जयपुर: राजस्थान की एसआई भर्ती परीक्षा में सामने आए घोटाले ने प्रदेशभर में हलचल मचा दी है। इस मामले में जैसलमेर के एसडीएम हनुमान राम का नाम प्रमुखता से सामने आया है। डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने के आरोप ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में एक फोटो वायरल हुई है जिसमें एसडीएम हनुमान राम दो पुलिसकर्मियों के बीच स्टील की चेयर पर अपराधियों की तरह बैठकर अपना चेहरा छिपाते नजर आए। सोशल मीडिया पर यह तस्वीर चर्चा का विषय बनी हुई है और यूजर्स इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। 'सर हुकुम' से लेकर स्टील चेयर तक: समय का फेरहनुमान राम कभी वे अधिकारी थे जिन्हें पुलिसकर्मी ‘सर हुकुम’ कहकर सम्मान देते थे, वहीं आज वही अधिकारी उन्हीं पुलिसकर्मियों के बीच अपराधी की तरह नजर आ रहे हैं। एसओजी ने उन्हें एसआई भर्ती परीक्षा लीक केस में गिरफ्तार किया है और कोर्ट ने उन्हें 16 अप्रैल तक पीसी रिमांड पर भेजा है। इसी मामले में आरोपी इंद्रा को भी 24 अप्रैल तक रिमांड पर भेजा गया है। दो बार डमी बन परीक्षा दी, फिर भी नहीं रुकेचौंकाने वाली बात यह है कि हनुमान राम ने 2021 में आरएएस परीक्षा में 22वीं रैंक हासिल की थी, फिर भी उन्होंने दो बार डमी कैंडिडेट बनकर एसआई परीक्षा में भाग लिया। किसान परिवार से निकलकर अफसर बने, अब विवादों मेंबाड़मेर के बिसारणियां गांव निवासी हनुमान राम किसान परिवार से आते हैं। 2018 में संगणक पद पर चयन के बाद उन्होंने आरएएस की तैयारी की और 2021 में सफल हुए। उनकी पहली पोस्टिंग 2023 में चितलवाना (जालोर) में हुई थी, वर्तमान में वे जैसलमेर के फतेहगढ़ में एसडीएम थे।
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