बरहामपुर: ओडिशा में बहरामपुर की स्पेशल पोस्को कोर्ट ने दो आर्मी जवानों को चार साल की नर्सरी की छात्रा से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह घटना 2 जनवरी को हुई थी, जब बच्ची स्कूल बस से घर लौट रही थी। यह बस खास तौर पर डिफेंस कर्मियों के बच्चों के लिए थी और इन दोनों दोषियों को बच्चों की सुरक्षा के लिए एस्कॉर्ट के तौर पर तैनात किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, जब बच्ची बस में अकेली रह गई, तो इन जवानों ने उसका यौन उत्पीड़न किया।
बच्ची को 10.50 लाख रुपये देने का भी निर्देश
अतिरिक्त जिला एवं विशेष पोक्सो अदालत की जज प्रणति पटनायक ने प्रत्येक दोषी पर 10000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नारायण पांडा ने कहा कि जुर्माना न चुकाने पर उन्हें छह महीने अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे। उन्होंने कहा कि अदालत ने उन्हें बाकी जीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन्होंने आगे कहा कि अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को बच्ची को 10.50 लाख रुपये देने का भी निर्देश दिया है और जुर्माने की पूरी राशि दोषियों से वसूली के बाद चुकाई जाएगी।
कहां के रहने वाले हैं दोषी जवान?
पांडा ने कहा कि पुलिस, डॉक्टर, ड्राइवर समेत सात गवाहों के बयान दर्ज करने और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया। दोषियों में से एक गुजरात का 30 वर्षीय हवलदार है, जबकि दूसरा ओडिशा के देवगढ़ ज़िले का 37 वर्षीय नायक है। बस से उतरने के बाद बच्ची ने अपने माता-पिता को अपनी आपबीती सुनाई। उसके माता-पिता उसे अस्पताल ले गए, जहां मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि यह यौन उत्पीड़न का मामला है।
महिला इंस्पेक्टर ने की जांच
एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मेडिकल ऑफिसर की राय का समर्थन किया। बच्ची की मां ने 3 जनवरी को दोनों जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने बीएनएस और पोक्सो अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी (बरहामपुर) सरवण विवेक एम ने एक महिला इंस्पेक्टर को जांच करने का निर्देश दिया था।
बच्ची को 10.50 लाख रुपये देने का भी निर्देश
अतिरिक्त जिला एवं विशेष पोक्सो अदालत की जज प्रणति पटनायक ने प्रत्येक दोषी पर 10000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नारायण पांडा ने कहा कि जुर्माना न चुकाने पर उन्हें छह महीने अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे। उन्होंने कहा कि अदालत ने उन्हें बाकी जीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन्होंने आगे कहा कि अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को बच्ची को 10.50 लाख रुपये देने का भी निर्देश दिया है और जुर्माने की पूरी राशि दोषियों से वसूली के बाद चुकाई जाएगी।
कहां के रहने वाले हैं दोषी जवान?
पांडा ने कहा कि पुलिस, डॉक्टर, ड्राइवर समेत सात गवाहों के बयान दर्ज करने और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया। दोषियों में से एक गुजरात का 30 वर्षीय हवलदार है, जबकि दूसरा ओडिशा के देवगढ़ ज़िले का 37 वर्षीय नायक है। बस से उतरने के बाद बच्ची ने अपने माता-पिता को अपनी आपबीती सुनाई। उसके माता-पिता उसे अस्पताल ले गए, जहां मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि यह यौन उत्पीड़न का मामला है।
महिला इंस्पेक्टर ने की जांच
एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मेडिकल ऑफिसर की राय का समर्थन किया। बच्ची की मां ने 3 जनवरी को दोनों जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने बीएनएस और पोक्सो अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी (बरहामपुर) सरवण विवेक एम ने एक महिला इंस्पेक्टर को जांच करने का निर्देश दिया था।
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