नई दिल्ली: भारत पर अमेरिका आए दिन सख्ती करता जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया एक भविष्यवाणी तैर रही है। इसमें कहा जा रहा है कि अमेरिका जल्द ही दो हिस्सों में टूटने जा रहा है। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के आखिरी राष्ट्रपति होंगे। ये भविष्यवाणी नास्त्रेदमस या बाबा वेंगा ने नहीं की है। ग्रोक से जब कुछ लोगों ने जवाब पूछा तो उसने बताया कि ये भविष्यवाणी प्रज्ञा मिश्रा ने की हैं। ये एक ज्योतिषी और वास्तु विशेषज्ञ हैं, जो एस्ट्रोटॉक पर काम करती हैं और इंस्टाग्राम पर सक्रिय हैं। वे राजनीतिक भविष्यवाणियां करती हैं, जैसे वीडियो में दी गईं हैं। जानते हैं कि क्या अमेरिका पहले भी टूट चुका है।
अमेरिका के बारे में क्या भविष्यवाणी की है
प्रज्ञा मिश्रा ने डोनाल्ड ट्रंप यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के आखिरी राष्ट्रपति होंगे। जुलाई 2027 से पहले USSR की तरह USA भी टूटेगा। दो या तीन राज्य अलग हो जाएंगे। इसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर लोग कमेंट्स कर रहे हैं। ग्रोक से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उसने बताया कि प्रज्ञा मिश्रा की भविष्यवाणियां ज्यादातर भविष्योन्मुखी हैं। जैसे 2027 में अमेरिका टूटना या भारत UNSC सदस्य बनना। खोज से कोई चार सटीक साबित हुई भविष्यवाणियां नहीं मिलीं। यदि आपके पास जानकारी है, तो शेयर करें।
कभी दो हिस्सों में बंट गया था अमेरिका
आज जैसा अमेरिका है, वैसा वह पहले नहीं था। आज वह 50 राज्यों का संघ है। यह तब की बात है, जब अमेरिका 34 राज्यों का संघ था। अमेरिका ने पहले मैक्सिको के साथ लड़ाई लड़ी और उसके 55 फीसदी हिस्से को अपने में मिला लिया था। इसके कुछ साल बाद ही अमेरिका दो हिस्सों में बंट गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका से कटकर कंफेडरेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका के नाम से नया देश बना जिसका अपना राष्ट्रपति झंडा और राजधानी थी।
164 साल पहले हुआ था अमेरिका का बंटवारा
1861 मे अमेरिका विचारधारा की वजह से दो हिस्सों में बंट गया। तब दो देश बने पहला यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका यानी USA और दूसरा कंफेडरेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका (CSA)। जिस अमेरिका को आज हम जानते हैं, बंटवारे के बाद वह इसका एक चौथाई भी नहीं रह गया था।
दास प्रथा को लेकर बंट गया था अमेरिका
यह तब की बात है, जब रिपब्लिकन उम्मीदवार अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए थे। वह दास प्रथा को खत्म करना चाहते थे। वहीं, कुछ ऐसे ताकतवर समूह थे, जो इसे बनाए रखने के पक्ष में थे। आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों ने इस लड़ाई को और भड़का दिया। फरवरी 1861 में अलाबामा के मॉन्टगोमेरी में 6 राज्यों के प्रतिनिधियों की मीटिंग हुई, जिन्होंने कंफेडरेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका की नींव रखी। वर्जीनिया के रिचमंड को सीएसए की राजधानी बनाया गया।
बाद में फिर एक हो गया अमेरिका
ये 6 राज्य साउथ कैरोलिना, मिसीसिपी, फ्लोरिडा, अलाबामा, जॉर्जिया और लुईसियाना थे। बाद में टेक्सास भी इसमें शामिल हो गया। मिसीसिपी के जेफरसन डेविस इस नये देश के राष्ट्रपति बने। करीब 5 साल तक यह सिविल वॉर चला। हालांकि, सीएसए को न तो अमेरिका ने मान्यता दी और न ही किसी वैश्विक संस्था ने। सिविल वॉर खत् होने के साथ ही अमेरिका ने सीएसए के सभी 11 राज्यों पर अपना नियंत्रण कर लिया था। उस वक्त अमेरिका 48 राज्यों वाला संघ बन गया। बाद में अलास्का और हवाई के आने से अमेरिका 50 राज्यों का संघ बन गया।
अमेरिका के बारे में क्या भविष्यवाणी की है
