नींद एक ऐसा फैक्टर है, जो स्वस्थ शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह केवल आपके शरीर और ब्रेन को ही रिसेट नहीं करती बल्कि आपको गंभीर बीमारियों से बचाकर फिट रखने में भी अहम भूमिका निभाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स एक स्वस्थ वयस्क को 7 से 9 घंटे की नींद पूरी करने की सलाह देते हैं।
यूएस सीडीसी (ref.) का कहना है कि पर्याप्त नींद लेने से कई चीजों में मदद मिल सकती है, जैसे कि आप बार-बार बीमार नहीं पड़ते, हेल्दी वेट मेंटेन करने में मदद मिलती है, तनाव कम होता है और मूड में सुधार होता है, टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज, हाई बीपी और स्ट्रोक जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को खतरा कम होता है, हार्ट हेल्थ और मेटाबॉलिज्म सुधरता है, ध्यान और याददाश्त में भी सुधार होता है।
हालांकि विभिन्न स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानने के बाद भी लोग नींद पूरी करने पर ध्यान नहीं देते हैं। अक्सर महिलाओं को भी कम नींद लेते देखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले अधिक नींद लेने की जरुरत होती है। लेकिन ऐसा क्यों होता है, आइए जानते हैं।
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क्या महिलाओं को अधिक नींद की जरूरत है?
वैसे तो एक्सपर्ट हमेशापुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान मात्रा में सोने की सलाह देते हैं,लेकिन शोध से पता चलता है कि महिलाओं को आमतौर पर अपनी नींद को प्रभावित करने वाली अधिक समस्याएं होती हैं। महिलाओं के पूरे जीवनकाल में हार्मोन में उतार-चढ़ाव, उनके नींद के पैटर्न को प्रभावित कर सकता है।
क्यों होती है अधिक नींद की जरूरत
Cleveland clinic की रिपोर्ट में स्लीप डिसऑर्डर स्पेशलिस्ट मिशेल ड्रेरुप, PsyD, के हवाले से बताया गया है कि महिलाओं को आमतौर पर अपनी नींद को प्रभावित करने वाली अधिक समस्याएं होती हैं, इसलिए बाधित नींद या खराब गुणवत्ता वाली नींद की भरपाई के लिए उन्हें इसकी थोड़ी अधिक आवश्यकता हो सकती है।
इन वजहों से महिलाओं की नींद होती है प्रभावित
हार्मोनल परिवर्तन
अवसाद और चिंता
स्लीप डिसऑर्डर्स आदि।
पुरुषों के मुकाबले पड़ती है अधिक नींद की जरूरत

इसके अलावा 2020 के एक अध्ययन में पाया गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इनसोम्निया का अनुभव होने की संभावना 58 फीसदी अधिक है,जिससे उन्हें घंटों करवट लेने और करवट लेने की कोशिश में कुछ अतिरिक्त नींद मिल सकती है।
यही नहीं शोध से पता चलता है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में सभी तरह के नींद डिस्टर्बेंस का अनुभव होने की अधिक संभावना है,जिसमें रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (आरएलएस) और स्लीप एपनिया भी शामिल हैं। इससे महिलाओं को आराम महसूस करने के लिए अधिक नींद की आवश्यकता हो सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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