मधुबनीः बिहार में मधुबनी जिले की बिस्फी विधानसभा सीट पर 2025 का चुनाव एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच सीधी और कांटे की टक्कर का मैदान बनने जा रहा है। बिस्फी विधानसभा सीट के लिए सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के पहले ही कई मतदान केंद्रों पर वोटरों की लंबी कतारें लग चुकी थी। मतदान को लेकर महिला मतदाताओं में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। इस पेज पर आपको बिस्फी सीट पर वोटिंग के लाइव अपडेट्स मिलेंगे।
2020 में हरिभूषण ठाकुर 'बचौल' को मिली थी बड़ी जीत
2020 के चुनाव में, भाजपा के हरिभूषण ठाकुर 'बचौल' ने आरजेडी के डॉ. फैयाज अहमद को लगभग 10,241 वोटों (करीब 5.8%) के मामूली अंतर से हराकर यह सीट जीती थी। यह जीत दिखाती है कि यह सीट दोनों गठबंधनों के लिए कितनी प्रतिस्पर्धी है। आरजेडी ने 2015 में यह सीट जीती थी, जिससे साबित होता है कि यह किसी एक दल का स्थायी गढ़ नहीं है।
हरिभूषण ठाकुर को अपनी कट्टर राष्ट्रवादी छवि पर भरोसा
मुख्य चुनावी मुकाबला इस बार भी इन्हीं दो कद्दावर चेहरों या उनके बदले में आने वाले मजबूत उम्मीदवारों के बीच होने की प्रबल संभावना है। हरिभूषण ठाकुर अपनी कट्टर राष्ट्रवादी छवि और भाजपा के कोर वोट बैंक पर भरोसा करते हैं, जबकि डॉ. फैयाज अहमद का मुख्य आधार एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण और स्थानीय मुस्लिम मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ है।
बाढ़ और सुखाड़ की समस्या का चुनाव में प्रमुख मुद्दा
स्थानीय मुद्दे जो चुनाव की दिशा तय करेंगे, उनमें बाढ़ और सुखाड़ (सूखे) की समस्या का स्थायी समाधान, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, और ग्रामीण सड़कों का निर्माण प्रमुख हैं। यह क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है, जहां विकास कार्यों की धीमी गति पर विपक्ष लगातार सवाल उठाएगा।
भाजपा के लिए यह सीट बचाना सम्मान का विषय होगा, जबकि आरजेडी इसे जीतकर मधुबनी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहेगी। बिस्फी का चुनाव पूरी तरह से ध्रुवीकरण और जातीय समीकरणों को साधने की रणनीति पर टिका होगा।
2020 में हरिभूषण ठाकुर 'बचौल' को मिली थी बड़ी जीत
2020 के चुनाव में, भाजपा के हरिभूषण ठाकुर 'बचौल' ने आरजेडी के डॉ. फैयाज अहमद को लगभग 10,241 वोटों (करीब 5.8%) के मामूली अंतर से हराकर यह सीट जीती थी। यह जीत दिखाती है कि यह सीट दोनों गठबंधनों के लिए कितनी प्रतिस्पर्धी है। आरजेडी ने 2015 में यह सीट जीती थी, जिससे साबित होता है कि यह किसी एक दल का स्थायी गढ़ नहीं है।
हरिभूषण ठाकुर को अपनी कट्टर राष्ट्रवादी छवि पर भरोसा
मुख्य चुनावी मुकाबला इस बार भी इन्हीं दो कद्दावर चेहरों या उनके बदले में आने वाले मजबूत उम्मीदवारों के बीच होने की प्रबल संभावना है। हरिभूषण ठाकुर अपनी कट्टर राष्ट्रवादी छवि और भाजपा के कोर वोट बैंक पर भरोसा करते हैं, जबकि डॉ. फैयाज अहमद का मुख्य आधार एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण और स्थानीय मुस्लिम मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ है।
बाढ़ और सुखाड़ की समस्या का चुनाव में प्रमुख मुद्दा
स्थानीय मुद्दे जो चुनाव की दिशा तय करेंगे, उनमें बाढ़ और सुखाड़ (सूखे) की समस्या का स्थायी समाधान, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, और ग्रामीण सड़कों का निर्माण प्रमुख हैं। यह क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है, जहां विकास कार्यों की धीमी गति पर विपक्ष लगातार सवाल उठाएगा।
भाजपा के लिए यह सीट बचाना सम्मान का विषय होगा, जबकि आरजेडी इसे जीतकर मधुबनी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहेगी। बिस्फी का चुनाव पूरी तरह से ध्रुवीकरण और जातीय समीकरणों को साधने की रणनीति पर टिका होगा।
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