नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर में जिस तरह से भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की कमर तोड़ी, उसके बाद से पड़ोसी मुल्क का हालत पतली है। वो अब सपोर्ट को लेकर लगातार दूसरे देशों की तरफ देख रहा। कभी चीन तो कभी पाकिस्तान। इसी बीच सऊदी अरब के साथ खास डिफेंस डील की है। इस समझौते के मुताबिक किसी एक देश पर हमले को दूसरे देश पर अटैक माना जाएगा। हालांकि, भारत के भी सऊदी के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं। ऐसे में इस डील का कितना असर भारत पर होगा ये देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हमेशा बना रहता है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान की सैन्य क्षमता कैसी है। दोनों देशों के रक्षा बजट में कितना अंतर है, चलिए बताते हैं आगे।
भारत के सामने कहीं नहीं टिकता पाकिस्तान
सैन्य ताकत की बात करें भारत के सामने पाकिस्तान कहीं नहीं टिकता है। दोनों के बीच 8 पायदान का अंतर है। दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में भारत की रैंकिंग चौथी है। इसका मतलब है कि सैन्य क्षमता को लेकर ताकतवर देशों में भारत, अमेरिका, रुस, चीन के बाद चौथे स्थान पर है। यह रैंकिंग ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार है। वहीं पाकिस्तान का स्थान 12वें नंबर पर आता है।
दोनों देशों के डिफेंस बजट में कितना अंतर
पिछले कुछ सालों में भारत ने अपनी सैन्य ताकत को काफी बढ़ाया है। स्वदेशी हथियारों के निर्माण और राफेल जैसे लड़ाकू विमानों की खरीद से भारत की सैन्य क्षमता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पाकिस्तान भी डिफेंस सेक्टर पर काफी खर्च करता है, लेकिन ऐतिहासिक, आर्थिक और भू-राजनीतिक कारणों से भारत और पाकिस्तान के रक्षा खर्च में जमीन-आसमान का अंतर है। आइए, दोनों देशों के रक्षा खर्च पर एक नजर डालते हैं।
सैन्य खर्च में बड़ा अंतर
भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान से कहीं ज्यादा है। यह भारत के बड़े आकार और उसकी रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में भारत का रक्षा बजट 86.1 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 1.6 फीसदी ज्यादा है। यह दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा रक्षा बजट है।
पाकिस्तान का सैन्य खर्च बस इतना
वहीं पाकिस्तान के सैन्य खर्च की बात करें तो ये सिर्फ 10.2 अरब डॉलर रहा। यह बड़ा अंतर दोनों देशों के सैन्य पैमाने और उनकी महत्वाकांक्षाओं को दिखाता है। भारत अपनी सैन्य शक्ति को मज़बूत करने के लिए आधुनिक हथियारों पर भारी निवेश कर रहा है। यह अंतर कोई नई बात नहीं है। सालों से भारत रक्षा क्षेत्र में पाकिस्तान से कहीं ज्यादा पैसा खर्च करता आया है। वहीं, पाकिस्तान का रक्षा बजट उसकी आर्थिक मजबूरियों और जरूरी सैन्य क्षमता बनाए रखने की रणनीति के कारण छोटा रहा है।
दुनिया की मिलिट्री पावर में टॉप 4 पर इंडियापिछले एक दशक में भारत का रक्षा बजट लगातार बढ़ा है। मैक्रोट्रेंड्स के आंकड़ों के अनुसार, 2013 में भारत का सैन्य खर्च 41 अरब डॉलर था, जो 2024 तक लगभग दोगुना होकर 80 अरब डॉलर हो गया है। यह बढ़ोतरी भारत की एक आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत सेना बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सके। इस बढ़ते बजट से वायु सेना के आधुनिकीकरण, नौसैनिक बेड़े, मिसाइल सिस्टम और परमाणु हथियारों के विस्तार में भारी निवेश हो रहा है।
कहां कितना खर्च कर रही भारत-पाकिस्तान की सेना
भारत के रक्षा खर्च का एक मुख्य कारण अपनी रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाना है। भारत विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करने के लिए लड़ाकू विमानों और मिसाइल तकनीक जैसे हथियारों के स्वदेशी उत्पादन को मजबूत कर रहा है। तेजस लड़ाकू विमान और अग्नि-सीरीज की मिसाइलें इसी आत्मनिर्भरता रणनीति का हिस्सा हैं। इसके अलावा, भारत साइबर वॉर और स्पेस-आधारित क्षमताओं को भी बढ़ा रहा है, जो मॉडर्न वॉर के लिए बहुत जरूरी हैं।
पाकिस्तान का रक्षा बजट कितना है
