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मेरठ में पथिक सेना के मुखिया गुर्जर गिरफ्तार, सम्राट मिहिर भोज जयंती पर महापंचायत से पहले गरमाई राजनीति

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रामबाबू मित्तल, मेरठ: यूपी के मेरठ में पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुखिया गुर्जर को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी उस वक्त हुई, जब 26 अगस्त को वे सम्राट मिहिर भोज जयंती के मौके पर महापंचायत करने वाले थे। यह कार्यक्रम पहले से ही प्रशासन की अनुमति के बिना घोषित था। गिरफ्तारी के 15 घंटे बाद ही उन्हें एसीजेएम कोर्ट से जमानत मिल गई।



जमीन कब्जे का आरोप

मुखिया गुर्जर पर परीक्षितगढ़ इलाके में कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जे का आरोप है। यह मुकदमा इदरीश नामक व्यक्ति ने दर्ज कराया था। पुलिस के मुताबिक, वह इस प्रकरण में वांछित थे। इसी मामले में कोर्ट ने डीएम और एसएसपी से जवाब तलब किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें मेरठ-मुजफ्फरनगर बॉर्डर से गिरफ्तार किया।




बेटा बोला- फर्जी मुकदमे

मुखिया गुर्जर के बेटे और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंदर गुर्जर ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने झूठे मुकदमे बनाकर उनके पिता को गिरफ्तार किया। उनका कहना है कि सम्राट मिहिर भोज की जयंती के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी, लेकिन अनुमति देने के बजाय प्रशासन ने षड्यंत्रपूर्वक गिरफ्तारी कर ली।



समर्थकों में रोष, जमानत के बाद ऐलान

गिरफ्तारी की खबर मिलते ही गुर्जर समर्थक बड़ी संख्या में कोर्ट पहुंचे। एसीजेएम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बाहर आते ही मुखिया गुर्जर ने कहा, “यह लोकतंत्र की हत्या है। मुझे फर्जी मुकदमों में फंसाकर रोका गया, लेकिन मैं रुकने वाला नहीं हूं। आयोजन हर हाल में होगा और पहले से बड़ा होगा।”



सपा के जिलाध्यक्ष गेट फांदकर पहुंचे कोर्ट

सपा के जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी कोर्ट परिसर के एक गेट का ताला लग जाने के बाद उसे फांद कर कोर्ट परिसर में दाखिल हुए। गेट फांदते समय जिला अध्यक्ष का कुर्ता और पजामा गेट में लगे भाले नुमा सरिए में फंस गया था, जिसे एक कार्यकर्ता ने निकाला तब गेट कूद पाए।



पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप

मुखिया गुर्जर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका फोन टेप किया। लोकेशन ट्रैक की और फिर भारी फोर्स के साथ उन्हें पकड़ा गया। उन्होंने कहा, “यह खाकी वर्दी की आड़ में गुंडई है। मैं डरने वाला नहीं हूं। मैंने पाकिस्तान बॉर्डर तक का सामना किया है। प्रशासन और सरकार जनता की आवाज को दबाना चाहती है।”



आयोजन को लेकर अड़े गुर्जर

गुर्जर ने दावा किया कि उनके पास जमीन से जुड़े पूरे कागजात मौजूद हैं और उन पर लगाए गए कब्जे के आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने दोहराया कि 26 अगस्त को महापंचायत किसी भी हाल में होगी और इसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग जुटेंगे।



विवादित छवि और राजनीति

सफर मुखिया गुर्जर का राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है। वे समाजवादी पार्टी (सपा) से जुड़े रहे हैं और अमरोहा की हसनपुर विधानसभा सीट से 2022 का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इससे पहले वे दो बार बागपत लोकसभा सीट से और एक बार खेकड़ा विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं।



कुछ समय भाजपा में भी सक्रिय रहे, लेकिन बाद में फिर से सपा में लौट आए। राजस्थान की बानसूर विधानसभा सीट से भी किस्मत आजमा चुके हैं। उनके बेटे कुलविंदर गुर्जर मेरठ जिला पंचायत के अध्यक्ष रह चुके हैं।



प्रशासन और पथिक सेना आमने-सामने

गुर्जर की गिरफ्तारी के बाद अब यह टकराव प्रशासन बनाम पथिक सेना का रूप ले चुका है। एक ओर पुलिस का दावा है कि वह जमीन कब्जे के गंभीर मामले में वांछित थे। वहीं दूसरी ओर गुर्जर और उनके समर्थक इसे राजनीतिक दमन करार दे रहे हैं।



26 अगस्त को क्या होगा?

अब सबकी निगाहें 26 अगस्त पर टिकी हैं। पथिक सेना ने जिद जाहिर की है कि महापंचायत हर हाल में होगी। जबकि प्रशासन का रुख साफ है कि बिना अनुमति के कोई भी बड़ा आयोजन नहीं किया जा सकेगा। ऐसे में मेरठ में हालात गरमा सकते हैं और कानून-व्यवस्था की चुनौती भी खड़ी हो सकती है। इतना ही नहीं कल होने वाले मिहिर भोज को लेकर मुखिया गुर्जर और पुलिस ने टकराव को आशंका है।

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