कुरनूल : आंध्र प्रदेश के कुरनूल ज़िले में शुक्रवार तड़के एक दर्दनाक सड़क हादसे में कम से कम 19 बस यात्रियों और एक बाइक सवार की मौत हो गई। यह हादसा सुबह करीब 3 बजे बेंगलुरु हाईवे पर हुआ, जब हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही एक निजी बस मोटरसाइकिल से टकरा गई और देखते ही देखते आग की लपटों में घिर गई। बस में सवार कई यात्रियों ने किसी तरह खिड़कियां तोड़कर और धुएं के बीच जान बचाई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस में सवार अधिकांश यात्री दिवाली की छुट्टियां मनाकर हैदराबाद से बेंगलुरु लौट रहे थे। हादसा इतना भीषण था कि बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई और कई शवों की पहचान तक मुश्किल हो गई।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे से बच निकले यात्रियों ने जो मंजर बताया, वह दिल दहला देने वाला है। बस 26 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुबरमण्यम ए ने बताया कि अचानक बस के भीतर धुआं भर गया। मेरे बगल में बैठे व्यक्ति ने मुझे जगाया और कहा कि बस में धुआं है। मैं घबराकर आगे के दरवाज़े की ओर भागा, लेकिन वह बंद था। कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। तभी किसी ने पीछे का इमरजेंसी एग्ज़िट तोड़ दिया और मैं किसी तरह उस रास्ते से कूदकर बाहर आया। हम सभी डर से चीख रहे थे।
बस के अंदर हर जगह टूटे हुए शीशे
एक अन्य यात्री ने बताया कि बस के भीतर हर जगह टूटा हुआ शीशा और सीटों के टुकड़े बिखरे थे। बच्चों के रोने की आवाजें आ रही थीं। मैं पीछे की खिड़की से किसी तरह बाहर कूदा। तब तक बस पूरी तरह आग की लपटों में घिर चुकी थी। वहीं सुभाष नाम के व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्त किशोर और उनकी मां पी. बेबी के लिए टिकट बुक किए थे। उन्होंने कहा कि किशोर और उनकी मां हैदराबाद में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे। मैंने उनके लिए टिकट बुक किए थे। लेकिन अब दोनों लापता हैं। मैं शब्दों में अपना दुख बयां नहीं कर सकता।
बस के सभी डॉक्यूमेंट पूरे
अधिकारियों के मुताबिक, हादसे में शामिल बस के पास सभी वैध परमिट मौजूद थे। बस ओडिशा रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी द्वारा जारी परमिट पर चल रही थी। बस के मालिक वेमुरी विनोद कुमार हैं, जो ओडिशा के रायगढ़ा के निवासी हैं। यह बस मई 2018 में खरीदी गई थी और पहले दमन और दीव में रजिस्टर्ड थी। बाद में इसका पंजीकरण 29 अप्रैल 2025 को ओडिशा में स्थानांतरित किया गया। अधिकारियों के अनुसार, बस का बेस परमिट अप्रैल 2030 तक वैध है। इसका फिटनेस सर्टिफिकेट मार्च 2027 तक मान्य है और बीमा भी अप्रैल 2026 तक वैध है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे से बच निकले यात्रियों ने जो मंजर बताया, वह दिल दहला देने वाला है। बस 26 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुबरमण्यम ए ने बताया कि अचानक बस के भीतर धुआं भर गया। मेरे बगल में बैठे व्यक्ति ने मुझे जगाया और कहा कि बस में धुआं है। मैं घबराकर आगे के दरवाज़े की ओर भागा, लेकिन वह बंद था। कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। तभी किसी ने पीछे का इमरजेंसी एग्ज़िट तोड़ दिया और मैं किसी तरह उस रास्ते से कूदकर बाहर आया। हम सभी डर से चीख रहे थे।
बस के अंदर हर जगह टूटे हुए शीशे
एक अन्य यात्री ने बताया कि बस के भीतर हर जगह टूटा हुआ शीशा और सीटों के टुकड़े बिखरे थे। बच्चों के रोने की आवाजें आ रही थीं। मैं पीछे की खिड़की से किसी तरह बाहर कूदा। तब तक बस पूरी तरह आग की लपटों में घिर चुकी थी। वहीं सुभाष नाम के व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्त किशोर और उनकी मां पी. बेबी के लिए टिकट बुक किए थे। उन्होंने कहा कि किशोर और उनकी मां हैदराबाद में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे। मैंने उनके लिए टिकट बुक किए थे। लेकिन अब दोनों लापता हैं। मैं शब्दों में अपना दुख बयां नहीं कर सकता।
बस के सभी डॉक्यूमेंट पूरे
अधिकारियों के मुताबिक, हादसे में शामिल बस के पास सभी वैध परमिट मौजूद थे। बस ओडिशा रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी द्वारा जारी परमिट पर चल रही थी। बस के मालिक वेमुरी विनोद कुमार हैं, जो ओडिशा के रायगढ़ा के निवासी हैं। यह बस मई 2018 में खरीदी गई थी और पहले दमन और दीव में रजिस्टर्ड थी। बाद में इसका पंजीकरण 29 अप्रैल 2025 को ओडिशा में स्थानांतरित किया गया। अधिकारियों के अनुसार, बस का बेस परमिट अप्रैल 2030 तक वैध है। इसका फिटनेस सर्टिफिकेट मार्च 2027 तक मान्य है और बीमा भी अप्रैल 2026 तक वैध है।
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