बिलासपुर: ट्रेन हादसे के बाद लाल खदान में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है। मौके पर 140 टन का ब्रेक डाउन क्रेन लाया गया है, जिसके जरिए रेलवे ट्रैक से क्षतिग्रस्त कोच को हटाया जा रहा है। मृतक के परिजनों को 15-15 लाख रुपए मुआवजे मिलेंगे। 10 लाख केंद्र की तरफ से और पांच लाख रुपए राज्य सरकार की तरफ से दिए जाएंगे।
शाम साढ़े चार बजे घटी घटनाप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बिलासपुर स्टेशन से पहले लाल खदान जगह है। यही पर पैसेंजर ट्रेन ने आगे चल रही मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पैसेंजर ट्रेन की बोगी मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई। साथ ही कई बोगियां डिरेल हो गईं। हादसा देखकर सबसे पहले मौके पर स्थानीय लोग पहुंचे और लोगों की मदद शुरू की। इसके बाद रेलवे के अधिकारी, स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीम पहुंची। ट्रेन में फंसे घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।
गैस कटर से काटी गई बोगीदुर्घटना के बाद ट्रेन के कई कोच क्षतिग्रस्त हो गए थे। महिला कोच और इंजन को ज्यादा नुकसान हुआ। कोच क्षतिग्रस्त होने की वजह से कई लोग ट्रेन के अंदर फंसे थे। साथ ही कुछ यात्रियों की मौत भी हो गई थी। इनके शव को निकालने के लिए गैस कटर मंगवानी पड़ी। गैस कटर से बोगी काटनी पड़ी है। इसके बाद शवों को निकाला गया।
आठ लोगों की मौत हुईवहीं, ट्रेन हादसे में आठ लोगों की मौत की पुष्टि हो गई। हालांकि यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा है कि आठ लोगों के शव निकाले गए हैं। 16-17 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इसके साथ ही अन्य लोगों को मामूली चोटें आई हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
15-15 लाख रुपए मुआवजे की घोषणामृतक के परिजनों को केंद्र सरकार की तरफ से 10-10 लाख रुपए मुआवजे देने की घोषणा की गई है। वहीं, घायलों को 5-5 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपए मुआवजे दिए जाएंगे। साथ ही घायलों को 50-50 हजार रुपए मिलेंगे। सीएम ने कहा कि घायलों की समुचित इलाज की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की जाएगी।
लोको पायलट की भी मौतपैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट की भी मौत हो गई है। टक्कर के बाद उसका शव इंजन में फंस गया था। गैस कटर की मदद से बोगी काटकर शव निकाला गया है। मौके पर रेलवे की रेस्क्यू टीम के साथ-साथ एनडीआरएफ भी पहुंच चुकी है। रेलवे की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया गया है।
हादसे के बाद उठ रहे सवाल
वहीं, रेल मंत्रालय ने घटना के बाद जांच के निर्देश दिए हैं। रेल सुरक्षा आयुक्त मामले की जांच करेंगे। इसके बाद ही हादसे की वजह पता चल पाएगा। मगर सवाल उठ रहे हैं कि आगे चल रही मालगाड़ी को क्या लोको पायलट ने देखा नहीं। क्या रेड सिग्नल होने के बावजूद उसने गाड़ी को आगे बढ़ा दी। ऐसे तमाम सवाल हैं, जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
डाउन लाइन चालूहादसे के बाद बिलासपुर-कटनी मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया था। अब डाउन लाइन चालू हो गया। रेलवे की तरफ से कहा गया है कि जल्द ही अप लाइन पर भी गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।
रेल मंत्री बनाए हुए नजरवहीं, घटना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव नजर बनाए हुए हैं। वह लगातार कंट्रोल रूम से नजर रख रहे हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी रेस्क्यू ऑपरेशन का मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही वीडियो कॉल के जरिए उन्होंने स्थिति का जायजा भी लिया था।
शाम साढ़े चार बजे घटी घटनाप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बिलासपुर स्टेशन से पहले लाल खदान जगह है। यही पर पैसेंजर ट्रेन ने आगे चल रही मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पैसेंजर ट्रेन की बोगी मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई। साथ ही कई बोगियां डिरेल हो गईं। हादसा देखकर सबसे पहले मौके पर स्थानीय लोग पहुंचे और लोगों की मदद शुरू की। इसके बाद रेलवे के अधिकारी, स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीम पहुंची। ट्रेन में फंसे घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।
गैस कटर से काटी गई बोगीदुर्घटना के बाद ट्रेन के कई कोच क्षतिग्रस्त हो गए थे। महिला कोच और इंजन को ज्यादा नुकसान हुआ। कोच क्षतिग्रस्त होने की वजह से कई लोग ट्रेन के अंदर फंसे थे। साथ ही कुछ यात्रियों की मौत भी हो गई थी। इनके शव को निकालने के लिए गैस कटर मंगवानी पड़ी। गैस कटर से बोगी काटनी पड़ी है। इसके बाद शवों को निकाला गया।
आठ लोगों की मौत हुईवहीं, ट्रेन हादसे में आठ लोगों की मौत की पुष्टि हो गई। हालांकि यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा है कि आठ लोगों के शव निकाले गए हैं। 16-17 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इसके साथ ही अन्य लोगों को मामूली चोटें आई हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
15-15 लाख रुपए मुआवजे की घोषणामृतक के परिजनों को केंद्र सरकार की तरफ से 10-10 लाख रुपए मुआवजे देने की घोषणा की गई है। वहीं, घायलों को 5-5 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपए मुआवजे दिए जाएंगे। साथ ही घायलों को 50-50 हजार रुपए मिलेंगे। सीएम ने कहा कि घायलों की समुचित इलाज की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की जाएगी।
लोको पायलट की भी मौतपैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट की भी मौत हो गई है। टक्कर के बाद उसका शव इंजन में फंस गया था। गैस कटर की मदद से बोगी काटकर शव निकाला गया है। मौके पर रेलवे की रेस्क्यू टीम के साथ-साथ एनडीआरएफ भी पहुंच चुकी है। रेलवे की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया गया है।
हादसे के बाद उठ रहे सवाल
वहीं, रेल मंत्रालय ने घटना के बाद जांच के निर्देश दिए हैं। रेल सुरक्षा आयुक्त मामले की जांच करेंगे। इसके बाद ही हादसे की वजह पता चल पाएगा। मगर सवाल उठ रहे हैं कि आगे चल रही मालगाड़ी को क्या लोको पायलट ने देखा नहीं। क्या रेड सिग्नल होने के बावजूद उसने गाड़ी को आगे बढ़ा दी। ऐसे तमाम सवाल हैं, जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
डाउन लाइन चालूहादसे के बाद बिलासपुर-कटनी मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया था। अब डाउन लाइन चालू हो गया। रेलवे की तरफ से कहा गया है कि जल्द ही अप लाइन पर भी गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।
रेल मंत्री बनाए हुए नजरवहीं, घटना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव नजर बनाए हुए हैं। वह लगातार कंट्रोल रूम से नजर रख रहे हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी रेस्क्यू ऑपरेशन का मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही वीडियो कॉल के जरिए उन्होंने स्थिति का जायजा भी लिया था।
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