसी स्कूल में उसकी मौत हो गई।
तनिष्का मां भावुक होते हुए आगे कहती हैं कि मुझे मेरी बेटी के आखिरी मोमेंट का सच जानना है। मुझे पता है कि अब मेरी बेटी वापस नहीं आ सकती है। लेकिन, ये उसका हक बनता है कि उसके आखिरी आखिरी कुछ मिनटों में उसके साथ क्या हुआ, यह सच सबके सामने आए। मैं केवल न्याय पाना चाहती हूं। मुझे केवल सच जानना है।
क्या है पूरी घटना?जानकारी के अनुसार, सेक्टर-52 की रहने वाली तनिष्का 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर स्कूल गई थी। वह अपने शिक्षकों के लिए घर से तोहफे भी लेकर गई थी। लेकिन सुबह करीब 11:30 बजे परिवार को स्कूल से फोन आया कि तनिष्का अचानक बेहोश हो गई है और उसे अस्पताल ले जाया गया है। परिजन तुरंत कैलाश अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बताया कि जब छात्रा को लाया गया था तब उसकी पल्स पहले ही रुक चुकी थी। काफी कोशिशों के बावजूद तनिष्का को बचाया नहीं जा सका।
चाचा ने कहा, विरोधाभासी बयानतनिष्का के चाचा वैभव शर्मा ने बताया था कि स्कूल के अलग-अलग लोग बच्ची की मौत को लेकर अलग-अलग कहानियां बता रहे हैं। कुछ शिक्षक कह रहे थे कि वह कैंटीन में खाना खाते समय बेहोश हुई। कुछ का कहना था कि वह मंच पर जाते समय सीढ़ियों पर गिर पड़ी। वहीं, कुछ बच्चों ने बताया कि तनिष्का लुकाछुपी खेल रही थी और दूसरी मंजिल पर छुपते समय उसकी चीख सुनाई दी। इसके बाद टीचर बच्चों के साथ उसे नीचे लेकर आए। इन विरोधाभासी बयानों से परिवार और ज्यादा परेशान हो गया है।
परिवार की नाराजगीपरिजनों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की और मौत का कारण यह बताकर पल्ला झाड़ लिया कि फूड पाइप (आहार नली) में भोजन फंसने से दम घुट गया। लेकिन परिवार इस वजह से संतुष्ट नहीं है। तनिष्का की मां और परिजन लगातार यह मांग कर रहे हैं कि उन्हें बेटी की मौत का सच्चा कारण बताया जाए और स्कूल प्रशासन को पारदर्शिता बरतनी चाहिए।
तनिष्का के परिजनों ने सेक्टर-20 थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, लेकिन उसमें भी स्पष्ट कारण सामने नहीं आया। अब विसरा सुरक्षित कर जांच के लिए भेजा गया है। परिवार ने यह भी सवाल उठाया है कि स्कूल में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे, जिसकी वजह से घटना के असली हालात सामने नहीं आ पा रहे हैं।
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