बीजिंग: चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य झड़पों के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी हथियारों की क्षमता पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की है। इस झड़प में चीन की बनी PL-15E मिसाइल भी शामिल थी, जो कि एक आधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है और दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। चीन और पाकिस्तान के बीच गहरे सैन्य संबंध हैं और चीन, पाकिस्तान को हथियारों का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
चीन ने हथियारों के सवाल पर क्या कहा
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शियाओगांग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि "जिस मिसाइल का आपने जिक्र किया है, वह एक निर्यात उपकरण है और इसे देश और विदेश में कई रक्षा प्रदर्शनियों में दिखाया गया है।" इसका मतलब है कि चीन उस मिसाइल को बेचने के लिए बनाता है और दिखाता है। चीन के इस बयान को पाकिस्तान के लिए झटका बताया जा रहा है, जो चीनी हथियारों की तारीफ करते थक नहीं रहा है।
भारत-पाकिस्तान में शांति की अपील की
उन्होंने आगे कहा, "भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता. हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष शांत और संयमित रहेंगे और ऐसे कार्यों से बचेंगे जो तनाव बढ़ा सकते हैं." उन्होंने क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देने की चीन की बात दोहराई और स्थायी युद्धविराम प्राप्त करने में "रचनात्मक भूमिका" निभाने की तत्परता व्यक्त की. मतलब चीन चाहता है कि दोनों देशों में शांति बनी रहे और वो इसके लिए मदद करने को तैयार है.
पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का किया था इस्तेमाल
ये टिप्पणियां भारत के "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद आई हैं। भारत ने 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। ये हमले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थे, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को जवाबी हमले करने की कोशिश की। इस दौरान चीनी हथियारों के कुछ अवशेष मिले, जिससे उनकी क्षमता पर सवाल उठने लगे। मतलब कुछ हथियार ठीक से काम नहीं कर पाए।
चीनी मीडिया ने दिखाई थी दिलचस्पी
हालांकि चीन सरकार ने इन खबरों पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन सरकारी मीडिया ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुई झड़प में काफी दिलचस्पी दिखाई है। इससे पता चलता है कि चीन और पाकिस्तान के बीच कितने गहरे सैन्य संबंध हैं।
मजबूत हैं चीन-पाकिस्तान रक्षा संबंध
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच पाकिस्तान ने जितने भी हथियार आयात किए, उनमें से 81 प्रतिशत चीन से आए थे। इनमें आधुनिक लड़ाकू विमान, नौसैनिक जहाज, पनडुब्बियां और मिसाइल सिस्टम शामिल हैं। चीन और पाकिस्तान मिलकर JF-17 लड़ाकू विमान भी बनाते हैं, जो पाकिस्तान की वायु सेना की रीढ़ है। JF-17 एक तरह से पाकिस्तान की वायु सेना का सबसे महत्वपूर्ण विमान है।
चीन ने हथियारों के सवाल पर क्या कहा
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शियाओगांग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि "जिस मिसाइल का आपने जिक्र किया है, वह एक निर्यात उपकरण है और इसे देश और विदेश में कई रक्षा प्रदर्शनियों में दिखाया गया है।" इसका मतलब है कि चीन उस मिसाइल को बेचने के लिए बनाता है और दिखाता है। चीन के इस बयान को पाकिस्तान के लिए झटका बताया जा रहा है, जो चीनी हथियारों की तारीफ करते थक नहीं रहा है।
भारत-पाकिस्तान में शांति की अपील की
उन्होंने आगे कहा, "भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता. हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष शांत और संयमित रहेंगे और ऐसे कार्यों से बचेंगे जो तनाव बढ़ा सकते हैं." उन्होंने क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देने की चीन की बात दोहराई और स्थायी युद्धविराम प्राप्त करने में "रचनात्मक भूमिका" निभाने की तत्परता व्यक्त की. मतलब चीन चाहता है कि दोनों देशों में शांति बनी रहे और वो इसके लिए मदद करने को तैयार है.
पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का किया था इस्तेमाल
ये टिप्पणियां भारत के "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद आई हैं। भारत ने 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। ये हमले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थे, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को जवाबी हमले करने की कोशिश की। इस दौरान चीनी हथियारों के कुछ अवशेष मिले, जिससे उनकी क्षमता पर सवाल उठने लगे। मतलब कुछ हथियार ठीक से काम नहीं कर पाए।
चीनी मीडिया ने दिखाई थी दिलचस्पी
हालांकि चीन सरकार ने इन खबरों पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन सरकारी मीडिया ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुई झड़प में काफी दिलचस्पी दिखाई है। इससे पता चलता है कि चीन और पाकिस्तान के बीच कितने गहरे सैन्य संबंध हैं।
मजबूत हैं चीन-पाकिस्तान रक्षा संबंध
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच पाकिस्तान ने जितने भी हथियार आयात किए, उनमें से 81 प्रतिशत चीन से आए थे। इनमें आधुनिक लड़ाकू विमान, नौसैनिक जहाज, पनडुब्बियां और मिसाइल सिस्टम शामिल हैं। चीन और पाकिस्तान मिलकर JF-17 लड़ाकू विमान भी बनाते हैं, जो पाकिस्तान की वायु सेना की रीढ़ है। JF-17 एक तरह से पाकिस्तान की वायु सेना का सबसे महत्वपूर्ण विमान है।
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