पाकिस्तान का सैन्य खर्च भारत की तुलना में काफी कम है, लेकिन यह उसके राष्ट्रीय बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है। SIPRI के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में पाकिस्तान का रक्षा खर्च लगभग 11 अरब डॉलर अनुमानित था। यह फंड भले ही कम लगे, लेकिन यह पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा है। ये उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में डिफेंस महत्व को दर्शाता है।
चीन-अमेरिका पर निर्भर है पाकिस्तान
पाकिस्तान ने अपने रक्षा खर्च को परमाणु क्षमता बनाए रखने और अपनी मिसाइल प्रणालियों को बेहतर बनाने पर केंद्रित किया है। पाकिस्तान को घरेलू आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है, जो उसके रक्षा खर्च को बढ़ाने की उसकी क्षमता को सीमित करती हैं। इस वजह से, वह विदेशी सहायता और लोन, विशेष रूप से IMF, चीन और अमेरिका से, पर निर्भर रहता है।
सैनिक, बेड़े और हथियारों की तुलना
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के अनुसार, भारत दुनिया में चौथे स्थान पर है, जिसका पावर इंडेक्स स्कोर 0.1184 है। वहीं, पाकिस्तान 12वें स्थान पर है, जिसका स्कोर 0.2513 है। लगभग हर श्रेणी में चाहे सैनिक, वायु शक्ति, नौसैनिक शक्ति हो, भारत का दबदबा है।
सैनिकों की संख्या
1.4 अरब से ज्यादा की आबादी के साथ, भारत के पास 662 मिलियन यानी 66.2 करोड़ लोगों का उपलब्ध सैन्य बल है। वहीं पाकिस्तान के पास 108 मिलियन यानी 10.8 करोड़ सैनिक हैं। एक्विट सैनिक की बात करें तो भारत के पास 1.45 मिलियन यानी 14.5 लाख हैं। पाकिस्तान के पास 654,000 यानी करीब 6.54 लाख जवान हैं।
वायु शक्ति पर एक नजर
भारत के पास 2,229 विमान हैं, जिनमें 513 लड़ाकू विमान और 130 हमलावर विमान शामिल हैं। इसके विपरीत, पाकिस्तान के पास 1,399 विमान हैं, जिनमें 328 लड़ाकू विमान हैं।
आर्मी की ताकत कितनी है
भारत के पास 4,201 टैंक और लगभग 149,000 बख्तरबंद वाहन हैं, जो पाकिस्तान के 2,627 टैंक और 17,500 बख्तरबंद इकाइयों से कहीं ज्यादा हैं। हालांकि, मोबाइल रॉकेट सिस्टम के मामले में पाकिस्तान भारत से आगे है- उसके पास 600 हैं, जबकि भारत के पास 264 हैं।
नौसेना की शक्ति
भारत का नौसैनिक बेड़ा एक क्षेत्रीय शक्ति है, जिसमें 293 जहाज हैं, जिनमें 2 विमानवाहक पोत, 18 पनडुब्बियां और 13 विध्वंसक शामिल हैं। पाकिस्तान के पास 121 जहाज हैं और उसके पास कोई विमानवाहक पोत या विध्वंसक नहीं है। पाकिस्तान में, लगातार आर्थिक अस्थिरता और IMF से मिलने वाले बेलआउट पहले से ही अत्यधिक खर्च की एक गंभीर तस्वीर पेश करते हैं।
भारत के सामने कहीं नहीं टिकता पाकिस्तान
सैन्य ताकत की बात करें भारत के सामने पाकिस्तान कहीं नहीं टिकता है। दोनों के बीच 8 पायदान का अंतर है। दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में भारत की रैंकिंग चौथी है। इसका मतलब है कि सैन्य क्षमता को लेकर ताकतवर देशों में भारत, अमेरिका, रुस, चीन के बाद चौथे स्थान पर है। यह रैंकिंग ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार है। वहीं पाकिस्तान का स्थान 12वें नंबर पर आता है।
दोनों देशों के डिफेंस बजट में कितना अंतर
पिछले कुछ सालों में भारत ने अपनी सैन्य ताकत को काफी बढ़ाया है। स्वदेशी हथियारों के निर्माण और राफेल जैसे लड़ाकू विमानों की खरीद से भारत की सैन्य क्षमता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पाकिस्तान भी डिफेंस सेक्टर पर काफी खर्च करता है, लेकिन ऐतिहासिक, आर्थिक और भू-राजनीतिक कारणों से भारत और पाकिस्तान के रक्षा खर्च में जमीन-आसमान का अंतर है। आइए, दोनों देशों के रक्षा खर्च पर एक नजर डालते हैं।
सैन्य खर्च में बड़ा अंतर
भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान से कहीं ज्यादा है। यह भारत के बड़े आकार और उसकी रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में भारत का रक्षा बजट 86.1 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 1.6 फीसदी ज्यादा है। यह दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा रक्षा बजट है।
पाकिस्तान का सैन्य खर्च बस इतना
