नई दिल्ली: भारत के बिजली क्षेत्र ने दो ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं, जो देश को स्वच्छ, सुरक्षित और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ते हुए दिखाती हैं। 30 सितंबर 2025 तक देश की कुल स्थापित बिजली क्षमता 500 गीगावाट (GW) को पार कर 500.89 GW तक पहुंच गई। बिजली मंत्रालय द्वारा बुधवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि यह उपलब्धि वर्षों की मजबूत नीतिगत सहायता, निवेश और ऊर्जा क्षेत्र में टीम वर्क का परिणाम है।
कुल बिजली क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन सोर्स (नवीकरणीय ऊर्जा, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा) की हिस्सेदारी 256.09 GW है। यह कुल क्षमता का 51 प्रतिशत से अधिक है। वहीं कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन सोर्स से देश में 244.80 GW बिजली का उत्पादन हुआ जो कुल क्षमता का लगभग 49 प्रतिशत है। नवीकरणीय ऊर्जा ( रिन्यूएबल एनर्जी ) क्षेत्र में सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा हिस्सा है। यह 127.33 GW है, जबकि पवन ऊर्जा की हिस्सेदारी 53.12 GW है।
तेजी से बढ़ रही क्लीन एनर्जी की हिस्सेदारीवित्तीय वर्ष 2025-26 (अप्रैल-सितंबर 2025) के दौरान भारत ने 28 GW गैर-जीवाश्म क्षमता और 5.1 GW जीवाश्म ईंधन क्षमता जोड़ी है। बयान में कहा गया है कि यह दर्शाता है कि स्वच्छ ऊर्जा की हिस्सेदारी कितनी तेजी से बढ़ रही है।
29 जुलाई 2025 को भारत ने बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा का अब तक का सबसे अधिक हिस्सा हासिल किया। उस दिन देश की कुल 203 GW बिजली की मांग का 51.5 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से पूरा हुआ। इसमें सौर ऊर्जा से 44.50 GW, पवन ऊर्जा से 29.89 GW और जलविद्युत से 30.29 GW बिजली का उत्पादन हुआ।
पंचामृत लक्ष्यों में से एक हुआ हासिलइस प्रगति के साथ भारत ने अपने COP26 पंचामृत लक्ष्यों में से एक को हासिल कर लिया है। यह लक्ष्य है साल 2030 के लिए निर्धारित समय सीमा से पांच साल पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50 प्रतिशत स्थापित बिजली क्षमता हासिल करना। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह सफलता बिजली ग्रिड को स्थिर और विश्वसनीय बनाए रखते हुए स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में भारत के नेतृत्व को उजागर करती है।
कुल बिजली क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन सोर्स (नवीकरणीय ऊर्जा, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा) की हिस्सेदारी 256.09 GW है। यह कुल क्षमता का 51 प्रतिशत से अधिक है। वहीं कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन सोर्स से देश में 244.80 GW बिजली का उत्पादन हुआ जो कुल क्षमता का लगभग 49 प्रतिशत है। नवीकरणीय ऊर्जा ( रिन्यूएबल एनर्जी ) क्षेत्र में सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा हिस्सा है। यह 127.33 GW है, जबकि पवन ऊर्जा की हिस्सेदारी 53.12 GW है।
तेजी से बढ़ रही क्लीन एनर्जी की हिस्सेदारीवित्तीय वर्ष 2025-26 (अप्रैल-सितंबर 2025) के दौरान भारत ने 28 GW गैर-जीवाश्म क्षमता और 5.1 GW जीवाश्म ईंधन क्षमता जोड़ी है। बयान में कहा गया है कि यह दर्शाता है कि स्वच्छ ऊर्जा की हिस्सेदारी कितनी तेजी से बढ़ रही है।
29 जुलाई 2025 को भारत ने बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा का अब तक का सबसे अधिक हिस्सा हासिल किया। उस दिन देश की कुल 203 GW बिजली की मांग का 51.5 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से पूरा हुआ। इसमें सौर ऊर्जा से 44.50 GW, पवन ऊर्जा से 29.89 GW और जलविद्युत से 30.29 GW बिजली का उत्पादन हुआ।
पंचामृत लक्ष्यों में से एक हुआ हासिलइस प्रगति के साथ भारत ने अपने COP26 पंचामृत लक्ष्यों में से एक को हासिल कर लिया है। यह लक्ष्य है साल 2030 के लिए निर्धारित समय सीमा से पांच साल पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50 प्रतिशत स्थापित बिजली क्षमता हासिल करना। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह सफलता बिजली ग्रिड को स्थिर और विश्वसनीय बनाए रखते हुए स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में भारत के नेतृत्व को उजागर करती है।
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