पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सीटों का बंटवारा का मसला अभी तक वहीं है जहां से शुरू हुआ था। हर दल के अपने डिमांड हैं। यह सीटों की संख्या के साथ साथ पसंदीदा सीटों का मामला हो या फिर सीटों की अदला बदली का। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच इन तमाम मसलों पर बातचीत हुई। पर यह बातचीत किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। एनडीए एक रणनीति के तहत इन तमाम मसलों पर फैसला आचार संहिता लगने के बाद एक-एक कर निर्णय की जानकारी सार्वजनिक करेगी।
अक्टूबर के पहले सप्ताह में लगेगी आचार संहिता
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पांच अक्टूबर को कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसा इसलिए कि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर को पूरा होना है। तकरीबन एक माह के भीतर अधिसूचना जारी करने से लेकर चुनाव परिणाम घोषित करने तक की पूरी प्रक्रिया को चुनाव आयोग को पूरा करना है।
चर्चा तो यह है कि विधानसभा की कुल 243 सीटों पर मतदान अधिकतम दो चरणों में कराना है। वैसे मौजूदा सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर तक समाप्त हो जाना है। चुनाव आयोग को उससे पहले पूरी प्रक्रिया विशेष गहन पुनरीक्षण के कारण समय कम बचा है पर आयोग ने योजना बना ली है कि मतदान और मतगणना तय समय सीमा में पूरी कर ली जाएगी।
एनडीए में क्या पक रही है खिचड़ी?
सूत्रों की माने तो एनडीए के रणनीतिकारों को अभी भी उम्मीद है कि वीआईपी नेता मुकेश सहनी महागठबंधन से अलग हों जायेंगे। चूंकि मुकेश सहनी का उप मुख्यमंत्री का डिमांड पूरा होता नहीं दिख रहा है। इसलिए एनडीए को आचार संहिता की घोषणा के होने तक मुकेश सहनी के एनडीए में आने का इंतजार रहेगा।
वैसे एक चर्चा यह भी है कि बगैर मुकेश सहनी सीटों के बांटने को लेकर एक रूप रेखा तैयार कर ली गई है। एनडीए के रणनीतिकार वर्ष 2020 के फॉर्मूले पर ही विचार कर रहे हैं। तब जदयू को 122 सीटें और बीजेपी को 121 सीटें मिली थी। जदयू को 122 विधान सभा में अपने साथ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर से हिस्सेदारी निभानी थी। तब जनता दल यू ने मांझी को 7 सीटें दी थी।
उधर, बीजेपी को 121 मिली थी। बीजेपी ने अपने कोटे से वीआईपी को 11सीटें दी थी। इस बार एनडीए गठबंधन में दो नए दल शामिल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को लोजपा (आर) से सीटों की हिस्सेदारी करनी है। जदयू को इस बार हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच सीटों की हिस्सेदारी करनी है।
आचार संहिता लगने के बाद रहस्य से पर्दा हटेगा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आचार संहिता लगने के बाद एनडीए के रणनीतिकार सबसे पहले सीटों की हिस्सेदारी की घोषणा करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी इस संदर्भ में नीतिगत निर्णय लेते 20 सीटें लोजपा(आर) को देने जा रही है। उधर, जदयू भी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 8 से 10 और रालोमो को 6 से 8 सीटें दी जायेगी।
सीटों की संख्या के बाद कौन सी सीट से कौन लड़ेगा,यह तय होगा। फिर सामूहिक रूप से एनडीए के रणनीतिकार उम्मीदवारों पर अंतिम निर्णय लेंगे।
अक्टूबर के पहले सप्ताह में लगेगी आचार संहिता
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पांच अक्टूबर को कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसा इसलिए कि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर को पूरा होना है। तकरीबन एक माह के भीतर अधिसूचना जारी करने से लेकर चुनाव परिणाम घोषित करने तक की पूरी प्रक्रिया को चुनाव आयोग को पूरा करना है।
चर्चा तो यह है कि विधानसभा की कुल 243 सीटों पर मतदान अधिकतम दो चरणों में कराना है। वैसे मौजूदा सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर तक समाप्त हो जाना है। चुनाव आयोग को उससे पहले पूरी प्रक्रिया विशेष गहन पुनरीक्षण के कारण समय कम बचा है पर आयोग ने योजना बना ली है कि मतदान और मतगणना तय समय सीमा में पूरी कर ली जाएगी।
एनडीए में क्या पक रही है खिचड़ी?
सूत्रों की माने तो एनडीए के रणनीतिकारों को अभी भी उम्मीद है कि वीआईपी नेता मुकेश सहनी महागठबंधन से अलग हों जायेंगे। चूंकि मुकेश सहनी का उप मुख्यमंत्री का डिमांड पूरा होता नहीं दिख रहा है। इसलिए एनडीए को आचार संहिता की घोषणा के होने तक मुकेश सहनी के एनडीए में आने का इंतजार रहेगा।
वैसे एक चर्चा यह भी है कि बगैर मुकेश सहनी सीटों के बांटने को लेकर एक रूप रेखा तैयार कर ली गई है। एनडीए के रणनीतिकार वर्ष 2020 के फॉर्मूले पर ही विचार कर रहे हैं। तब जदयू को 122 सीटें और बीजेपी को 121 सीटें मिली थी। जदयू को 122 विधान सभा में अपने साथ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर से हिस्सेदारी निभानी थी। तब जनता दल यू ने मांझी को 7 सीटें दी थी।
उधर, बीजेपी को 121 मिली थी। बीजेपी ने अपने कोटे से वीआईपी को 11सीटें दी थी। इस बार एनडीए गठबंधन में दो नए दल शामिल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को लोजपा (आर) से सीटों की हिस्सेदारी करनी है। जदयू को इस बार हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच सीटों की हिस्सेदारी करनी है।
आचार संहिता लगने के बाद रहस्य से पर्दा हटेगा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आचार संहिता लगने के बाद एनडीए के रणनीतिकार सबसे पहले सीटों की हिस्सेदारी की घोषणा करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी इस संदर्भ में नीतिगत निर्णय लेते 20 सीटें लोजपा(आर) को देने जा रही है। उधर, जदयू भी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 8 से 10 और रालोमो को 6 से 8 सीटें दी जायेगी।
सीटों की संख्या के बाद कौन सी सीट से कौन लड़ेगा,यह तय होगा। फिर सामूहिक रूप से एनडीए के रणनीतिकार उम्मीदवारों पर अंतिम निर्णय लेंगे।
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