पटना: बिहार की राजधानी पटना से जारी हुए डॉग बाबू का आवासीय प्रमाण पत्र नया मोड़ लेता हुआ दिख रहा है। पटना में डॉग बाबू को निवास प्रमाण पत्र जारी करने की जांच के दौरान राजनीतिक साजिश का संकेत मिला है। एक अधिकारी ने बुधवार को हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि दस्तावेज जारी करने वाले कर्मचारी के एक स्थानीय राजद विधायक के करीबी होने का संदेह है।
'डॉग बाबू के पीछे राजनीतिक साजिश'
डॉग बाबू का प्रमाणपत्र बनाने वाले मसौढ़ी सर्कल कार्यालय के कार्यकारी सहायक मिंटू कुमार निराला को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जिला प्रशासन के अनुसार मिंटू ने खुद से डॉग बाबू के नाम पर प्रमाण पत्र बनाया और सबसे पहले एक्सेस भी उसी ने किया। निराला पर आरोप है कि उसने 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सरकार को बदनाम करने के इरादे से अनाधिकृत रूप से निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाए।
निराला ने कबूला सच
मसौढ़ी पुलिस स्टेशन के एक सूत्र ने कहा कि निराला ने दस्तावेजों को अपलोड करने और निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति के आधार कार्ड का झूठा उपयोग करने की बात स्वीकार की है। सूत्र ने कहा कि उन्होंने धोखाधड़ी से प्रमाण पत्र की मंजूरी प्राप्त की, और फिर सार्वजनिक ध्यान आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया पर नकली दस्तावेजों को वायरल कर दिया। लेकिन लोगों का तेजी से ध्यान आने के बाद मिंटू निराला ने अपने सिस्टम यानी कंप्यूटर से सारा डेटा डिलीट कर दिया।
सरकार को बदनाम करने की कोशिश
सूत्र ने आगे कहा, 'निराला ने स्वीकार किया कि मतदाता सूची संशोधन कार्य के लिए अनुमंडल कार्यालय में प्रतिनियुक्त होने के बावजूद, वह आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सरकार को बदनाम करने के इरादे से अनाधिकृत निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए एक घंटा पहले सर्कल कार्यालय आता था।' मसौढ़ी के अनुमंडल दंडाधिकारी अभिषेक कुमार ने कहा कि इस कृत्य के पीछे अन्य लोगों की संभावित संलिप्तता का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। हालांकि, राजद विधायक भाई बीरेंद्र ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह मुख्य विपक्षी दल को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है।
जहानाबाद में सैमसंग तो नवादा में डॉगेश बाबू के लिए आवेदन
इस बीच, डॉग बाबू और सोनालिका ट्रैक्टर के बाद, यह पाया गया है कि सैमसंग और डॉगेश बाबू के नाम से भी ने भी क्रमशः जहानाबाद और नवादा जिलों में आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है, जिससे अधिकारियों को जांच का आदेश देना पड़ा है। जहानाबाद में, अधिकारियों को मंगलवार को मोदनगंज सर्कल कार्यालय में सैमसंग का निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन मिला। वहीं नवादा जिले के सिरदला सर्कल कार्यालय में डॉगेश बाबू के नाम से आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन मिलने से हड़कंप मच गया। अब अफसरों ने दोनों मामलों की जांच शुरू कर दी है।
'डॉग बाबू के पीछे राजनीतिक साजिश'
डॉग बाबू का प्रमाणपत्र बनाने वाले मसौढ़ी सर्कल कार्यालय के कार्यकारी सहायक मिंटू कुमार निराला को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जिला प्रशासन के अनुसार मिंटू ने खुद से डॉग बाबू के नाम पर प्रमाण पत्र बनाया और सबसे पहले एक्सेस भी उसी ने किया। निराला पर आरोप है कि उसने 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सरकार को बदनाम करने के इरादे से अनाधिकृत रूप से निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाए।
निराला ने कबूला सच
मसौढ़ी पुलिस स्टेशन के एक सूत्र ने कहा कि निराला ने दस्तावेजों को अपलोड करने और निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति के आधार कार्ड का झूठा उपयोग करने की बात स्वीकार की है। सूत्र ने कहा कि उन्होंने धोखाधड़ी से प्रमाण पत्र की मंजूरी प्राप्त की, और फिर सार्वजनिक ध्यान आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया पर नकली दस्तावेजों को वायरल कर दिया। लेकिन लोगों का तेजी से ध्यान आने के बाद मिंटू निराला ने अपने सिस्टम यानी कंप्यूटर से सारा डेटा डिलीट कर दिया।
सरकार को बदनाम करने की कोशिश
सूत्र ने आगे कहा, 'निराला ने स्वीकार किया कि मतदाता सूची संशोधन कार्य के लिए अनुमंडल कार्यालय में प्रतिनियुक्त होने के बावजूद, वह आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सरकार को बदनाम करने के इरादे से अनाधिकृत निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए एक घंटा पहले सर्कल कार्यालय आता था।' मसौढ़ी के अनुमंडल दंडाधिकारी अभिषेक कुमार ने कहा कि इस कृत्य के पीछे अन्य लोगों की संभावित संलिप्तता का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। हालांकि, राजद विधायक भाई बीरेंद्र ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह मुख्य विपक्षी दल को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है।
जहानाबाद में सैमसंग तो नवादा में डॉगेश बाबू के लिए आवेदन
इस बीच, डॉग बाबू और सोनालिका ट्रैक्टर के बाद, यह पाया गया है कि सैमसंग और डॉगेश बाबू के नाम से भी ने भी क्रमशः जहानाबाद और नवादा जिलों में आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है, जिससे अधिकारियों को जांच का आदेश देना पड़ा है। जहानाबाद में, अधिकारियों को मंगलवार को मोदनगंज सर्कल कार्यालय में सैमसंग का निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन मिला। वहीं नवादा जिले के सिरदला सर्कल कार्यालय में डॉगेश बाबू के नाम से आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन मिलने से हड़कंप मच गया। अब अफसरों ने दोनों मामलों की जांच शुरू कर दी है।
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