वहीं पाकिस्तान के सैन्य खर्च की बात करें तो ये सिर्फ 10.2 अरब डॉलर रहा। यह बड़ा अंतर दोनों देशों के सैन्य पैमाने और उनकी महत्वाकांक्षाओं को दिखाता है। भारत अपनी सैन्य शक्ति को मज़बूत करने के लिए आधुनिक हथियारों पर भारी निवेश कर रहा है। यह अंतर कोई नई बात नहीं है। सालों से भारत रक्षा क्षेत्र में पाकिस्तान से कहीं ज्यादा पैसा खर्च करता आया है। वहीं, पाकिस्तान का रक्षा बजट उसकी आर्थिक मजबूरियों और जरूरी सैन्य क्षमता बनाए रखने की रणनीति के कारण छोटा रहा है।
दुनिया की मिलिट्री पावर में टॉप 4 पर इंडियापिछले एक दशक में भारत का रक्षा बजट लगातार बढ़ा है। मैक्रोट्रेंड्स के आंकड़ों के अनुसार, 2013 में भारत का सैन्य खर्च 41 अरब डॉलर था, जो 2024 तक लगभग दोगुना होकर 80 अरब डॉलर हो गया है। यह बढ़ोतरी भारत की एक आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत सेना बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सके। इस बढ़ते बजट से वायु सेना के आधुनिकीकरण, नौसैनिक बेड़े, मिसाइल सिस्टम और परमाणु हथियारों के विस्तार में भारी निवेश हो रहा है।
कहां कितना खर्च कर रही भारत-पाकिस्तान की सेना
भारत के रक्षा खर्च का एक मुख्य कारण अपनी रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाना है। भारत विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करने के लिए लड़ाकू विमानों और मिसाइल तकनीक जैसे हथियारों के स्वदेशी उत्पादन को मजबूत कर रहा है। तेजस लड़ाकू विमान और अग्नि-सीरीज की मिसाइलें इसी आत्मनिर्भरता रणनीति का हिस्सा हैं। इसके अलावा, भारत साइबर वॉर और स्पेस-आधारित क्षमताओं को भी बढ़ा रहा है, जो मॉडर्न वॉर के लिए बहुत जरूरी हैं।
पाकिस्तान का रक्षा बजट कितना है
पाकिस्तान का सैन्य खर्च भारत की तुलना में काफी कम है, लेकिन यह उसके राष्ट्रीय बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है। SIPRI के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में पाकिस्तान का रक्षा खर्च लगभग 11 अरब डॉलर अनुमानित था। यह फंड भले ही कम लगे, लेकिन यह पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा है। ये उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में डिफेंस महत्व को दर्शाता है।
चीन-अमेरिका पर निर्भर है पाकिस्तान
पाकिस्तान ने अपने रक्षा खर्च को परमाणु क्षमता बनाए रखने और अपनी मिसाइल प्रणालियों को बेहतर बनाने पर केंद्रित किया है। पाकिस्तान को घरेलू आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है, जो उसके रक्षा खर्च को बढ़ाने की उसकी क्षमता को सीमित करती हैं। इस वजह से, वह विदेशी सहायता और लोन, विशेष रूप से IMF, चीन और अमेरिका से, पर निर्भर रहता है।
सैनिक, बेड़े और हथियारों की तुलना
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के अनुसार, भारत दुनिया में चौथे स्थान पर है, जिसका पावर इंडेक्स स्कोर 0.1184 है। वहीं, पाकिस्तान 12वें स्थान पर है, जिसका स्कोर 0.2513 है। लगभग हर श्रेणी में चाहे सैनिक, वायु शक्ति, नौसैनिक शक्ति हो, भारत का दबदबा है।
सैनिकों की संख्या
1.4 अरब से ज्यादा की आबादी के साथ, भारत के पास 662 मिलियन यानी 66.2 करोड़ लोगों का उपलब्ध सैन्य बल है। वहीं पाकिस्तान के पास 108 मिलियन यानी 10.8 करोड़ सैनिक हैं। एक्विट सैनिक की बात करें तो भारत के पास 1.45 मिलियन यानी 14.5 लाख हैं। पाकिस्तान के पास 654,000 यानी करीब 6.54 लाख जवान हैं।
वायु शक्ति पर एक नजर
भारत के पास 2,229 विमान हैं, जिनमें 513 लड़ाकू विमान और 130 हमलावर विमान शामिल हैं। इसके विपरीत, पाकिस्तान के पास 1,399 विमान हैं, जिनमें 328 लड़ाकू विमान हैं।
आर्मी की ताकत कितनी है
भारत के पास 4,201 टैंक और लगभग 149,000 बख्तरबंद वाहन हैं, जो पाकिस्तान के 2,627 टैंक और 17,500 बख्तरबंद इकाइयों से कहीं ज्यादा हैं। हालांकि, मोबाइल रॉकेट सिस्टम के मामले में पाकिस्तान भारत से आगे है- उसके पास 600 हैं, जबकि भारत के पास 264 हैं।
नौसेना की शक्ति
भारत का नौसैनिक बेड़ा एक क्षेत्रीय शक्ति है, जिसमें 293 जहाज हैं, जिनमें 2 विमानवाहक पोत, 18 पनडुब्बियां और 13 विध्वंसक शामिल हैं। पाकिस्तान के पास 121 जहाज हैं और उसके पास कोई विमानवाहक पोत या विध्वंसक नहीं है। पाकिस्तान में, लगातार आर्थिक अस्थिरता और IMF से मिलने वाले बेलआउट पहले से ही अत्यधिक खर्च की एक गंभीर तस्वीर पेश करते हैं।
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