राजनांदगांव: नवरात्रि के पावन पर्व की धूम पूरे देश में है। देश भर के देवी धाम में भक्तों की भीड़ जमा हो रही है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के धर्म नगरी डोंगरगढ़ में भी विश्व प्रसिद्ध मां बमलेश्वरी देवी के धाम में लगातार भक्तों का तांता देखने को मिल रहा है। क्या आम, क्या खास सभी माता के दरबार में अपनी अर्जी लगाने पहुंच रहे हैं।
शुक्रवार को दुर्ग जिला पंचायत की अध्यक्ष सरस्वती बंजारे भी माता के दरबार में पहुंची। खास बात यह रही कि वह 100 किलोमीटर की पदयात्रा करके माता के दरबार में पहुंची थीं। 24 सितंबर को उन्होंने जामुल दुर्ग से पदयात्रा शुरू की। जिसमें 100 से अधिक महिलाएं और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए थे। इस यात्रा के माध्यम से सरस्वती ने नारी शक्ति आस्था और एकता का संदेश दिया।
नारी की चूड़ियों में भी होती है शक्ति
वहीं मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य महिलाओं की शक्ति के बारे के बताना था। नारी शक्ति का स्वरूप होती है। उनकी चूड़ियों में भी शक्ति होती है। वहीं पद यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस पद यात्रा का अनुभव जरूर कष्टदायक था। परंतु माता रानी का जयकारा लगाते हुए 100 किलोमीटर की यात्रा कैसे पूरी हुई पता ही नहीं चला।
बम्लेश्वरी देवी धाम एक शक्तिपीठ है, जो एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और बड़ी बम्लेश्वरी के नाम से जाना जाता है। इस धाम को छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में गिना जाता है, जहाँ नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
शुक्रवार को दुर्ग जिला पंचायत की अध्यक्ष सरस्वती बंजारे भी माता के दरबार में पहुंची। खास बात यह रही कि वह 100 किलोमीटर की पदयात्रा करके माता के दरबार में पहुंची थीं। 24 सितंबर को उन्होंने जामुल दुर्ग से पदयात्रा शुरू की। जिसमें 100 से अधिक महिलाएं और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए थे। इस यात्रा के माध्यम से सरस्वती ने नारी शक्ति आस्था और एकता का संदेश दिया।
नारी की चूड़ियों में भी होती है शक्ति
वहीं मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य महिलाओं की शक्ति के बारे के बताना था। नारी शक्ति का स्वरूप होती है। उनकी चूड़ियों में भी शक्ति होती है। वहीं पद यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस पद यात्रा का अनुभव जरूर कष्टदायक था। परंतु माता रानी का जयकारा लगाते हुए 100 किलोमीटर की यात्रा कैसे पूरी हुई पता ही नहीं चला।
बम्लेश्वरी देवी धाम एक शक्तिपीठ है, जो एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और बड़ी बम्लेश्वरी के नाम से जाना जाता है। इस धाम को छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में गिना जाता है, जहाँ नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
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