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कर्नल की पत्नी के साथ आर्मी अफसर का अफेयर, दो बार ले गया होटल, सेना ने ले लिया तगड़ा एक्शन

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नई दिल्ली: एक कर्नल ने अपने साथी आर्मी अफसर की पत्नी के साथ अवैध संबंध बना लिए। जब इसका पता आर्मी अधिकारी को चला तो उन्होंने इसकी शिकायत की और अब आरोपी कर्नल को दोषी पाने के बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। हालांकि, आर्मी अफसर की पत्नी एक अलग ही कहानी बयान कर रही है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर पूरा मामला है क्या।

जिस मामले में कर्नल को बर्खास्त किया गया है, वह मई 2025 में शुरू हुआ। कर्नल के साथी कर्नल ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी के आरोपी के साथ अवैध संबंध हैं। शिकायतकर्ता पति ने आरोप लगाया कि उन्हें गुमनाम रूप से भेजे गए एक पैकेज में अपनी पत्नी की कॉल डिटेल मिली। इस आरोप के बाद जांच चली और नतीजों को देखते हुए सेना के जनरल कोर्ट मार्शल (GSM) ने बर्खास्तगी की कार्रवाई कर दी।

एक्शन में किस अधिकारी का रोलअवैध संबंधों वाले इस मामले की सुनवाई हेडक्वार्टर यूनिफॉर्म फोर्स के ब्रिगेडियर जगमिंदर सिंह गिल और 6 कर्नलों की अध्यक्षता में हुई। इसे 8वीं माउंटेन डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल के. महेश ने संचालित किया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अब संयोजक प्राधिकारी के द्वारा सजा की पुष्टि की जानी बाकी है।

इन दो आरोपों में पाया गया दोषीकर्नल पर सेना अलग-अलग धाराओं के तहत 4 आरोप लगे। पहला आरोप सितंबर 2021 और अगस्त 2022 में टेलीफोन के जरिए अपने साथी अधिकारी की पत्नी से बात करने का था। हालांकि, उन्हें इस आरोप में दोषी नहीं पाया गया। दूसरे और तीसरे आरोप में कर्नल पर सितंबर 2021 और अप्रैल 2022 में साथी अधिकारी की पत्नी के साथ हरिद्वार और देहरादून के होटलों में ठहरने का आरोप लगा। दोनों आरोपों में कर्नल को दोषी पाया गया।

पत्नी के कार्ड का गलत इस्तेमालकर्नल पर चौथा आरोप जाली दस्तावेज के इस्तेमाल का था। कर्नल पर पत्नी के 'आश्रित कार्ड' का धोखाधड़ी से इस्तेमाल करने का आरोप लगा, जिसे अदालत ने सही पाया और कर्नल को दोषी करार दिया। मुकदमे के दौरान 2006 से विवाहित शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने हरिद्वार और लेह की अपनी यात्राओं के बाद पत्नी के व्यवहार में परिवर्तन देखा, इन यात्राओं में आरोपी ने आवास की व्यवस्था की थी।

पति के साथ रहना असंभव हो गयाहालांकि, पत्नी ने एक अलग ही कहानी पेश की। उसने गवाही दी कि वह प्राथमिक विद्यालय से ही आरोपी की सहपाठी रही है और 42 साल की वयस्क होने के नाते उसे यह तय करने का अधिकार है कि वह किससे बातचीत करे। उसने उसके साथ किसी भी होटल में ठहरने से भी इनकार किया और घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और यौन शोषण सहित लंबे समय से चले आ रहे वैवाहिक विवादों का जिक्र किया। उसने कहा कि उसके लिए अपने पति के साथ रहना असंभव हो गया था।
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