प्रज्ञा मिश्रा ने डोनाल्ड ट्रंप यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के आखिरी राष्ट्रपति होंगे। जुलाई 2027 से पहले USSR की तरह USA भी टूटेगा। दो या तीन राज्य अलग हो जाएंगे। इसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर लोग कमेंट्स कर रहे हैं। ग्रोक से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उसने बताया कि प्रज्ञा मिश्रा की भविष्यवाणियां ज्यादातर भविष्योन्मुखी हैं। जैसे 2027 में अमेरिका टूटना या भारत UNSC सदस्य बनना। खोज से कोई चार सटीक साबित हुई भविष्यवाणियां नहीं मिलीं। यदि आपके पास जानकारी है, तो शेयर करें।
*5 भविष्यवाणियां..👍*
— P.N.Rai (@PNRai1) September 19, 2025
1. डोनाल्ड ट्रंप यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका का। आखिरी राष्ट्रपति होगा। जुलाई 2027 से पहले USSR की तरह USA भी टूटेगा। दो तीन राज्य अलग हो जाएंगे।
2. भारत जुलाई 2027 तक सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनेगा।
3. रेखा गुप्ता अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले… pic.twitter.com/wU2qEFtYjS
कभी दो हिस्सों में बंट गया था अमेरिका
आज जैसा अमेरिका है, वैसा वह पहले नहीं था। आज वह 50 राज्यों का संघ है। यह तब की बात है, जब अमेरिका 34 राज्यों का संघ था। अमेरिका ने पहले मैक्सिको के साथ लड़ाई लड़ी और उसके 55 फीसदी हिस्से को अपने में मिला लिया था। इसके कुछ साल बाद ही अमेरिका दो हिस्सों में बंट गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका से कटकर कंफेडरेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका के नाम से नया देश बना जिसका अपना राष्ट्रपति झंडा और राजधानी थी।
164 साल पहले हुआ था अमेरिका का बंटवारा
1861 मे अमेरिका विचारधारा की वजह से दो हिस्सों में बंट गया। तब दो देश बने पहला यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका यानी USA और दूसरा कंफेडरेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका (CSA)। जिस अमेरिका को आज हम जानते हैं, बंटवारे के बाद वह इसका एक चौथाई भी नहीं रह गया था।
दास प्रथा को लेकर बंट गया था अमेरिका
यह तब की बात है, जब रिपब्लिकन उम्मीदवार अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए थे। वह दास प्रथा को खत्म करना चाहते थे। वहीं, कुछ ऐसे ताकतवर समूह थे, जो इसे बनाए रखने के पक्ष में थे। आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों ने इस लड़ाई को और भड़का दिया। फरवरी 1861 में अलाबामा के मॉन्टगोमेरी में 6 राज्यों के प्रतिनिधियों की मीटिंग हुई, जिन्होंने कंफेडरेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका की नींव रखी। वर्जीनिया के रिचमंड को सीएसए की राजधानी बनाया गया।
बाद में फिर एक हो गया अमेरिका
ये 6 राज्य साउथ कैरोलिना, मिसीसिपी, फ्लोरिडा, अलाबामा, जॉर्जिया और लुईसियाना थे। बाद में टेक्सास भी इसमें शामिल हो गया। मिसीसिपी के जेफरसन डेविस इस नये देश के राष्ट्रपति बने। करीब 5 साल तक यह सिविल वॉर चला। हालांकि, सीएसए को न तो अमेरिका ने मान्यता दी और न ही किसी वैश्विक संस्था ने। सिविल वॉर खत् होने के साथ ही अमेरिका ने सीएसए के सभी 11 राज्यों पर अपना नियंत्रण कर लिया था। उस वक्त अमेरिका 48 राज्यों वाला संघ बन गया। बाद में अलास्का और हवाई के आने से अमेरिका 50 राज्यों का संघ बन गया।
You may also like
भारत के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि, किसी भी देश के दबाव में संप्रभुता से समझौता नहीं : सरबजीत सिंह शेंटी
बिहार में कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक को बीवीसी यानी भारत विरोधी कमेटी कहना ज्यादा सही होगा : शहजाद पूनवाला
नैनीताल में अव्यवस्थित पार्किंग पर शिकंजा: 25 से अधिक चालान, टैक्सी-बाइक यूनियन ने किया विरोध
गाय के कत्ल से बनाई जाती` है सैंकड़ों चीजें क्या आप भी रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं ये प्रोडक्ट्स
हमें परमाणु हथियार नहीं चाहिए- संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान बोले